UNIFIED PENSION SCHEME : यूपीएस के विरोध में आक्रोश मार्च में सड़कों पर उतरे शिक्षकों और कर्मचारियों का जनसमुदाय
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यू पी एस के विरोध में आक्रोश मार्च में उमड़ी शिक्षकों और कर्मचारियों की भीड़
यू पी एस गो बैक और पुरानी पेंशन बहाल करो के नारों से गूंजी गौरीगंज की सड़कें
अटेवियन्स के निशाने पर रहे राजनेता -,हमें नई , तुम्हें पुरानी, नहीं चलेगी ये मनमानी
एक देश, एक विधान, पेंशन सबकी हो एक समान
REPORT BY S.BHARTI
AMETHI NEWS I
केन्द्र सरकार की ओर से लाई गई पेंशन स्कीम -यू पी एस के विरोध में अटेवा और एन एम ओ पी एस के आह्वान पर गुरुवार को आक्रोश मार्च में सड़कों पर शिक्षकों और कर्मचारियों का सैलाब उमड़ा। कम्पोजिट विद्यालय पचहरी से निकला आक्रोश मार्च कलेक्ट्रेट गौरीगंज में जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के साथ समाप्त हुआ।
आक्रोश मार्च में अटेवा के साथ पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, शैक्षिक महासंघ और उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई संघ से जुड़े हजारों शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए। आक्रोश मार्च का नेतृत्व अटेवा के जिला अध्यक्ष मंजीत यादव, महामंत्री अजय कुमार मौर्य और सैयद अली वाकर ने किया।
पुरानी पेंशन बहाल करो,बहाल करो,बहाल करो,यूं पी एस गो बैक, शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद जिंदाबाद, अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है,—–आदि गगनभेदी नारों के साथ आक्रोश मार्च लगभग सवा तीन बजे कम्पोजिट विद्यालय भादर -प्रथम से शुरू हुआ।
ओवर ब्रिज होते हुए, जिला पंचायत कार्यालय से आगे बढ़ते हुए कलेक्ट्रेट मोड़ तक पहुंचा। कलेक्ट्रेट मोड़ पहुंचते ही बाइक सवार शिक्षकों और कर्मचारियों का उत्साह और बढ़ गया और नारों की आवाज कम होने के बजाय और तेज हो गई।
शिक्षक और कर्मचारी लगभग सवा चार बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे।इस बीच आसमान में बादल छा गए, बादलों ने गर्मी से राहत पहुंचाई और कलेक्ट्रेट में जोरदार नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अपर जिलाधिकारी को दिया गया।
अटेवा के जिला अध्यक्ष मंजीत यादव ने ज्ञापन पढ़कर सुनाया और कहा कि केंद्र सरकार यह स्वीकार कर चुकी है कि एन पी एस कर्मचारियों के हित में नहीं है, इसलिए यू पी एस लाई है, परंतु यू पी एस,एन पी एस से भी बुरी स्कीम है।यह भारतीय संविधान की मूल भावना के विपरीत है, शिक्षकों और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं देती। पुरानी पेंशन से कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं है।
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष जयराम कनौजिया, संजीव कुमार, महामंत्री रमाकांत मौर्य, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह, मंत्री श्री राम सोनी,पी पी एस के अध्यक्ष महेन्द्र मिश्र, उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष राम अंजोर प्रजापति, महामंत्री सुनील मौर्य, पूर्व जिला अध्यक्ष अंकुर जायसवाल, भीम आर्मी के अरूण कुमार शास्त्री,आर डी सहगल,देवांशु सिंह, कपिलेश यादव, उमेश त्रिपाठी, अवनीश वर्मा, विजय प्रताप यादव,वसीम अहमद, सतीश शर्मा, रमाशंकर यादव, अर्पित, सालेहा खातिर जमा, अरविंद मौर्य, त्रिभुवन दत्त, रामबली गौतम, राजेश अकेला, वंशराज, राजकुमार साहू, के पी सविता,शरद सिंह ,अंकित त्रिपाठी, हरिकेश यादव, सुशील यादव,पवन यादव, नागेन्द्र प्रताप सिंह, राजीव साहू, रणजीत कुमार,सुमन सिंह, शिवम् शुक्ल, आशीष गुप्ता ,मो असगर, प्रियदर्शन, सुजाता पासी, वीरेंद्र आदि मौजूद रहे।
आन्दोलन के साथ खड़ी हुई जनता
आक्रोश मार्च के दौरान सड़कों के किनारे खड़े होकर पब्लिक के लोग वीडियो और फोटो बनाते नजर आए। तमाम युवा हाथ उठाकर नारे बाजी में शामिल होकर अटेवियन्स की मांग का समर्थन करते नजर आए
जवानी और बुढ़ापे का सामने आया अजब समन्वय
आक्रोश मार्च के दौरान नौजवान शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ पुरानी पेंशन वाले पचपन और अट्ठावन बसंत पूरा कर चुके तमाम शिक्षक बाइक पर बैठ कर ओ पी एस की लड़ाई को मजबूत करते देखे गए।
पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अब्दुल रसीद,अटेवा के जिला कोषाध्यक्ष देवांशु सिंह की बाइक पर बैठ कर आक्रोश मार्च में आगे बढ़ते हुए संघर्ष के लम्बे सफ़र में हर तरह से सहभागी बने रहने का संकल्प करते देखे गए।
आक्रोश मार्च में शिक्षकों के बाद सबसे अधिक संख्या सफाई कर्मचारियों की देखी गई। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी मार्च में शामिल हुई।