High Court Order : एसपी सुल्तानपुर को हाई कोर्ट का नोटिस, 28 जुलाई को पेश होने का आदेश
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REPORT BY ANKUSH YADAV
SULTANPUR NEWS।
बहुचर्चित अधिवक्ता महेंद्र प्रताप मौर्य हत्याकांड में जेल भेजे गए आरोपी विकास पाल व उनके बड़े पिता राजाराम पाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए याची बबिता पाल ने हाईकोर्ट की शरण ली है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने बबिता की याचिका पर संज्ञान लेते हुए एसपी सुल्तानपुर को घटना की जांच कराने के संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने व थाने से जुड़ी तीन दिनों की सीसीटीवी फुटेज व सम्बंधित पुलिसकर्मियों की सीडीआर व लोकेशन रिपोर्ट सुरक्षित कर पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि तय की है।
अखंडनगर थाने के मरुई किशुनदासपुर निवासी अधिवक्ता महेंद्र प्रताप मौर्य की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के भाई सीताराम मौर्य ने 3- 4 अज्ञात व्यक्तियों के जरिये गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया और पड़ोस के ही रहने वाले राजाराम पाल पर जमीनी
विवाद को लेकर घटना करने का संदेह व्यक्त किया। पुलिस ने आरोपी राजाराम पाल व उनके भतीजे विकास पाल को जेल भेजने की कार्रवाई भी आनन-फानन में कर दी। विकास पाल की पत्नी बबिता पाल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए गंभीर आरोप लगाए है। आरोप के मुताबिक अखंडनगर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उनके पति व बड़े ससुर की गिरफ्तारी दर्शाकर गलत तरीके से उन्हें जेल भेज दिया,याची ने उन्हें निर्दोष बताया है।
आरोप के मुताबिक थाना प्रभारी दीपक कुशवाहा, एसआई कन्हैया कुमार पाण्डेय, हेड कांस्टेबल अनिल मौर्य,कांस्टेबल प्रदीप कुमार व धर्मेन्द्र व अन्य विकास व राजाराम को फर्जी तरीक़े से फंसाने के लिए मनगढ़ंत कहानी तैयार कर उन्हें मनमुताबिक स्थानों पर ले गए और इनकाउंटर की धमकी देकर फर्जी तरीके से तमंचा बरामद दिखाकर उन्हें जेल भेज दिया। हाईकोर्ट ने बबिता पाल की याचिका पर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कराने के लिए एसपी सुल्तानपुर को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
वहीं आठ जून की रात 11:50 बजे से लेकर 10 जून की रात 11:50 बजे तक अखंडनगर थाने की सीसीटीवी फुटेज पेन ड्राइव के साथ पेश करने व सम्बंधित पुलिस कर्मियों की सम्बंधित तिथि की सीडीआर व लोकेशन समेत अन्य साक्ष्यों को पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को इस आदेश की सूचना अविलम्ब देने का भी आदेश पारित किया है।
याची बबिता ने पुलिस की जांच पर अविश्वास जताते हुए हाईकोर्ट से जांच एजेंसी बदलने की भी मांग की है। अधीनस्थों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होने के चलते मामला हाईकोर्ट तक पहुँच जाने की वजह से जिले के एसपी को भी हाईकोर्ट के कड़े आदेश का सामना करना पड़ रहा है।