नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम…
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नारी..
जाने कौन सी मिटटी की बनी हो तुम
तुम्हें ना मिलता पल भर भी आराम है
तुम्हारी दिनचर्या का व्यस्तता नाम है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
सुबह से लेकर रात तक काम में खटती
घर दफ्तर दुनियादारी व बच्चों में जुटती
कोई भी तमगा ना शाबाशी तेरे नाम है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
ममता की तूम मूरत तुम ही शक्तिमान
सहनशीलता तुम में बेजा हो तुम महान
तेरी सूरत ही भगवान का दूसरा नाम है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
इरादे हैं निराले होंसले तुम्हारे है बुलंद
चाँद पर भी अब तो तुमने लगाया पैबंद
उडान भरने का जज्बा तुममे बेमिसाल है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
हालातों से हार तुमने कभी मानी नहीं है
आत्मविश्वास की तुममे कोई कमी नहीं है
मुसीबतों से लड़ना तेरा रोज का काम है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
समाज में अपना अलग मुकाम बनाया है
हर क्षेत्र में तुमने अपना सिक्का जमाया है
बेचारगी मज़बूरी का किया काम तमाम है
नारी शक्ति को मेरा शत शत प्रणाम है
होली
जितने फागुन बीते तुम बिन,
रहे थे सब फीके के फीके |
होली में वो बात नहीं थी,
जब तुम यहाँ नहीं थे |
सखी सहेलियां सब हम को,
तुम्हारे नाम से सताते थे |
और हम बस घडी घडी,
याद तुम्ही को करते थे |
गिन गिन हमने दिन जो
काटे , सिर्फ हम ही जानते हैं |
जो बीती बिरहा में हम पर,
उस दर्द को हम ही पहचानते हैं
यही तमन्ना है कम से कम , इस बार ,होली पर तुम आ जाना ।
छु कर मेरे तन मन को,
रंग प्रीत का चढ़ा जाना |
ऐसा रंग जो जीते जी,
मिट ना पाए जीवन भर |
महक प्यार की इस तन में
रची बसी रहे जीवन भर |