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EVENT ORGANIZED : पं. दीनदयाल स्मृति महोत्सव मेला में विभिन्न कार्यक्रम हुए आयोजित

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REPORT BY MUKESH SHARMA

DEENDAYAL DHAM (FARAH) I 

पं० दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया I जिसमें शामिल होने के लिये दूर-दराज से लोगों का आने का सिलसिला जारी है I आयोजित कार्यक्रमों में भारी भीड़ उमड़ रही है I

पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प

पं० दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार को विश्व पर्यावरण संरक्षण पर चिंता व्यक्त की और पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया। प्रो० के एस राणा पूर्व कुलपति एवं ट्रेड कमिश्नर ओमान इंडिया ने भूमि, जल, वायु, वृक्ष और ध्वनि प्रदूषण पर लोगों को सचेत किया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ाने के लिए हम स्वयं दोषी हैं। उन्होंने आर०ओ० के पानी को सुरक्षित नही सबसे खतरनाक बताया।

प्रोफेसर ने कहा कि नई पीढ़ी को इस ज़िम्मेदारी को निभाना होगा कि कैसे वातावरण को प्रदूषण को बचा जाय और संरक्षण किया जाय। सी० ए० कैलाश गोदुका राष्ट्रीय महासचिव जलाधिकार फाउंडेशन के कहा कि पानी नही बिकना चाहिए इस पर मनुष्य के साथ ही पशु पक्षी सभी का अधिकार है। पानी की कोई कमी नही है, बस इसके सही प्रबंधन की आवश्यकता है।

रणवीर सिंह पर्यावरण गतिविधि प्रमुख राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने प्रदूषण दूर करने और पर्यावरण संरक्षण के उपाय बताए। महामंडलेश्वर स्वामी चरित्र प्रकाशानंद गिरि श्री अखाड़ा चिरंजनी कहा कि हम सभी का मन प्रदूषित हो गया है यह बहुत समय तक गुलामी में रहने के कारण उससे प्रभावित होकर अपनी संस्कृति को भूलने से हुआ है। दिमाग में भर दिया गया है कि हम पृथ्वी का दोहन करें। जिसका परिणाम प्रदूषण की समस्या हो गई है। प्रोफेसर राजीव उपाध्याय ने भी विचार व्यक्त किए।

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली आगरा- मथुरा की संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मथुरा से चंद्र प्रकाश सिंह सिकरवार पत्रकार एवं सदस्य राजस्व भू जल प्रबंध परिषद को भूजल जागरूकता के लिए सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों का मेला अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा मंत्री मनीष अग्रवाल को कोषाध्यक्ष नरेंद्र पाठक द्वारा सम्मानित किया गया। संचालन इंजीनियर दिवाकर तिवारी ने किया।

देसी गोवंश में जीती परखम गोशाला

मंगलवार को पं. दीनदयाल स्मृति महोत्सव मेला में आयोजित गो पूजन और स्वस्थ्य गोवंश प्रतियोगिता में देसी गाय ने निर्याणकों को लुभाया। चाल, ढाल और सेहत के आधार पर परखम गांव स्थित कामधेनु गोशाला की देसी गाय ने पहला पुरस्कार जीता। शुभारंभ कामधेनु गोशाला समिति के मंत्री हरीशंकर ने गो पूजन से किया। द्वितीय पुरस्कार दीनदयाल धाम निवासी अमित पाठक और तृतीय पुरस्कार दीनदयाल धाम की चंद्रकांता की गाय को मिला।

प्रतियोगिता में शामिल सभी गोपालको को बाल्टी, गुड़, दाना और नकद राशि दी गई, जबकि विजेता गोपालकों को नकद राशि, बाल्टी दी गई। इस दौरान अखिल भारतीय गो सेवा संयोजक अजीत महापात्र, पूर्व प्रधान राजेंद्र प्रसाद शर्मा, राकेश शर्मा, राजदर्शन पचौरी,हेमंत, नरेंद्र आदि मौजूद रहे।

रामरुप में मंच पर उतरे बच्चों ने लुभाया

भगवान श्रीराम स्वरुप प्रतियोगिता में बच्चों के नखरे और अदा देखकर दर्शक मुग्ध हो गए। श्रीराम के स्वरूप में सजकर मंच पर आए 45 बच्चों के नखरे आयोजकों के साथ निर्याणकों को लुभाते रहे। सुबह हुई प्रतियोगिता का शुभारंभ गोवर्धन विधायक मेघश्याम सिंह ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर दीप प्रज्वलित करके किया।

कार्यक्रम संयोजक ओमप्रकाश शर्मा, राजेन्द्र शर्मा ने अतिथि परिचय कराया प्रतियोगिता में वैष्णवी प्रथम, हर्ष पांडेय द्वितीय, उत्कर्ष पांडेय तृतीय रहे, जबकि सांत्वना पुरस्कार काव्या को मिला।

इस अवसर पर अध्यक्ष सोहन लाल शर्मा, मंत्री मनीष अग्रवाल, सर्व व्यवस्था प्रमुख नीरज गर्ग, ओमप्रकाश शर्मा, सुषमा शर्मा, कमलेश चौहान, एकता जैन, सुषमा दीक्षित ,संतोष कुमारी, प्रमिला राजपूत आदि मौजूद रहे। निर्याणक बीडीओ नेहा रावत, अंजलि पटेल, अंजना शर्मा और खुशबू वर्मा रहे। संचालन एकता जैन ने किया।

फूलों की होली पर झूमा दीनदयाल धाम

सोमवार रात दर्शक मयूर नृत्य की प्रस्तुति पर रीझते रहे। फूलों की होली की प्रस्तुति पर दीनदयाल धाम झूम उठा। संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कार भारती मथुरा और लखनऊ से आए कलाकारों ने गणेश वंदना के बाद महारास आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर मंच को झूमने पर विवश कर दिया।

शुभारंभ स्मारक समिति के निदेशक सोनपालजी ने किया। इस दौरान केके शुक्ला, विजय पाठक, सह सर्व व्यवस्था प्रमुख दिनेश गौड़, सुरेश सिंह तरकर, भीकम चंद दुबे, राजाराम तिवारी आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन 

कोटि- कोटि वंदन है मेरा गुरुवर दीनदयाल को

स्मृति महोत्सव मेला में कवियों ने भोर की पहली किरण तक काव्य की धारा बहाई। वीर रस, ओज रस और श्रृंगार रस के साथ हास्य रस की गंगा में श्रोता पूरी रात डुबकी लगाते रहे। देश प्रेम की रचनाओं को श्रोताओं ने भरपूर दुलार दिया।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ भिंड से आए प्रतीक सिंह ने मां शारदे की वंदना से करते हुए कहा- सत्य- झूठ का ज्ञान रहे मां, क्षमताओं का भान रहे मां, प्राणों की शुचिता बनी रहे, वाणी में कविता बनी रहे। राजस्थान प्रतापगढ़ से आए पार्थ नवीन ने यूपी के अंदर क्या है, यूपी के बाहर क्या है सुनाकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।

कवि संयोजक सचिन दीक्षित ने वीर रस की कविता सुनाकर श्रोताओं में ऊर्जा का संचार किया। मुकेश शांडिल्य ने हास्य के माध्यम से श्रोताओं को जमकर गुदगुदाया I धौलपुर से आईं सपना सोनी ने श्रंगार रस के साथ गीत सुनाकर श्रोताओं की जमकर वाह-वाही लूटी। औरेया के आए अंजय अंजाम ने महाराणा प्रताप और चेतक से जुड़ी कविता सुनाकर पंडाल को हिला दिया।

उन्होंने कहा- चेतक तेरी सौगंध मुझे मेवाड़ कभी गुलाम नहीं होगा। दीपक दनादन ने भी हास्य के ऐसे दनादन बाण छोड़े कि श्रोता खुद को हंसने से नहीं रोक सके। मनवीर मधुर से बृज से संबंधित कविता सुनाकर दर्शकों को पुलकित कर दिया।

मुन्ना बैटरी ने श्रोताओं के पेट में हास्य कविताओं से जमकर गुदगुदी की। डा. रुचि चतुर्वेदी ने श्रंगार रस से जुड़ी रचनाएं और गीत सुनाकर दर्शकों को बृज से जोड़ा। उन्होंने कहा कि सारा देश नमन करता है भारत के भाल को, कोटि- कोटि वंदन है मेरा गुरुवर दीनदयाल को।

मंदसौर से आए डा. शशि यादव ने संचालन करते हुए गीत, छंद और कविताएं सुनाईं। कहा कि लाल चौक से मिली थी कभी चुनौती, हर घर तिरंगा फहरा दिया। एक अन्य रचना प्रस्तुत करते हुए उन्होंने सुनाया- अबकी कोई भ्रम न हम भारत को बांटेंगे, अबकी हमने ठान लिया है गर्दन काटेंगे। धौलपुर से आए रामबाबू सिकरवार ने पैरोड़ी सुनाई; अर्जुन सिंह सिसौदिया ने वीररस की कविता सुनाकर खूब तालियां बटोरी।

कवि सम्मेलन के अंत में राष्टीय कवि डा. विष्णु सक्सेना ने प्रेमरस के सागर में श्रोताओं को डुबोया। गजल, गीत और मुक्तक से श्रोताओं को रिझाया। कहा कि प्यास बुझ जाए तो शबनम खरीद सकता हूं, जख्म मिल जाएं तो मरहम खरीद सकता हूं। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने श्रोताओं की मांग पर कई मुक्तक सुनाए। कहा कि- कृष्ण की बांसुरी पर भरोसा रखो मन कहीं भी रहे पर डिगेगा नहीं, रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा, आईं लहर कुछ भी बचेगा नहीं।

इससे पहले कवि सम्मेलन का शुभारंभ पूर्व मंत्री रविकांत गर्ग, मुकेश खंडेलवाल, मेला कोषाध्यक्ष नरेंद्र पाठक, संयोजक जगमोहन पाठक, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, चेयरमैन सालिगराम वटिया, सोहनलाल शर्मा, महीपाल सिंह, निदेशक सोनपाल,नीरज गर्ग आदि ने किया। इस दौरान अशोक शर्मा, ब्रजमोहन गौड़, हरगोविंद, राजदर्शन पचौरी, नरेंद्र पाठक, अशोक पाठक, बालकिशन अग्रवाल टैंट वाले, मौनू पाठक, सुरेश तरकर, राजेन्द्र शर्मा आदि ने कवियों का स्वागत किया।

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