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किसानों को रुला रहा है आलू का भाव, भंडारण बनी मुसीबत

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रायबरेली । आलू का भाव मिट्टी के भाव होने से किसान मायूस व परेशान है आलू सस्ता होने से किसानों की लागत भी निकल नहीं रही है। एक तरफ आलू सस्ता तो दूसरी तरफ किसानों को कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण के लिए देवा बाराबंकी की आलू मुसीबत बनी है I कई दिनों से ट्रैक्टर लिए लाइन में किसान खड़े हैं ।

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में आलू पैदावार की दूसरा बेल्ट माना जाता है जहां पर 70% किसान आलू की फसल लेते हैं। इस बार आलू के पैदावार अच्छी होने से तथा आलू का भाव मिट्टी का भाव होने से किसान बाजार में आलू ना बेच कर आलू भंडारण के लिए स्टोर का चक्कर काट रहे हैं कई दिनों से भूखे प्यासे किसान कोल्ड स्टोर में अपने आलू उतरने की बारी का इंतजार कर रहे हैं परंतु कोल्ड स्टोरेज में किसानों की आलू ना उतरकर देवा बाराबंकी से लाई गई आलू आढ़तियों की उतारी जा रही है।

अधिकतर कोल्ड स्टोरेज के अंदर बाहर से आने वाला आलू ही उतारा जा रहा है क्षेत्रीय किसान ट्रैक्टर ट्राली लिए कई दिनों से कोल्ड स्टोर के बाहर लाइन में खड़े हुए हैं लगातार 2 वर्षों से आलू का सही भाव ना मिलने से किसान कोड स्टोर की तरफ भाग रहे हैं। सलोन में एक दर्जन कोल्ड स्टोरेज है जिसकी भंडारण क्षमता लगभग १२लाख कुंटल है।

यदि स्थानीय किसानों की आलू रखी जाए तो उनके लिए यहां बने कोल्ड स्टोर पर्याप्त हैं जबकि कोल्ड स्टोरेज में किसानों की आलू रखने का लाइसेंस मिलता है। क्षेत्र के केवल पुर माफी गांव निवासी वीरेंद्र कुमार साहू, कमालगंज निवासी आशीष कुमार छेदी का पुरवा निवासी रमेश कुमार रग्घू पुर निवासी रंजीत कुमार इत्यादि किसानों ने कोल्ड स्टोर में आलू भंडारण की समस्या को बताते हुए बताया कि देवा शरीफ बाराबंकी की आलू पहले कोल्ड स्टोर के अंदर रखी जा रही है। उसके बाद क्षेत्रीय किसानों की आलू ली जा रही है।

उन्होंने बताया कि 2 दिनों से ट्रैक्टर लेकर लाइन में लगा था उसके बाद काफी मशक्कत के बादआलू उतारी गई है । कोल्ड स्टोर में आलू रखने के चक्कर में किसान इस बार होली का त्योहार नही मना पाए । तथा मिट्टी के भाव आलू होने से होली का त्योहार फीका रहा।इतना ही नहीं जितने दिन ट्रैक्टर खड़ा रहेगा उतने दिन का ट्रैक्टर भाड़ा देना होगा ।एक बीघा आलू तैयार होने में 30 से 35हजार प्रति बीघा आलू का खर्च आ रहा है। आलू का भाव ₹500 कुंटल होने से आलू का खर्च भी नहीं निकल रहा है।

लगातार 2 वर्षों से किसान बाजार भाव कम होने से उसका दंश झेल रहा है। किसानों ने यह भी बताया कि इस बार कुछ कोल्ड स्टोरेज वाले आलू भंडारण का शुल्क भी बढ़ा दिए हैं जिसके कारण किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। यदि किसानों के आलू भंडारण की समस्या जल्द दूर ना हुई तो किसानों ने कहा कि किसान यूनियन के साथ हम लोग धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।

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