मिशनरी और विजनरी वर्कर को अमेठी से चुनाव लडाए सपा -प्रोफेसर डॉ0 रूदल यादव
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अमेठी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के निकट सहयोगी रहे उच्च शिक्षा आयोग के अवकाश प्राप्त सदस्य प्रोफेसर डॉ रूदल यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से आगामी लोकसभा चुनाव में किसी मिशनरी और विजनरी व्यक्तित्व को सपा का प्रत्याशी बनाने की मांग की है।रूदल यादव का कहना है कि भाजपा की जनविरोधी और दक्षिण पंथी नीतियों से जनता त्रस्त है।
सूबे की सियासत में मनुवादी सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के विरुद्ध बगावत ध्वनित होने लगी है। अमेठी संसदीय क्षेत्र में बहुजन एकता की बयार बहने लगी है।पी डी ए और इंडिया एलाइंस को इसका लाभ लेने के लिए अभी से आगे आना चाहिए। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा है कि 2024 के संसदीय समर का विश्लेषण भारतीय राजनीति के इतिहास के आइने से करना बेमानी है क्यों कि आज की राजनीति के मूल्य और मुद्दों में व्यापक परिवर्तन हुआ है।
प्रदेश की अभिजात्य वादी राजनीति अब सामाजिक न्याय का कलेवर ओढ़ती नजर आ रही है। सूबे की सियासत की फिज़ाओं में दलितों पिछड़ों शोषितों वंचितों की सत्ता शासन में भागीदारी की चेतना और मनुवादी सांस्कृतिक साम्राज्यवाद के विरूद्ध बगावत प्रति ध्वनित होने लगी है। संसदीय क्षेत्र अमेठी भी बहुजन चेतना के इस मनोभाव से अछूता नहीं है।
भाजपा सरकार की गरीब विरोधी दक्षिण पंथी नीति के विरूद्ध अमेठी संसदीय क्षेत्र में भी बहुजन एकता की बयार बहने की शुरुआत हो गई है जिससे स्मृति इरानी का अमेठी से टेंट उखड़ना लगभग तय है। संसदीय क्षेत्र अमेठी पांच विधानसभाओं गौरीगंज, अमेठी, जगदीशपुर, तिलोई और सलोन के साथ कमोवेश 17 विकास खण्डों में 1716102 मतदाताओं के साथ विभक्त हैं।
संसदीय क्षेत्र की अनुमानित जातीय संरचना में 25% दलित 20% मुस्लिम 8% ब्राह्मण 9% क्षत्रिय 34% ओबीसी शेष अन्य हैं। दलितों में सर्वाधिक संख्या पासी समुदाय की है जो लगभग 3.5 लाख के आस पास है। अति पिछड़ी जातियों में 240000 यादव 1.5 लाख मौर्य 1 लाख कुर्मी शेष अन्य पिछड़ी जातियां है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 3.5 लाख है।
कांग्रेस और भाजपा ने अभी तक इस संसदीय क्षेत्र के दलितों पिछड़ों अल्पसंख्यकों की अशिक्षा गरीबी भूख बेबसी और विघटन का लाभ उठाकर यहां का नेतृत्व तो किया परंतु सामाजिक न्याय के मुद्दों से हमेशा मुंह मोड़कर रखा। बहुजन बेवश होकर सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन और आर्थिक समानता की आस लेकर बस टुकुर टुकुर निहारता रहा।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधान सभा 2022 में भाजपा सरकार की आरक्षण विरोधी मनुवादी नीति के विरूद्ध क्षेत्र के समाजवादियों और अम्बेडकर वादियों ने एकजुट होकर सपा के पक्ष में मतदान किया।
चुनाव आयोग द्वारा व्यापक पैमाने पर अंतिम प्रकाशन में मतदाता सूची से सपा के बहुजन मतदाताओं का नाम गायब करने के बावजूद भी अमेठी संसदीय क्षेत्र में सपा को 352475 मत कांग्रेस को 142949 मत तथा भाजपा को 413395 मत प्राप्त हुए यदि सपा और कांग्रेस के मत को मिला दिया जाए तो भाजपा लगभग 82029 मतों के भारी अंतर से पिछड़ गई है।
अमेठी विधानसभा में विधायक महराजी प्रजापति ने तो शानदार प्रदर्शन करते हुए भाजपा के कद्दावर नेता डॉ संजय सिंह को भारी मतों के अंतर से पराजित किया। अखिलेश यादव की पी डी ए परिकल्पना और सपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा सामाजिक व्यवस्था परिवर्तन पर किए जा रहे शास्त्रीय विमर्श ने पिछड़ों दलितों अल्पसंख्यकों के प्रति भाजपा के बहुजन विरोधी मुखौटे को बेनकाब किया और बहुजन बहुत तेजी से भाजपा के विरूद्ध सपा के पक्ष में लामबंद हुआ है।
ऐसे में यदि इंडिया गठबंधन सपा घटक दल के किसी मिशनरी विजनरी और कद्दावर समाजवादी नेता को अमेठी संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाता है तो भाजपा की हार सुनिश्चित है। हालांकि वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य में गांधी परिवार से भी पीडीए की सहानुभूति है।