बदहाली का शिकार है राजकीय जिला पुस्तकालय
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अमेठी। सैंतीस साल पुराना राजकीय जिला पुस्तकालय बदहाली के आंसू बहा रहा है। पुस्तकालय में लाखों रुपए कीमत की हजारों पुस्तकें समुचित रखरखाव के अभाव में नष्ट हो रही हैं। पुस्तकालय में दो साल से पत्र पत्रिकाएं नहीं आ रही। अखबार भी नियमित नहीं आता है। माध्यमिक शिक्षा विभाग बजट न होने की बात कर इस पुस्तकालय की दुर्दशा पर मौन है। जनप्रतिनिधियों की नजर भी यहां तक नहीं पहुंच रही है।
राजीव गांधी ने किया था पुस्तकालय का शिलान्यास
02 सितम्बर1984 को तत्कालीन सांसद राजीव गांधी ने इस पुस्तकालय का शिलान्यास किया था। लगभग दो साल में भवन बनकर तैयार हुआ।26जनवरी1986को तत्कालीन परिवहन मंत्री डॉ संजय सिंह ने इसका उद्घाटन किया था। वर्ष 2000से इस पुस्तकालय की दशा लगातार खराब हो रही है।
पाठकों की संख्या कम हो रही है। पुस्तकें पाठकों को इसू करने का काम बंद है। मार्च 2023 में पुस्तकालय दस दिन खुला है। गुरुवार तक 179 पाठक आए हैं। गुरुवार को यहां कोई अखबार नहीं आया था। पुस्तकालय में मौजूद छात्र छात्राओं ने बताया कि खुद की कम्पटीशन की किताब लेकर यहां आते हैं और बैठकर तैयारी करते हैं। पुस्तकालय में पेयजल और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। पुस्तकालय के गेट के सामने नाली जाम होने के कारण गंदगी बाहर निकल रही है।
पुस्तकालय में एक साल से कोई लाइब्रेरियन नहीं है। जिला विद्यालय निरीक्षक यहां कभी नहीं आए। उन्होंने पुस्तकालय का कार्यभार जिसको सौंपा है,वे कभी कभी आते हैं और थोड़ी देर में वापस चले जाते हैं। एजेंट को समय से पेमेंट न मिलने के कारण वह अखबार भी रोज नहीं देता।पत्र पत्रिकाएं दो साल से नहीं आ रही हैं।
प्रीति तिवारी..उपजिलाधिकारी अमेठी
“पुस्तकालय की स्थिति की जानकारी करेंगे और सम्बन्धित विभाग को व्यवस्था में सुधार के लिए कहेंगे। यथासंभव पुस्तकालय की दशा को ठीक किया जायेगा।”