जिंदगी आज पूनम की गुलशन बनी- डॉ.फूलकली कली
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दिल चुराने का मुझको हुनर तो बता।
आ गये हो कहाँ से शहर तो बता।।
तेरी नज़रों से घायल नज़र जो नहीं।
मेरे महबूब तू वो नज़र तो बता।।
हुस्न की लोग मुझको भी मलिका कहें।
कुछ हुआ तेरे दिल पे असर तो बता।।
आसमां पे सितारे भी मदहोश हैं।
क्यूँ दिखे है वो मद्धम क़मर तो बता।।
आज पायल हमारी छनकती बड़ी।
क्यूँ सरकती है सर से चुनर तो बता।।
मेरा मन ये समंदर की लहरें लगे।
तेरे दिल में भी उठती लहर तो बता।।
जो ख़ुशी की सहर लेके आये हो तुम।
अब चलूँगी उसी पर डगर तो बता।।
ज़िंदगी आज “पूनम”की गुलशन बनी।
ख़ुशबुओं के लगाया शजर तो बता।।
“पता ज़िंदगी का” ग़ज़ल संग्रह
डॉ.फूलकली”पूनम”
शायरा, कवयित्री,कहानीकार