BREAKING NEWS : PCS अधिकारी राजेश कुमार का सड़क हादसे में निधन
1 min read

विशेष रिपोर्टर… रवि नाथ दीक्षित
29 अगस्त 2025 का दिन उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा और पूरे राज्य के लिए गहरा सदमा लेकर आया। आगरा में कार्यरत PCS अधिकारी राजेश कुमार (बैच 2018, पद – ACM III, आगरा) का सड़क दुर्घटना में असमय निधन हो गया। यह हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर 77+200 माइलस्टोन के पास हुआ।
राजेश कुमार अपनी निजी कार (क्रेटा) से लखनऊ से आगरा लौट रहे थे, तभी उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना के बाद उन्हें गंभीर हालत में सैफई मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया, किंतु जीवन की डोर टूट गई।
ह हादसा न केवल राजकीय सेवाओं के लिए बल्कि समाज और उनके परिवार के लिए भी अपूरणीय क्षति है।
राजेश कुमार का जीवन परिचय
राजेश कुमार उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मूल निवासी थे। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले राजेश कुमार ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर UPPCS (2018 बैच) की परीक्षा पास की और प्रशासनिक सेवा में कदम रखा। उनकी सफलता न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा थी।
साधारण जीवन जीने वाले, मिलनसार और ईमानदार व्यक्तित्व के धनी राजेश कुमार ने अपनी सेवा अवधि में ही जनता और सहकर्मियों के बीच अच्छी छवि बनाई। उनकी कार्यशैली में संवेदनशीलता और पारदर्शिता साफ झलकती थी।
आगरा में सेवा और जनता से जुड़ाव
राजेश कुमार आगरा में अपर नगर मजिस्ट्रेट (ACM-III) के पद पर कार्यरत थे। इस पद पर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक कार्यों में अनुशासन, त्वरित निर्णय और जनता की समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाई। आगरा जैसे ऐतिहासिक और पर्यटन नगरी में ACM का पद अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है – भीड़ प्रबंधन, पर्यटकों की सुरक्षा, अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण और आपदा प्रबंधन जैसी जिम्मेदारियाँ लगातार सामने रहती हैं।
राजेश कुमार ने अपनी अल्प अवधि की सेवा में इन सभी मोर्चों पर दक्षता और कर्मठता का परिचय दिया। स्थानीय स्तर पर उन्हें एक समर्पित, संवेदनशील और योग्य अधिकारी के रूप में याद किया जाता है
सड़क दुर्घटना – एक चिंताजनक वास्तविकता
भारत में सड़क दुर्घटनाएँ आज भी मौत का सबसे बड़ा कारण बनी हुई हैं। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, जिसे अत्याधुनिक और सुरक्षित माना जाता है, पर भी आए दिन गंभीर हादसे होते रहते हैं। राजेश कुमार का निधन इस तथ्य को और गंभीरता से सामने लाता है कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
तेज रफ्तार वाहन चालकों की लापरवाही, थकान के कारण गाड़ी चलाना।
सड़क किनारे अचानक उत्पन्न होने वाली परिस्थितियाँ
ये सभी कारण अक्सर हादसों का रूप ले लेते हैं। प्रशासनिक अधिकारी का इस तरह दुर्घटना में खो जाना यह संदेश देता है कि सड़क सुरक्षा के लिए कठोर नियमों और जनजागरूकता की बेहद आवश्यकता है।
परिवार और समाज पर असर
राजेश कुमार के निधन से उनके परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। एक साधारण परिवार से निकलकर सफलता पाने वाले इस होनहार अधिकारी की असमय मृत्यु ने माता-पिता, पत्नी-बच्चों और परिजनों को गहरा आघात पहुँचाया है।
उनकी सफलता ने जहाँ उनके परिवार को गर्व और सम्मान दिलाया था, वहीं अब यह अपूरणीय क्षति पूरे समाज के लिए गहरी पीड़ा का विषय है। उनके गृह जनपद देवरिया में शोक की लहर फैल गई है।
कPCS जैसे पदों पर कार्यरत अधिकारी राज्य प्रशासन की रीढ़ होते हैं। वे न केवल शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करते हैं बल्कि जनता और सरकार के बीच सेतु का कार्य भी करते हैं।
राजेश कुमार की उम्र और सेवा अनुभव को देखते हुए यह साफ था कि भविष्य में वे उच्च पदों पर पहुँचकर समाज और प्रशासन दोनों के लिए बहुमूल्य योगदान दे सकते थे। उनका असमय निधन राज्य प्रशासन के लिए भी प्रतिभा का क्षय है।
सहकर्मियों और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
राज्य सेवा के कई अधिकारियों ने राजेश कुमार के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रशासनिक बिरादरी में यह चर्चा रही कि राजेश कुमार एक मेहनती, सरल और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे। उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें बेहद संवेदनशील और मददगार बताया।
आज जब पूरा प्रदेश और प्रशासनिक सेवा परिवार राजेश कुमार की कमी महसूस कर रहा है, तब केवल यही कहा जा सकता है कि –
“ऐसे कर्मठ अधिकारी का जाना केवल एक परिवार की क्षति नहीं, बल्कि पूरे समाज और राज्य की क्षति है। उनकी ईमानदारी, संघर्षशीलता और सेवा भाव हमेशा याद किए जाएंगे।”
राजेश कुमार को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।

