नगर पंचायत गठन के 40 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं नगरवासी
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अमेठी। जिले के नगर पंचायत का गठन हुए करीब 40 वर्ष बाद भी स्थानीय शहरी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है । पेयजल शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार व आवास जैसी समस्याओं से जूझ रहे है ।गांवों की तरह नगर में भी तमाम सरकारी दावों के बावजूद भी गरीबी कायम है ।
जन कल्याणकारी योजनाएं स्थानीय नगर पंचायत में औंधे मुंह गिर चुकी हैं वही आदर्श नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त मुसाफिरखाना कस्बे के विभिन्न गलियों में विकास सड़क के किनारे पानी के रूप में बह रहा है।बंद पड़ी नालियों से बाहर निकल कर रास्ते में बह रहा बदबूदार पानी खराब पड़ा हैंडपंप महीनो से बंद पड़ी सौर ऊर्जा व स्ट्रीट लाइटें विकास के दावों का सच बता रहे हैं वही खुले मैदान में शौच करने को विवश महिलाएं अभी विकास से कोसों दूर हैं I
बानगी के तौर पर वार्ड 02 में रहने वाले राम लखन का परिवार है जो अपनी पत्नी फुलाउ विधवा बहू व उसके बच्चो के साथ वर्षो पुराने जीर्णशीर्ण जर्जर घर में रहने को मजबूर है । चलने फिरने में असमर्थ वयोवृद्ध दंपती का परिवार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पेंशन व शौचालय से वंचित हैं।बुजुर्ग दंपति राम लखन व उनकी पत्नी फुलाऊ को अब अभी सरकारी सुविधाओ की दरकार है ।
बातचीत के दौरान उनकी आंखों से निकल रहे आंसू ही काफी है ।हालत तब हैं जब बीते दस वर्षो से नगर पंचायत अध्यक्ष का दायित्व निभाने वाले निवर्तमान चेयरमैन बृजेश कुमार का परिवार भी इसी वार्ड नंबर 02 सराय मोहल्ला में रहता है।जबकि बसपा सरकार में आवास विहीन लोगों के लिए बनाए गए कांशीराम आवास योजना के तहत बनी कालोनी को आवंटन का इंतजार है । गर्मी की शुरुआत के साथ ही विभिन्न स्थानों पर बंद पड़े इंडिया मार्का हैंडपंप खराब जगहों पर लगी लाखों की लागत की सौर ऊर्जा भी खराब हो चुकी है।
सड़क के किनारे ही राम लखन के घर के ठीक सामने ही वर्षो पुराना करीब 40 फीट गहरा कुंआ भी मौजूद हैं ।मुहल्ले के उत्तरी छोर पर स्थित तालाब मानों कूड़े का ढेर लगाने के ही काम आता है वही अलग अलग वार्डों में बारिश के पानी के घरों में घुसने की समस्या उजागर हुई है।जिसका कारण सड़क किनारे बनी नालियों का चोक होना है।विभिन्न स्थानों पर स्थित क्षेत्र पंचायत कार्यालय तहसील कार्यालय व बस स्टॉप सहित विभिन्न स्थानों पर जल भराव होने से नागरिकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते कुछ सालों में सड़को के साथ ही अन्य कार्यों में गति जरूर मिली है किंतु आशातीत सफलता न मिलने से लोग निराश व दुखी भी है ।सीमा विस्तार न होने से एसडीएम सीओ के आवास सिविल न्यायालय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विभिन्न बैंकों की शाखाएं नगर पंचायत क्षेत्र के बाहर हैं ।आवासीय योजना के तहत बनाई गई कॉलोनी भी ग्रामीण क्षेत्र में शामिल हैं।