HEALTH NEWS : फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने से कई परिवारों ने किया मना, बताई ये वजह !
1 min read
REPORT BY SATISH SHUKLA
AMETHI NEWS।
जनपद के जामो और मुसाफिर खाना ब्लाक में आईडीए अभियान चल रहा है जिसके तहत लोगों को फ़ाइलेरियारोधी दवा घर-घर जाकर खिलाई जा रही है | इसी क्रम में बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने ऐधी आयुष्मान आरोग्य मंदिर क्षेत्र का भ्रमण किया |ऐधी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के अधीन गाँव डिहवा में छह परिवार के लगभग 25 लोग फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से मना कर रहे थे।
सीएमओ ने समझा बुझा कर खिलवाई दवा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने परिवार के सदस्यों से बात की और परिवार के लोगों के सामने अन्य लोगों को फ़ाइलेरियारोधी दवा खिलाई | उन्हें बताया कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं| गाँवों में अन्य लोगों ने इन फ़ाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन किया है सभी स्वस्थ हैं |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फ़ाइलेरिया जिसे हाथी पाँव कहते हैं यह मच्छर के काटने से होने वाली संक्रामक और लाइलाज बीमारी है | मच्छर के काटने के पांच से 15 साल बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं | तब तक वह अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमित कर चुका होता है और देर हो चुकी होती है क्योंकि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है | यह बीमारी जान तो नहीं लेती है लेकिन व्यक्ति का जीवन दूभर कर देती है |
उन्होंने लोगों से कहा कि उन व्यक्तियों में फ़ाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद तबियत खराब होती है जैसे चक्कर आना, शरीर पर चकत्ते पड़ना आदि जिनके शरीर में फ़ाइलेरिया के परजीवी थे और दवा सेवन के बाद इन परजीवियों की मृत्यु हो गयी |
यह तो अच्छी बात है कि पता चल गया कि उनके शरीर में फ़ाइलेरिया के परजीवी थे और दवा सेवन के बाद अब वह सुरक्षित हैं | परिवार के लोगों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बातें समझ में आयीं और उन लोगों ने फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया |
जामों एवं मुसाफिरखाना ब्लॉक में दो दिनों 25,600 लोगों ने दवा का किया सेवन
नोडल अधिकारी डॉ. राम प्रसाद ने ताया कि जनपद में अभियान शुरू हुए दो दिन हो गए हैं और अब तक दोनों ब्लाक में 25,600 लोगों ने फ़ाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया है | मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निरीक्षण के दौरान सुशील कुमार सहायक मलेरिया अधिकारी, विनीत कुमार मौर्य जिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता , सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) और प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल(पीसीआई) के प्रतिनिधि मौजूद रहे।