सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित, रामगोपाल व शिवपाल बने राष्ट्रीय महासचिव
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लखनऊ ।
आखिरकार लंबे समय से भंग चल रहे समाजवादी पार्टी के संगठन में मीडिया पैनलिस्टों की सूची के बाद 62 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई। रविवार को घोषित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही प्रोफेसर राम गोपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव बनाया गया है।किरणमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व शिवपाल सिंह यादव को भी संगठन में जिम्मेदारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव के साथ ही सुधीर रंजन सेन को पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में घोषित 15 महासचिवों में मोहम्मद आजम खान शिवपाल सिंह यादव रवि प्रकाश वर्मा बलराम यादव के साथ ही बीते दिनों राम चरित मानस को लेकर विवादित बयान के बाद चर्चा में आए एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का भी पार्टी संगठन में कद बढ़ाते हुए राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी है।इसके अतिरिक्त विश्वंभर प्रसाद निषाद अवधेश प्रसाद इंद्रजीत सरोज रामजी लाल सुमन लालजी वर्मा राम अचल राजभर जी एंटोनी हरेंद्र मलिक नीरज चौधरी को भी प्राथमिकता देते हुए महासचिव बनाया गया है।
इसके साथ ही पार्टी संगठन में 19 राष्ट्रीय सचिवों की सूची में मधु गुप्ता कमाल अख्तर दयाराम पाल राजेंद्र चौधरी राजीव राय राम बक्स वर्मा प्रोफेसर अभिषेक मिश्र जावेद आब्दी रमेश प्रजापति पीएन चौहान अखिलेश कटियार व राम आसरे विश्वकर्मा को जातीय समीकरण के लिहाज से ताजपोशी की गई है।इसके अतिरिक्त आकिल मुर्तजा तारकेश्वर मिश्र राजाराम पाल हाजी इरफान अंसारी त्रिभुवन दत्त राम मूर्ति वर्मा वीरपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय सचिव बनाकर सभी वर्गों को समायोजित करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
वही जया बच्चन राम गोविंद चौधरी अबू आसिम आजमी चंद्रपाल सिंह यादव मौलाना इकबाल अंसारी अरविंद कुमार सिंह मुकेश वर्मा उषा वर्मा लीलावती कुशवाहा राम दुलार राजभर तेज नारायण पांडेय पवन धर्मेंद्र यादव अक्षय यादव तेज प्रताप यादव उज्ज्वल रमण सिंह राजकुमार मिश्र संजय लाठर व्यास जी गौड़ रमेश तोमर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य नामित किया गया है।
सपा संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी अनुपस्थिति में पहली बार घोषित सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में टॉप 20 में दलित पिछड़ा व अल्पसंख्यक को पार्टी ने तरजीह दी है।वही मैनपुरी लोक सभा क्षेत्र के उपचुनाव के दौरान अपने दल का सपा में विलय करने वाले मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को कयासों के अनुसार ही राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।जारी सूची के अनुसार शिवपाल सिंह यादव का नाम मोहम्मद आजम खान के बाद वरिष्ठता क्रम में शामिल हुआ है।
वही गत दिनों राम चरित मानस के कुछ अंश पर आपत्ति जता कर चर्चा में चल रहे बसपा से भाजपा में होते हुए विधान सभा चुनाव 2022 से पहले सपा में शामिल स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी ने तरजीह देते हुए उनका कद बढ़ाकर साफ संदेश दिया है।वही बसपा कैडर के बड़े चहेरा रहे इंद्रजीत सरोज लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को भी संगठन में बड़ी भूमिका के संकेत मिले हैं।अमूमन जातीय समीकरण को बखूबी ध्यान में रखते हुए यूपी फतेह के लिए सभी जातियों व वर्गों को समायोजित कर वोटबैंक को साधने की कोशिश की गई है।
सोशल मीडिया में सुर्खियों में हैं अखिलेश का स्वामी को राष्ट्रीय महासचिव बनाने निर्णय
रामचरित मानस की पंक्तियों को लेकर दिए गए बयान पर एक बार फिर सुर्खियों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य का समाजवादी पार्टी में कद और बढ़ गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया हैं। रामचरित मानस की पंक्तियों को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान लगातार सुर्खियों में है।
हिन्दूवादी संगठनों और संत महात्माओं की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरु होने के बाद पिछडी़ जातियों के तमाम संगठन और लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में गोलबंद हो रहे हैं। क्रिया प्रतिक्रिया के बीज स्वामी प्रसाद मौर्य की लीडरशिप और मजबूत होने की स्थिति को सपा मुखिया ने स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है।
रविवार को अखिलेश यादव का निर्णय सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियों में रहा। स्वामी प्रसाद मौर्य का पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव जैसे बड़े पद तोहफा देने का फैसला पार्टी के लिए कितना फायदा या नुकसान होगा ये आगामी चुनावों में पार्टी प्रदर्शन पर निर्भर करेगा I अखिलेश यादव के इस निर्णय की चहुंओर चर्चा हो रही है I
रिपोर्ट- विजय यादव (सह सम्पादक)