Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

हनुमानजी की आराधना से पूरी होती है मनोकामना-स्वामी मुक्तिनाथानन्द

1 min read
Spread the love

लखनऊ।

आज रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ में बड़ा मंगल बडे ही हर्षोल्लास के साथ रामकृष्ण मन्दिर में मनाया गया I कार्यक्रम की शुरूआत श्री श्री ठाकुर जी की मंगल आरती एवं प्रार्थना के साथ हुयी। सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण रामकृष्ण मठ के स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा हुआ।

तत्पश्चात मुख्य मंदिर के सामने श्री हनुमानजी की पूजा और आरती के बाद स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ किया गया और उपस्थित भक्तगणों के मध्य प्रसाद वितरण किया गया। सायंकाल में भगवान श्री रामकृष्ण की संध्या आरती के पश्चात श्री हनुमानजी की पूजा एवं आरती स्वामी इष्टकृपानन्द द्वारा किया गया तथा स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज के नेतृत्व में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

बड़ा मंगल के अवसर पर रामकृष्ण मठ लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी ने संध्याकालीन प्रवचन में बड़ा मंगल की उत्पत्ति एवं महत्व के बारे में बताया कि बड़ा मंगल का विशेष महत्व है, जेठ माह के प्रत्येक मंगलवार लखनऊ के लिए एक महोत्सव है। यह हनुमानजी के भक्तगणां के धार्मिक समरसता की तरह है। हिंदू मुसलमान का एक सम्प्रीति का महोत्सव रूप में मनाया जाता है।

जनाब-ए-आलिया का प्रतिष्ठित मंदिर हिंदू और मुसलमान की संप्रीती के चिन्ह रूप से अभी भी विद्यमान है। लोग जानते हैं कि जो गंगा-जमुनी तहजीब अवध की एक वाणी है वह हिंदू मुस्लिम की संप्रीति के बारे में हमें बताती हैं। स्वामी जी ने बताया कि हनुमान जी की विशेषता है कि वह चिरंजीवी हैं I

भागवत् पुराण में कहा गया है कि हनुमान जी किम्पुरूषवर्ष में निवास करते हैं और वह सर्वदा रामायण गान सुनते रहते हैं कि किम्पुरूषवर्ष हिमालय के उत्तर में स्थित है। स्वामी विवेकानन्द ने भी कहा है कि हनुमान जी को ही वर्तमान युग के आदर्श रूप से प्रतिष्ठित करना चाहिए।

इससे देश का कल्याण होगा क्योंकि भगवान रामजी की सेवा के लिए अपने जीवन का उत्सर्ग करके उन्होंने दिखाया कि प्रभु सेवा ही युग धर्म है और प्रभु सेवा ठीक-ठीक करने से प्रभु की कृपा से जीवन मे सब ओर से प्राप्ति हो जाती है। जीवन सफल हो जाता है, पूर्ण हो जाता है, धन्य हो जाता है। हनुमान जी परम् ज्ञानी है और उनके ज्ञान का स्रोत था, प्रभु की सेवा।

स्वामी जी ने कहा कि आज बड़े मंगल के अवसर पर हम लोग भी हनुमान जी को आगे रखते हुए उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन भी सेवा धर्म में प्रतिष्ठित करें एवं जीवन को सफल करें।प्रवचन के पश्चात रविन्द्र संगीत (श्री रवीन्द्रनाथ टैगौर द्वारा रचित व चयनित गीत) का आयोजन हुआ जिसमें स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी महाराज एवं अनिमेष मुखर्जी नें मनमोहक भक्तिगीतों की प्रस्तुति दी I

उस दौरान तबले पर संगत  शुभम राज ने दिया। जिसे सुनकर वहां उपस्थित श्रोतागण मन्त्रमुग्ध हो गये। कार्यक्रम का समापन उपस्थित भक्तजनों को प्रसाद वितरण के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »