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SPECIAL ON WORLD AIDS DAY : एचआईवी ग्रसित गर्भवती स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म

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REPORT BY SATISH SHUKLA 
RAYBARELI NEWS I 
केस – सागर और रेखा( बदला हुआ नाम) को छह साल पहले एचआईवी की पुष्टि हुई थी । उनका इलाज एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर पर चल रहा है । वह बच्चा चाहते थे लेकिन डर की वजह से कि कहीं होने वाला बच्चा भी उनकी तरह एचआईवी से ग्रसित न हो इसलिए वह बच्चे के जन्म की योजना नहीं बना रहे थे ।

अपने मन की बात उन्होंने एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप ने बताई । तब नोडल अधिकारी ने कहा कि 95 फीसद केसों में कोई समस्या नहीं होती है । केवल पांच प्रतिशत केसों में कुछ समस्याएं पाई जाती हैं परंतु आप समय से दवा का सेवन करें, समय-समय पर अपनी जांच करवाते रहें घबराएं नहीं और एआरटी सेंटर पर जो भी सलाह दी जाएं उनका पालन करें तो आपका होने वाला बच्चा स्वस्थ होगा ।

दपंति ने वैसा ही किया और उनका बच्चा स्वस्थ है । अब वर्तमान में दंपति के दो बच्चे हैं और दोनो ही एचआईवी संक्रमण मुक्त हैं ।
नोडल अधिकारी डॉक्टर अनुपम सिंह बताते हैं कि गर्भधारण के उपरांत दंपति को आईसीटीसी केंद्र की काउन्सलर सीमा से संपर्क कर संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया । नियमित दवाओं का सेवन करने, नियमित जांच करवाने, संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करने तथा तनावमुक्त रहने की सलाह दी । दंपति ने वैसा ही किया । जिला अस्पताल में बच्चे का प्रसव हुआ ।

प्रसव के बाद बच्चे की डेढ़ साल तक दवा चली और डेढ़ साल पर उसकी एचआईवी की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच कराई गई और जांच निगेटिव निकली । रेखा को सलाह दी गई थी कि बच्चे को केवल स्तनपान कराए या ऊपर का दूध पिलाए, उसे मिक्स्ड फ़ीड अर्थात स्तनपान के साथ ऊपर का दूध न दे । उसने वैसा ही किया ।
नोडल अधिकारी कहते हैं कि बच्चों को एचआईवी संक्रमण से 95 फीसद तक बचाया जा सकता है यदि गर्भवती एआरटी सेंटर की सलाह को माने ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि एचआईवी (ह्युमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है जो कि मानव शरीर में पाया जाता है । एचआईवी की एक अवस्था है जो कि मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कम करता है । जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर पर वर्तमान में कुल 1864 एचआईवी से संक्रमित रोगी पंजीकृत है।

जिला अस्पताल में एचआईवी ग्रसित गर्भवती के प्रसव की सुविधा उपलब्ध है । गंभीर अवस्था में गर्भवती को प्रसव के लिए लखनऊ स्थित क्वीन मेरी अस्पताल में संदर्भित किया जाता है ।

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