दिव्यांग पीड़िता को मिला न्याय, दुष्कर्मी को मिली सजा
1 min read
सुल्तानपुर। जिस प्रकार आज स्पेशल कोर्ट ने दिव्यांग किशोरी के साथ हुए रेप के मामले में तेजी दिखाते हुए रेपिस्ट को सजा सुनाई है I यह समाज के लिए एक नजीर साबित होगी । ऐसे समाज के दरिंदे किसी बहन बेटी के साथ दरिंदगी करने से पहले हजार बार सोचना पड़ेगा । ऐसे संवेदनशील मामलों में स्पेशल कोर्ट की त्वरित कार्यवाही से क्षेत्रीय जनमानस ने खुशी की लहर फैल गई है और न्याय के प्रति उनका विश्वास और मजबूत हुआ है ।दिव्यांग किशोरी से दुष्कर्म के दोषी मोहन धुरिया को स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई। करीब 23 महीने पूर्व 14 वर्षीय किशोरी के गूंगी-बहरी होने व नासमझी का नजायज फायदा उठाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देकर उसे प्रेग्नेंट करने के मामले में स्पेशल कोर्ट ने आरोपी मोहन धुरिया को दोषी ठहराया है। स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित हालापुर-रोटीगांव के रहने वाले आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली गूंगी-बहरी 14 वर्षीय पीड़िता किशोरी के पिता ने गंभीर आरोप लगाते हुए दो अक्टूबर 2020 को स्थानीय जयसिंहपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी बेटी की तबियत काफी दिनों से खराब चल रही थी, जिसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया तो जांच में पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। फिलहाल पीड़िता गूंगी-बहरी होने के कारण अपने साथ वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी का नाम बोलकर नहीं बता सकती थी, लेकिन परिजनों के जरिये पूंछने पर उसने लिख कर व इशारा कर आरोपी की पहचान बताई और उसकी फोटो भी देखकर पुष्टि की। इस मामले में आरोपी मोहन धुरिया के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के बाद चार्जशीट दाखिल हुई और जेल भेजने की कार्यवाही हुई । मामले का विचारण स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में चला। विचारण के दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यो एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी मोहन धुरिया को बेकसूर साबित करने का भरपूर प्रयास किया। वहीं अभियोजन पक्ष की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रमेश चंद्र सिंह ने अपने साक्ष्यो एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपी मोहन को ही इस घिनौनी वारदात के लिए दोषी ठहरा कर कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की। मामले में प्रकरण की तफ्तीश करने वाले तत्कालीन जयसिंहपुर कोतवाल भूपेंद्र सिंह को साक्ष्य देने में लापरवाही बरतने के चलते स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट व वेतन रोकने का आदेश जारी कर बीते 21 जून के लिए तलब भी किया था और एसपी अमेठी को पत्र जारी कर गवाह भूपेंद्र सिंह को पेश कराने का आदेश दिया था। जिसके बाद मामले में कोर्ट पहुँचे कोतवाल भूपेंद्र सिंह की गवाही पूरी हो सकी थी। मामले में उभय पक्षो को सुनने के पश्चात जज पवन कुमार शर्मा ने आरोपी मोहन को दोषी ठहराते हुए उसे 20 वर्ष कठोर कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। इस फैसले से आमजन में प्रसन्नता है । दिव्यांग किशोरी को 2 साल के अंदर ही न्याय मिल गया और मोहन धुरिया को उसके कर्मों की सजा उसे प्राप्त हो गई है I