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TIGER TERROR : बाघ के आतंक से खौफजदा हैं महेशपुर वन रेज क्षेत्र के गांवों के ग्रामीण

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REPORT BY MONU JAYASWAL

LAKHIMPUR KHERI I 

जिले के महेशपुर वन रेज क्षेत्र के ग्रामीणों में जंगली जानवरों के आतंक से फैली दहशत को देखते हुए वन विभाग बाघो को पकड़ने के लिए रात दिन एक किए हुए हैं। वन विभाग बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर दो ड्रोन व 20 कैमरा से  तलाश की जा रही है।

बताते चलें कि बीते एक साल मे बाघ के हमले से कुल पांच लोगों की मौतें हो चुकी है। दर्जनो लोग घायल हो चुके हैं। 27 अगस्त को बाघ के हमले से हुई मौत के मामले में वन अधिकारी ड्रोन कैमरे से बाघ की तलाश कर रहे है I

मालूम हो कि थाना हैदराबाद इलाके के इमलिया  गांव में गन्ना बाधने गये  अमरीश 45 वर्षीय की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। वन विभाग ने बाघों की तलाश और पकडने के लिए बडे पैमाने पर अभियान शुरू किया है।जिसमें आधुनिक तकनीक और एनजीओ की सहायता ली जा रही है।

वही वन विभाग बाघ पकडने के लिए चार पिंजरे लगाकर कर बराबर गश्त कर रहा है। रात दिन वाघ की लोकेशन ट्रेस की जा रही हैं I वन विभाग गन्ने के खेतो की खाक छान रहा है। चार दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग अभी तक बाघ को नहीं पकड सका।

बोले जिम्मेदार अधिकारी

जिला वनाधिकारी संजय बिस्वाल ने बताया कि जल्द ही बाघ पकड़ा जाएगा I हम बाघ की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश में है चूंकि बारिश हुई और पानी भरा हुआ है I ऐसे में जानवर बाहर आ जाते हैं I बाघ एक दिन में 10 किलोमीटर तक मूव कर सकता है I

हमने चार पिंजड़े लगाए हैं ।हम लोग पूरी कोशिश में हैं कि जल्द ही लोगों को इस भय से मुक्त कराया जाएगा I उन्होंने कहा कि 8 बाघों को पकड़ने के लिए वन मंत्री ने भी निर्देश दिए हैं।

बाघ की जगह पिंजरे में फंस गया वाचण, घंटो बाद निकाला गया वन कर्मी बाचण

महेशपुर वन रेज क्षेत्र के ग्राम  इमलिया मे बाघ को पकडने के लिए लगाये गये पिजरे में अनोखा वाक्या शनिवार को देखने को मिला । लगाए गए पिंजरे के ट्रायल के लिए एक वन कर्मी पिंजरे में घुसा और उसी में फंस गया। काफी देर तक उसके साथियों ने कोशिश की, लेकिन पिंजरा नहीं खुला।

पिजरे के अंदर बंद वनकर्मी घबराकर रो पड़ा। बाद में पिंजरे का हुक तोड़ना पड़ा, तब जाकर वन कर्मी बाचण  बाहर निकाला जा सका। वन विभाग का कहना है कि पिंजरे का गेट खराब था। महेशपुर वन रेंज क्षेत्र के ग्राम इमलिया में बाघ को पकड़ने के लिए चार पिंजरे लगाए गए हैं।

इनमें से एक पिंजरे की चेकिंग व ट्रायल में एक वन कर्मी लगा हुआ था। वह पिंजरे के अंदर था कि उसका गेट बंद हो गया। इसके बाद अन्य वनकर्मियों ने पिंजरे का गेट खोलकर उसे निकालने की कोशिश की, लेकन गेट ही नहीं खुल सका।

पिंजरे के अंदर बंद कर्मचारी का हाल खराब था। जब पिंजरा नहीं खुला तो अंदर बंद वन कर्मी बाचण रोने लगा और मदद की गुहार लगाने लगा। सभी वन कर्मी पिंजरा खोलने की कोशिश करते रहे, पर पिंजरा खुला ही नहीं। आखिर में पिंजरे को पलटा गया। उसका हुक तोड़ा गया। तब जाकर पिंजरे का गेट खुल सका।

बाहर निकलकर वनकर्मी काफी देर सदमे में रहा। वन विभाग के अधिकारियों कहना है कि यह पिंजरा शाहजहांपुर से आया था। इसमें पहिए नहीं थे तो इस पिंजरे को रिजर्व में रखा गया था। इस बीच एक वाचण उसको चेक कर रहा था । अचानक अंदर बंद हो गया। पिंजरे के गेट में खराबी के कारण उसे बाहर निकालने मे थोड़ा समय लग गया‌।

देवकली गांव मे बाघ ने  किया बकरी का शिकार

महेशपुर रेज की विलहरी बीट के गांव देवकली मे देवकली के पास से निकले नाले के पास से बकरी चराने गये दिलशाद कोटवारा निवासी की बकरी को बाघ ने बनाया अपना निवाला वना दिया है जिससे गांव मे दहशत का माहौल है।

मालूम हो कि महेशपुर रेज की विलहरी वीट के गांव देवकली के पास निकले नाले पर बाघ ने ऐक बकरी को अपना निवाला बनाया है।और बकरी को अंदर गन्ने के खेत मे खीच ले गया ।

मौके पर जडौरा के मवेशी डाक्टर प्रमोद वर्मा व वन दरोगा माया प्रकाश वर्मा वाचर रोहित व बाघ मित्र सचिन वर्मा ने पहुंच कर बाघ होने की पुष्टि की है। ग्रामीणो को बाघ की मौजूदगी के प्रमाण मिलने के बाद सचेत किया गया है।

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