प्रतिभावान रूपाली सिंह की कामयाबी से गदगद हैं परिवारीजनों के साथ क्षेत्रवासी
1 min readREPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS I
प्रतिभा को कभी दीवारों में कैद नहीं किया जा सकता।ग्रामीण परिवेश और सामाजिक विकृतियों को देखते हुए 12 वर्ष पूर्व पिता ने 18 वर्ष की आयु में बेटी के हाथ पीले कर दिए और बेटी की पढ़ने की हसरत परवान न चढ़ सकी और दो वर्ष बाद मां बन गई।
इस सबके बाद भी उस होनहार बालिका ने हार नहीं मानी और एक बार फिर उस होनहार बेटी ने कुछ कर गुजरने की ठानी और ससुराल में गृह कार्य और बच्चे के लालन पालन से बचे समय का सदुपयोग करते हुए केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक की परीक्षा के सभी अवरोधों को पार करते हुए 28 नवंबर को आए परिणाम में आल इंडिया में नवीं रैंक हासिल कर शिक्षिका पद पर चयन पाया है।
यह कहानी सिंहपुर क्षेत्र के पूरे बैशन जैतपुर गांव में साधारण किसान परिवार में जन्मी रूपाली सिंह की है।प्राथमिक शिक्षा गांव से प्राप्त कर जागृति इंटर कालेज कुकहा रामपुर से इंटर मीडिएट करने के बाद राजरानी अग्निहोत्री महाविद्यालय सेमरौता से स्नातक करने वाली रूपाली सिंह की शिक्षा यहीं से 2011 में विवाह होने के चलते ब्रेक हो गई।
इसी बीच वह एक बच्चे की मां बन गई। लेकिन शिक्षा के प्रति लगाव ने रूपाली को पुनः आकर्षित किया और वर्ष 2016 में पुनः घरेलू कार्यों के साथ पढ़ाई करते हुए उसने बीएड किया। इसी के साथ सीटेड की तैयारी कर परीक्षा पास की उसके बाद केंद्रीय विद्यालय शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू दिया था।
28 नवंबर को आए परिणाम ने संघर्ष करने वाली रूपाली की उड़ान को पंख लगा दिए।रूपाली की कामयाबी से उसके पिता अर्जुनसिंह भदौरिया जहां अपनी बेटी की कामयाबी पर प्रसन्न हैं । वहीं जागृति इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मनोज कुमार पांडेय,शिक्षक राम प्रकाश पांडेय आदि सभी विद्यालय के शिक्षकों ने कामयाब बेटी को बधाई दी है वहीं बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग रूपाली को बधाई दे रहे हैं।
इनका भी हुआ चयन
सिंहपुर क्षेत्र के पेंडारा निवासी पूर्व प्रधान बासुदेव सिंह की पुत्र बधू रिंकी सिंह ने केंद्रीय विद्यालय शिक्षक चयन परीक्षा में 1047 वा स्थान पाकर शिक्षिका के पद पर चयन में सफलता हासिल की है गौरतलब है कि बीते दिनों बिहार शिक्षा परिषद में बासुदेव सिंह के पुत्र जन्मेजय सिंह का शिक्षक के पद पर चयन हुआ है।