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BUDGET-2025 : उम्मीदों की कसौटी पर खरा बजट

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PRESENTED BY ARVIND JÀYTILAK 

देश के विपक्षी दल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट की चाहे जितनी निंदा और आलोचना करे लेकिन देश का आमजन, मध्यम वर्ग, कारपोरेट जगत और शेयर बाजार बजट से उत्साहित और संतुष्ट है।

इसलिए कि वित्तमंत्री ने अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को गतिशील करने के लिए करों का बोझ बढ़ाने और सब्सिडी पर कैंची चलाने से परहेज करते हुए बजट को मानवीय रुप देने की भरपूर कोशिश की है। उन्होंने सभी वर्गों का भरपूर ख्याल रखते हुए विकास का क्रांतिकारी बजट पेश किया है। उन्होंने बजट में सामाजिक सरकारों और आर्थिक सुधारों के बीच बेहतर संतुलन स्थापित करते हुए अर्थव्यवस्था को नई उड़ान दी है।

माना जा रहा है कि इस बजट से औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों के पहिये नाच उठेंगे और वर्षों से आस लगाए मध्यम वर्ग के लोगों के हाथ में पैसा आएगा। गौर करें तो यह बजट मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, भरपूर निवेश, टिकाऊ विकास और अधिकतम रोजगार की संभावनाओं से लैस है।

वित्तमंवत्री ने टैक्स दर में व्यापक बदलाव किया है जिससे कि बाजार में नकदी की आमद बढ़ेगी। वित्तमंत्री बधाई की पात्र हैं कि उन्होने बजट को लोकलुभावन स्वरुप देने के बजाए आमजन और राष्ट्र के कल्याण के अनुरुप आकार दिया है।

बजट के आंकड़ों पर नजर डालें तो उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय 34.96 लाख करोड़ तथा 50.65 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। राजकोषिय घाटा जीडीपी का 4.4 फीसदी और सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।

वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रहने का अनुमान है जो कि जीडीपी का 3.1 फीसदी है। देखें तो खर्च बढ़ने के बावजूद भी सरकार घाटा को नियंत्रित करने में सफल रही है। चूंकि बजट के प्रावधानों के मुताबिक पूंजीगत खर्च में रिकार्ड इजाफा हुआ है उससे सार्वनिक ढांचे को मजबूती मिलनी तय है और इससे रोजगार भी सृजित होंगे।

यह सच्चाई भी है कि बुनियादी ढांचे मे ंनिवेश से आर्थिक विकास को गति मिलती है और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के भरपूर अवसर सृजित होते हैं। गौर करें तो इस वित्त वर्ष में विकास दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि वैश्विक परिदृश्य के लिहाज से संतोषजनक है।

बजट में खर्च संबंधी जो प्रावधान किए गए हैं उसके मुताबिक देश के सभी वर्गों को अपेक्षित लाभ मिलना तय है। सरकारी खर्च बढ़ाने के कारण यह बजट युवाओं, मध्यम वर्ग, महिलाओं, किसानों और अनुसूचित जनजातियों के हित में होगा। निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने से अगले एक वर्ष में तकरीबन कई लाख नौकरियां सृजित होंगी और बेरोजगारी का ग्राफ गिरेगा।

गौर करें तो मध्यम वर्ग कई वर्षों से इनकम टैक्स में छूट की आस लगाए बैठा था। वित्तमंत्री ने उनकी इच्छा पूरी की है। उन्होंने सैलरीड क्लास के लिए 12 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स न लगाकर भारी राहत दी है। मजेदार बात यह कि सैलरीड क्लास के लोगों को 75000 रुपए के स्टैंडर्ड डिडेक्शन का फायदा भी मिलता रहेगा।

एक आंकड़े के मुताबिक पहले 16 लाख की कमाई करने वालों को 170000 रुपए टैक्स देना पड़ता था। अब नए टैक्स के मुताबिक अब उन्हें सिर्फ 120000 रुपए ही टैक्स देना होगा। अर्थात 50000 रुपए की बचत होगी। यह बचत बाजार को गुलजार करेगा और अर्थव्यवस्था गतिशील होगी।

गौर करें तो विकास का पहिया चार तरह के इंजनों के बूते दौड़ता है। एक, निजी निवेश यानी नई परियोजनाओं में निजी क्षेत्र का निवेश। दूसरा, सार्वजनिक खर्च यानी बुनियादी ढांचे वाली विकास परियोजनाओं में सरकार का निवेश। तीसरा, आंतरिक खपत यानी वस्तुओं व सेवाओं की खपत। और चौथा वाह्य खपत यानी वस्तुओं का निर्यात। अच्छी बात है कि वित्तमंत्री ने बजट के जरिए इन चारों इंजनों को गतिशील करने की कोशिश की हैं।

वित्तमंत्री ने बजट में विकास के प्रथम इंजन के रुप में कृषि को मजबूती देने के लिए राज्यों की भागीदारी से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरु करने का एलान की हैं। इससे 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। वित्तमंत्री ने बजट में दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए तूर, उड़द और मसूर पर विशेष फोकस बढ़ाने के साथ 6-वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भता’ मिशन को धार देने की नीति बनाई है।

आर्थिक रुप से पिछड़े राज्य बिहार में मखानों का उत्पादन, प्र्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। सरकार अंडमान और निकोबार एवं लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क लाएगी।

निःसंदेह इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के रोजगार में वृद्धि होगी और उनका जीवन सुधरेगा। देश में अकसर कपास उत्पादन से जुड़े किसानों के आत्महत्या की खबरें सुर्खियां बनती हैं। वित्तमंत्री ने कपास उत्पादन से जुड़े किसानों की बेहतरी के लिए 5-वर्षीय मिशन का एलान की है जिससे किसानों का कल्याण होगा। कृषि कार्य से जुड़े देश के करोड़ों किसानों को कृषि उपक्रम हेतु नकदी की कमी न हो इसके लिए वित्तमंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी हैं। यह किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

वित्तमंत्री ने नामरुप असम में 12.7 लाख मिट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र की स्थापना का एलान किया है। इस संयंत्र की स्थापना से यूरिया उत्पादन में व्यापक वृद्धि होगी। वित्तमंत्री ने विकास के दूसरे इंजन के रुप में एमएसएमई को संजीवनी देने के लिए भी जबरदस्त पहल की है। उन्होंने सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर तकरीबन ढ़ाई गुना कर दी हैं। अब 5 लाख रुपए की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी किए जाएंगे।

स्टार्टअप के लिए दस हजार करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी। महिलाओं, अनुसूचित जातियों, जनजातियो सरीखे पहली बार के उद्यमियों की हौसला आफजाई के लिए पहले वर्ष में 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराने की एक नई योजना का एलान किया गया है। निःसंदेह इस पहल से हाशिए के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूती होगी।

फुटवियर, लेदर और खिलौने उत्पादन से जुड़े लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए वित्तमंत्री की पहल सराहनीय है। उन्होंने इस क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के निमित्त 4 लाख करोड़ का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद योजना को मूर्त रुप देने का एलान किया है। वित्तमंत्री ने अपने बजट में विकास के तीसरे इंजन के रुप में निवेश को बढ़ावा देने के लिए ढ़ेर सारे उपाय की हैं। मसलन भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दी हैं। इसके अलावा उन्होंने नवाचार में निवेश को बढ़ावा देने, डीपटेक फंड ऑफ फंडस, प्रौद्योगिकी अनुसंधान फैलोशिप, नेशनल जिओ स्पेटियल मिशन, ज्ञान भारतम मिशन, ग्रामीण क्रेडिट स्कोर और पर्यटन पर विशेष फोकस की है।

उन्होंने विकास के चतुर्थ इंजन के रुप में निर्यात में प्रोत्साहन के लिए बजट में ढ़ेर सारे प्रावधान किए हैं। मसलन वाणिज्य मंत्रालय एमएसएमई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रुप से संचालित निर्यात संवर्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों के लिए लक्ष्य तय किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इसके अलावा उन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूती देने के लिए 2.33 लाख करोड़ रुपए आवंटित की है। यह पिछले बजट से 13567 करोड़ रुपए अधिक है। वित्तमंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया हैं जो पिछले बजट से तकरीबन 9 फीसदी ज्यादा है।

इसी तरह शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए बजट में व्यापक इजाफा किया है। कुल मिलाकर वित्तमंत्री का बजट अर्थव्यवस्था को गतिशील और भारत राष्ट को समृद्ध बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

नोट – उक्त बजट समीक्षा में लेखक के अपने विचार हैं।

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