Durga Puja : “रामकृष्ण मठ निराला नगर में छः दिवसीय दुर्गा पूजनोत्सव का शुभारंभ”
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रिपोर्ट- अमित चावला
लखनऊ, उप्र।
रामकृष्ण मठ निराला नगर प्राचीन परमपरा के अन्तर्गत अपने वृहद प्रांगण में छः दिवसीय श्री श्री दुर्गा पूजनोत्सव का आयोजन 27 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक पारम्परिक धार्मिक रीतिरिवाजों के अनुसार मना रहा है .इस पूजनोत्सव के उद्घाटन के प्रथम दिन सुबह 4.30 बजे मंगल आरती के पश्चात स्वामी मुक्तिनाथानंन्द महाराज द्वारा एक धार्मिक प्रवचन दिया गया.शाम 6ः30 बजे से बोधन का आयोजन किया गया.
बोधन एक ऐसा धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें देवता का स्वागत समारोह या यू कहे कि एक तरह से देवी की प्रतिमा में उनका आहवाह्न करने की क्रिया होती है जिसमे देवी दुर्गा अपने पूरे परिवार जिसमें उनकी दो बेटियां, देवी लक्ष्मी और सरस्वती, क्रमशः धन और ज्ञान की देवी, साथ ही साथ उनके दो बेटे गणेश और कार्तिक सफलता और शक्ति के देवता हैं.पंचमी की संध्या पर देवी जी का बोधन (आवाहन) नौ प्रकार के पौधों से किया गया यथा : केला, काला घुईयॉ, हल्दी, जयन्ती, मन घुईयॉ, अशोक, धान, अनार एवं बेल इत्यादि.
बोधन का पूजन रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, मायलापुर, चेन्नई के स्वामी सत्यविदानन्दकी देखरेख में तथा रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, सिकरा-कुलिग्रम के ब्रह्मचारी हीमाद्री द्वारा पूजा की गई. जिसमें सपरिवार देवी दूर्गा को अनुष्ठानिक स्वागत हुआ.पूजा के प्रांगण में अनेक श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित थे.
रामकृष्ण मठ, लखनऊ के सन्यासी एवं भक्तों द्वारा प्राचीन परम्परा के अनुसार आगमणि गीत समूह में रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द के नेतृत्व में रामकृष्ण मठ, लखनऊ के सन्यासीवृन्द व ब्रह्मचारियों द्वारा प्रस्तुति दी गयी. देवी की सजावट व पुष्पाहार आदि कलकत्ता से आए भक्तों ने किया.देवी पूजा के साथ-साथ पूजा के अधिष्ठातृ देवता श्री श्री नारायण को शालीग्राम शिला के माध्यम से आराधना किया गया.पूजा के उपरान्त उपस्थित भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया.
28 सितम्बर को सुबह 6ः15 बजे षष्ठी पूजा आध्यात्मिक निषेधाज्ञा के अनुसार शुरू होगी और षष्ठ्यादि कल्पारम्भ पूजा, चण्डी (चण्डी पाठ), आमन्त्रण एवं अधिवास एवं आगमणि गीत गायन हुआ.