वास्तविक ब्यूटी पार्लर की दरकार
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शरीर में कोई सुन्दरता नहीं होती है । सुंदरता होती है व्यक्ति के कर्म, विचार, उसकी वाणी, उसका व्यवहार और उसका चरित्र आदि से ।जीवन में जिसके पास यह सब है वही इंसान दुनिया का सबसे सुंदर शख्स है ।आज से हम अपनी अच्छी वाणी और व्यवहार से अपने आपको सुशोभित करें । सुंदरता वो नहीं जो आईने में दिखाई देती है । सुंदरता हमेशा गुणों की होनी चाहिए जो दिल से महसूस की जाए। आज भी गोरा रंग पसंद किया जाता है।
बौद्धिक क्षमता , कार्य क्षमता के बदले शारीरिक आकर्षण देखा जाता है। बाहरी सुंदरता उम्र के साथ ढल जाती है । शरीर तो नाशवान है पर आन्तरिक सौंदर्य उम्र के साथ स्थाई रहता है । व्यक्ति अगर दुनिया में नहीं रहता है तो भी आंतरिक (सुंदरता )गुणों के बल पर सब के दिलों में राज करता है ।सब उसके कार्य को याद करते हैं । आदमी साधन से नहीं बल्कि साधना से महान बनता है ।आदमी भवनों से नहीं भावना से महान बनता है। आदमी उच्चारण से नहीं अपने उच्च आचरण से महान बनता है।
शरीर में कोई सुन्दरता नहीं है।सुन्दर होते हैं व्यक्ति के कर्म, उसके विचार ।उसकी वाणी ,उसका अपना व्यवहार , उसकी सुन्दरता,उसके संस्कार और उसका चारित्र।जिसके जीवन में यह सब कुछ है वहु दुनिया का सबसे सुन्दर शख्स है ।
सुन्दर आचार, सुन्दर विचार , मधुर वाणी , सुन्दर व्यवहार और
धर्ममय संस्कार आदि यह व्यवस्था जो कर सकती है मानव का इस तरह का श्रृंगार है आज वैसी ही ब्यूटी पार्लर की दरकार।