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समाज के लिए विचारणीय प्रश्न, जिनका हल है आवश्यक..!

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आज काफी लड़कियों के माँ- बाप अपनी बेटियों की शादी में बहुत विलंब कर रहे हैं उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नहीं आते और जो बड़े घर पसंद आते हैं उनको लड़की पसंद नहीं आती,शादी की सही उम्र 20 से 25 होती है। आज माँ-बाप ने और अच्छा करते-करते उम्र 30 से 36 कर दी है,जिससे उनकी बेटियों के चेहरे की चमक भी कम होती जाती है,और अधिक उम्र में शादी होने के उपरांत वो लड़का उस लड़की को वो प्यार नहीं दे पाता जिसकी हकदार वो लड़की है I

किसी भी समाज में 30% डिवोर्स की वजह यही दिखाई दे रही है,आज जीने की उम्र छोटी हो चुकी है,पहले की तरह 100+ या 80+ नहीं होती। अब तो केवल 65+ तक जीने को मिल पायेगा,इसी वजह से आज लड़के उम्र से पहले ही बूढ़े नजर आते हैं,सर गंजा हो जाता है। आज ज्यादातर लड़की वाले लड़के वालों को वापस हाँ /ना का जवाब नहीं दे रहे हैं,संभवत: कुछ लोग मन में आपको बुरा-भला बोलते होंगे। आप अपनी लाडली का घर बसाने निकले हैं, किसी का अपमान करना अच्छा नही होता। कृपया आप लड़के वालों से सम्मान जनक जरूर बात करें।

कुंडली मिला के जिन्होंने भी रिश्ते किये,आज उनके भी रिश्ते टूटे हैं,फिर आप लोग क्यों कुंडली का जिक्र कर के रिश्ता ठुकरा देते हैं। इतिहास गवाह है,हमारे पूर्वजों ने शायद कभी कुंडली नहीं मिलाई और सकुशल अपनी शादी की 75 वीं सालगिरह तक मनाई आप कुंडली को माध्यम बनाके बच्चों को घर में बिठा के रखे हैं। उमर बढ़ती जा रही है,आता-जाता हर यार-दोस्त-रिश्तेदार सवाल कर जाता है, कब कर रहे हो शादी..? आपसे 10 वर्ष कम आयु के लोगों को 8 साल के बच्चे भी हो गए आप 32-35 में शादी करेंगे तो आपके बच्चों की शादी के वक्त आप अपने ही बच्चों के दादा- दादी नजर आएंगे।

आप घर कैसा भी चयन करें! लड़की का भाग्य उसके पैदा होने से पहले ही भगवान ने लिख दिया है। भाग्य में सुख लिखे हैं तो अंधेरे घर में भी रोशनी कर देगी और दुख लिखे हैं तो पैसे वाले भी डूब जाते हैं।अंतिम में बस इतना ही कहना है कि अपने बच्चों की उम्र बर्बाद ना करें,गयी उम्र लौट कर नहीं आती,दूसरों को देख कर अपने लिए भी वैसा ही रिश्ता देखना मूर्खता है आप अपने बच्चों की बढ़ती उम्र के दुख को समझिए रिश्ता वो करिये,जिस में लड़के वालों में लालच ना हो। लड़का संस्कारी हो,जो आपकी बेटी को प्यार करे,उसकी इज्जत करे।

उम्र बहुत छोटी है । आप इतने जमीन-जायदाद देख कर क्या कर लेंगे ? कौन अपने साथ एक तिनका भी ले जा पाया है ! बच्चों की बाकी उम्र उनके जीवन साथी के साथ जीने दीजिये।समय बहुत बलवान है। आज की लड़कियाँ पढ़ी-लिखी हैं,वो अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा तो कर ही सकती हैं। अपनी लड़कियों के लिए साधन संपन्न घर में रिश्ता तलाशने की बजाय संस्कारी घर में तलाश करें। योग्यता होगी तो साधन सम्पन्न वे खुद हो जाएंगे और सही मायने में तभी उसकी कद्र करेंगे I

यदि कन्या वाले मध्यम वर्गीय परिवार से हैं तो अपने बीच के परिवार से ही रिश्ता करिये, आपकी लड़की अपना भाग्य खुद सँवार लेगी, योग्यता और संस्कार के बूते । गहरे मन से विचार करें। जरूर आपको एक उम्मीद की रोशनी दिखेगी, और रिश्तों की राह आसान हो जाएगी l अगर आपकी बेटी के भाग्य में सुख है तो मिलेगा अगर नहीं तो कितने भी अमीर घराने में शादी करो वो कभी खुश नहीं रह सकती है I

विवाह संबंधी कुछ आवश्यक सूचनाएं जो हम सबको अपनानी चाहिए...

सिर्फ बायोडेटा और फ़ोटो देखकर रिश्ते नहीं बनते. संवाद शुरू करने से ही रिश्ते बनेंगे तभी रिश्तेदार बन पायेंगे। अपना हाथ पहले बढाएं यह आपकी महानता होगी इसलिए स्वयं कॉल करें I अगले पक्ष से सीधे मिले-जुले जानकारियां और विचार–परिवेश साझा करें।
किसी के फोन न उठने पर निराश न हों। हो सकता है कि मोबाइल साइलेंट पर हो। या मोबाइल चार्ज में लगी हो।

कुछ भी कारण हो सकते हैं। यदि संकुचित ना हो तो आप अपनी ओर से कॉल लगा सकते हैं। मंगल कभी अमंगल नहीं होता, विवाह शुभ कार्य हैं मंगल की ग्रह दशा में शादी बिलम्ब हो सकती है। ज्योतिष के अनुसार 28 की उम्र के बाद मंगल दोष की तीव्रता कम हो जाती है। हमेशा अनुरूप व्यक्ति की तलाश करें। बाकी सब विचारों के आदान प्रदान पर निर्भर करता है। ९० % लोग हमारे जैसे ही हैं।यह सोच गलत है। सर्वगुण संपन्न केवल ईश्वर ही होता है।

विवाह योग्य उम्र में ही विवाह करें।वह उम्र क्या है यह सबको पता है।समय थमता नहीं उम्र बढ़ाना ठीक नहीं हैं। बेटर, और बेटर के चक्कर में ना उलझें… अपने बच्चों के अनुसार लाईफ पार्टनर की आवश्यकता को समझें। एक जैसा सेट मनुष्य के हाँथ में नहीं है। सेटिंग मनुष्य के हाँथ में है। हमें जो रिश्ता सूट करें उसी पर विचार कर बात आगे बढ़ाएं। कृपया अपने से उच्च परिवार में कोशिश न करें तो बेहतर है क्योंकि सबकी अपनी आकांक्षाएं होती है।उन्हीं से संपर्क करें. जिनकी कामना अधिक ना हो, उनसे दूर हो जाएं जो आपके प्रोफाइल मांगकर उत्तर ना दें।उनके लिये अपना अमूल्य समय बर्बाद न करें I

याद रहें, अगर उनकी उम्मीदों पर आप खरें उतरते हों, तो वे स्वयं ही आपसे संपर्क करेंगे I रंग, रूप, मानव निर्मित अधिक हो सकता है, ईश्वर निर्मित में बहुत अधिक नहीं हो सकता। रिश्ते के लिए दो ही श्रेणी है। एक शिक्षा, दूसरी सुंदरता। दोनो सब में नहीं मिल सकती है।इसलिए गुणों पर ध्यान दें I प्रत्येक व्यक्ति में कुछ न कुछ खामियां होती ही है. उसके लिये आगे चलकर ऐडजेस्टमेंट कर सकते है I आपके पास जिनके कॉल आएं उन सज्जनों/परिजनों का सम्मान करें. यदि आपको रिश्ता पसंद न हो, तो योग्य कारण देकर नकारें I

यह सोचें कि आप जिस रिश्ते की तलाश में हो, शायद वह उनके किसी संबंधी में भी से हो सकता है I गये वो दिन, जब लड़की वाले ही रिश्ता ढूंढने के लिये लड़के वालों के पास जाते थे। अगर आप लड़के वाले हो, और किसी कन्या का बायोडेटा आपको अपने परिवार के अनुरूप लगे, तो खुद आगे बढें और सामने से संपर्क करें, आज ही कॉल करें लगाए I आज के परिवेश में जिन लड़के वालों के नखरे हैं उनके बच्चे अभी तक अविवाहित हैं। दुनियां मे कोई भी व्यक्ति पर्फेक्ट नहीं होता है. दूसरों के दोष ढूंढने से बेहतर है अपनी खामियां परखे समझें I
एक बात पर विशेष बल दें याचक बने तो वधू के लिए न कि धन के लिए।परिवार अच्छा होगा तो पैसा टिकेगा।परिवार अच्छा नहीं होगा तो अच्छी कमाई भी नष्ट हो जाएगी। बहुत मेल मिलाप के चक्कर में बेमेल रिश्ते न करें। हमेशा सकारात्मक बने रहें. विवाह के लिए निरंतर प्रयास करते रहे 2-3 साल से ज्यादा समय ना लगाए, समाज में परिवर्तन लायें I

सौजन्य से – दलजीत सिंह (समाज सेवी)

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