प्राथमिक विद्यालय में फाइलेरिया की दवा खाने से 28 बच्चे बीमार ,सीएमओ बोले___ सभी बच्चे स्वस्थ हैं
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REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS ।
जिले के फुरसतगंज क्षेत्र स्थित उड़वा प्राथमिक विद्यालय में फाइलेरिया की दवा खाने से 28 बच्चे बीमार हो गये। उन्हें स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है I अब सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं I
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अंशुमान सिंह ने बुधवार को बताया कि फुरसतगंज क्षेत्र स्थित उड़वा प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बच्चों को फाइलेरिया और पेट में कीड़ों की दवाई खिलाई गई थी तथा दवा खाने के बाद 28 बच्चे बीमार हो गए हैं। उनके मुताबिक, बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया कि बच्चों का इलाज किया जा रहा है और वे सभी खतरे से बाहर हैं। श्री सिंह ने बताया, “फाइलेरिया और पेट में कीड़ों की दवा खाने से बच्चों को कभी-कभी बुखार, जोड़ों में दर्द, चेहरे पर सूजन जैसे लक्षण आ जाते हैं। फिलहाल सब कुछ नियंत्रण में है।” प्राथमिक विद्यालय उड़वा के प्रधानाचार्य गिरीश कुमार ने बताया कि इस समय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान जारी है जिसके तहत बच्चों को दवा खिलाई जा रही है।
उनके मुताबिक, मंगलवार को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बच्चों को फाइलेरिया और पेट में कीड़ों की दवा दी गई थी और आज सुबह जब वह विद्यालय पहुंचे तो उन्हें पता चला कि की कुछ बच्चों को बुखार और कुछ के घुटनों तथा पैरों में दर्द है तथा कुछ के चेहरे पर सूजन आ गई है। कुमार ने बताया कि यह देखकर उन्होंने सभी बच्चों को फुरसतगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा गया है।
उड़वा गांव में सभी बच्चे स्वस्थ……..सीएमओ
फाइलेरिया बीमारी से बचाव को लेकर 10 फरवरी से शुरू हुआ सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड आगामी पांच मार्च तक चलेगा। इसी क्रम में ब्लॉक बहादुरपुर स्थित सीएचसी फुरसतगंज इलाके के गांव उड़वा में मंगलवार को 113 बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई गई। दवा के सेवन के बाद 5 बच्चो को कुछ दिक्कत हुई थी बच्चों ने हल्का चक्कर आने, मितली व सिर दर्द की शिकायत की।
सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की स्थानीय एवं ब्लॉक स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) ने त्वरित कार्यवाही की। बच्चों एहतियात के तौर पर अस्पताल जाकर स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया । सीएमओ डॉ. अंशुमान सिंह ने स्वयं उड़वा गांव, स्कूल और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बच्चों का निरीक्षण कर बताया कि गांव में फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के बाद अब किसी को कोई समस्या नहीं है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं।
अधिकतर बच्चे बिना कारण घबरा गए थे किसी दवा व उपचार के ही कुछ ही देर बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं गुणवत्ता एवं प्रभाव स्तर पर पूरी तरह से सुरक्षित हैं। दवा खाने के बाद जिन लोगों को उल्टी, चक्कर एवं सिर दर्द जैसी शिकायतें हुई हैं, इससे यह पता चल गया कि शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे और दवा खाने के बाद परजीवी के मरने के कारण उल्टी, चक्कर या सिर दर्द जैसे छोटी-मोटी शिकायत हुई है।
उन्होंने बताया यह दवा के सकारात्मक प्रभाव है ऐसे में घबराएं नहीं। यह एक तरह से आपके अंदर परजीवी होने के संकेत हैं जो कि शरीर को नुकसान पहुंचा रहे थे। अब आप पूरी तरह से सुरक्षित हैं यानि आपने फाइलेरिया के परजीवी को अपने शरीर से बाहर निकालने का काम कर लिया है उन्होंने हर किसी से अपील करते हुए यह भी कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम जब आपके घर पर फाइलेरियारोधी दवा खिलाने आए तो दवा खाने से मना न करें और न ही कोई बहाना बनाएं क्योंकि आपकी भलाई के लिए सरकार अभियान चलाकर यह दवा खिला रही है।
इसलिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें। फाइलेरियारोधी दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण के पांच से 15 साल के बाद फाइलेरिया के लक्षण उभर कर सामने आते हैं। स्वास्थ्य विभाग आपके बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने यह भी बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा खाने से लिम्फोडिमा (हाथ, पांव और स्तन में सूजन) व हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) से बचाव होगा।
इस दवा का लगातार तीन साल तक साल में एक बार सेवन करने से फाइलेरिया से बचाव होता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचने का उपाय समय पर फाइलेरिया रोधी दवा को खाना है। एक महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखें कि दवा कभी भी खाली पेट नहीं खाना है।