गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर प्रशिक्षण प्रारंभ
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अमेठी।
खेती में बढ़ते जा रहे हैं कृषि रसायनों के उपयोग से जहां मिट्टी खराब हो रही है वही हमारी सेहत पर भी प्रभाव पड़ रहा है इसलिए आज आवश्यकता है कि सभी किसान रसायन मुक्त खेती करें। उक्त बातें प्राकृतिक खेती विषयक दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रगतिशील किसान एवं सामाजिक कार्यकर्ता दयाशंकर यादव ने बताया ।
आचार्य नरेंद्र कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा द्वारा बृहस्पतिवार को आयोजित दो दिवसीय इस प्रशिक्षण के प्रथम दिन केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ देवेश पाठक ने बताया कि प्रकृति में उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करके कम लागत में विश्व मुक्त प्राकृतिक खेती करना आज की बहुत बड़ी आवश्यकता है। खेती की इस पद्धति में प्रयोग किए जाने वाले जीवामृत एवं घन जीवामृत से जमीन को सभी तरह के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं तथा यह एक उत्प्रेरक के रूप में काम करता है जिसके कारण मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की संख्या में बढ़ोतरी होती है ।
केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरके आनंद ने बताया कि प्राकृतिक कृषि पद्धति को अपनाकर न केवल लागत को कम किया जा सकता है बल्कि इससे प्राप्त अनाज का उपयोग करके अपनी सेहत को भी सुधारा जा सकता है। उन्होंने उपस्थित किसानों को मोटे अनाजों की खेती के बारे में भी विस्तार से बताया। केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर ओपी सिंह ने बताया कि 180 लीटर पानी, 10 लीटर गोमूत्र, एक किलो गुड,1 किलो बेसन एवं किलोग्राम पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी तथा 10 किलोग्राम गोबर के प्रयोग से जीवामृत बनाया जा सकता है जोकि 1 एकड़ फसल पर छिड़का जा सकता है ।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सुरेंद्र सिंह ने प्राकृतिक खेती में गोमूत्र एवं गाय के गोबर की उपयोगिता के बारे में बताया और कहा कि 1 किलो गाय के गोबर में कई करोड़ सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं जो खेती के लिए बहुत ही लाभकारी हैं। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ भास्कर प्रताप सिंह ने बताया कि जीवामृत के प्रयोग से रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सत्येंद्र कुमार ने मोटे अनाजों की प्रजातियों के बारे में चर्चा किया ।
इस अवसर पर प्रगतिशील किसान अनंत बहादुर सिंह एवं सुरेंद्र सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किए। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को जीवामृत बनाकर भी दिखाया गया। कार्यक्रम में गिरधारी लाल, डीपी तिवारी, शकील अहमद, देवकांत, जग शरण सिंह, रवि शंकर सहित कुल 40 किसान मौजूद रहे I