WOLF ATTACK : ऐसा क्या हुआ कि बौखलाया लंगड़ा आदमखोर भेड़िया दो महिलाओं पर कर दिया हमला !
1 min read
REPORT BY LOK REPORTER
LUCKNOW NEWS I
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महसी तहसील के 50 गांव में आदमखोर भेड़ियों ने आतंक मचा रखा था।भेड़ियों के हमले में 10 लोगों की जान चली गई है और 50 से अधिक लोग घायल हैं।आतंक का पर्याय बने पांच आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है।पांच आदमखोर भेड़ियों के पकड़े जाने के बावजूद भी भेड़िए की दहशत कम नहीं हो रही।आदमखोर भेड़िया और अक्रामक हो गया है। साथी भेड़ियों के पकड़े जाने के बाद से लंगड़ा भेड़िया बेहद गुस्से में है।गुरुवार की रात आदमखोर भेड़िए ने दो महिलाओं पर जानलेवा हमला किया है।इससे साबित हो रहा है कि आदमखोर लंगड़े भेड़िए के मुंह में खून लग चुका है।
महसी थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव में गुरुवार रात लगभग 10 बजे 28 वर्षीय की गुड़िया कमरे में अपनी बेटी को सुला रही थी।गुड़िया पर अंधेरे में आदमखोर भेड़िए ने हमला कर दिया। गुड़िया के गले और चेहरे पर गहरे घाव हैं।परिवार के लोगों का कहना है बारिश हो रही थी इसलिए छत पर नही सोए,पति और कुछ बच्चे बरामदे में सो रहे थे,पत्नी अंदर कमरे में बेटी को सुला रही थी,दरवाजा नहीं था तभी भेड़िए ने अटैक किया। महिला को जिला अस्पताल में रेफर किया गया जहां गुड़िया का इलाज चल रहा है। गुड़िया के पति का कहना है उन्होंने अपनी आंखों से देखा भेड़िए को जो जंगल मे भाग गया।
महसी थाना क्षेत्र के सम्मनपुरवा गांव में आदमखोर भेड़िए ने दूसरा हमला किया। सुबह लगभग 3 बजे 45 वर्षीय की मुकिमुन सुबह शौच के लिए घर से बाहर आई थी।बिजली नही थी अंधेरा था,पीछे से आदमखोर भेड़िए ने हमला किया।मुकिमुन के कंधे और सिर पर घाव है।मुकिमुन को भी इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि बहराइच जिले की महसी तहसील में मार्च से अब तक आदमखोर भेड़ियों के हमलों में नौ बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हुई है और 50 घायल हुए हैं।सरकार ने इसे वन्यजीव आपदा घोषित किया है।इन 10 मौतों में आठ लोगों की मौतें पिछले दो महीनों में हुई हैं,जबकि 50 गांवों के लोग दहशत के साए में जी रहे हैं।वन विभाग ने 17 जुलाई से आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन भेड़िया शुरू किया है। आदमखोर भेड़ियों के झुंड में से पांच को पहले ही पकड़ लिया गया है।झुंड के छठे आदमखोर भेड़िये को खोजने के प्रयास चल रहे हैं,जिसकी तस्वीरें पिछले महीने ड्रोन कैमरे के जरिए देखी गई थीं।
परियोजना अधिकारी डीएफओ खीरी ने बाघ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश
परियोजना अधिकारी दबीर हसन व लखीमपुर डीएफओ संजय विश्वाल ने बाघ प्रभावित ग्राम मूड़ा अस्सी के क्षेत्र का दौरा कर अवश्यक दिशा निर्देश। मालूम हो कि महेशपुर वन रेंज क्षेत्र के थाना हैदराबाद अंतर्गत के गांव मूड़ा अस्सी निवासी युवक पर बाघ के हमले से कई सवाल खड़े हो गए हैं।
इमलिया निवासी अमरेश की जान लेने वाले बाघ ने ही जाकिर को मारा, या फिर किसी दूसरे बाघ ने हमला किया है। बाघ की पहचान के लिए वन विभाग सक्रिय हो गया है। गांव और गन्ने के खेत के आसपास कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है।
बताते चलें कि 27 अगस्त को बाघ ने हैदराबाद थाना के गांव इमलिया निवासी अमरीश कुमार को बाघ ने निवाला बना डाला था। गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों ने सड़क जामकर विरोध-प्रदर्शन किया था।
बाघ की निगरानी के लिए वन विभाग ने 24 कैमरे लगाए। गन्ने के खेत के पास चार पिंजरे लगाए गए। अनुमति मिलने पर बाघ को बेहोश करने वाली डॉक्टरों की टीम भी पहुंच गई। तमाम कवायद के बाद भी बाघ पकड़ा नहीं जा सका। वही बीती बुधवार को बाघ ने मूड़ा अस्सी गांव निवासी जाकिर को हमला कर मार डाला।
घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गए और गोला-सिकंदरा बाद मार्ग जाम कर दिया। मूड़ा अस्सी गांव की इमलिया से दूरी करीब पांच किलोमीटर है। दूसरा बाघ होने की चर्चाएं भी हो रही हैं। लोगों का कहना है कि गन्ने के खेत में दूसरा बाघ भी हो सकता है। बताया जा रहा है कि जंगल से निकलकर सात से आठ बाघ आबादी में ही घूम रहे हैं।
वही शुक्रवार को जमीनी हकीकत को जानने के लिए बाघ को अतिशीघ्र सकुशल पकडने के अभियान को देखने के लिए लखीमपुर डीएफओ संजय विश्वाल के साथ परियोजना अधिकारी दबीर हसन वन क्षेत्राधिकारी नरेश पाल, डिप्टी रेजर राम नरेश वर्मा, दरोगा रोहित श्रीवास्तव के साथ मूडा अस्सी गाँव स्थित बाघ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सभी वन कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा बाघ को पकडने का अभियान तेज किया जाये।
भारी बारिश चलते अभियान में आ रही हैं दिक्कतें
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के चलते चलाए जा रहे अभियान में दिक्कतें पैदा हो रही हैं। बाघ का फोटो मिले तो पता चले हमला करने वाला बाघ एक ही है या कोई और इस बारे में दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि निगरानी की जा रही है। कैमरे लगाए जा रहे हैं। बाघ की फोटो दिखे तो पहचान हो। तब तक ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई।