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हत्यारों के रचे चक्रव्यूह को नहीं तोड़ सकीं जांच एजेसियां , न्याय के आस में पथरा गई परिजनों की आंखें

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अमेठी।
पांच वर्ष पूर्व हुए अभय हत्याकांड में हत्यारों द्वारा रचे गए चक्रव्यूह को जांच एजेंसियों अब तक नहीं तोड़ सकी हैं। पहले पुलिस, फिर सीबीसीआईडी और अब डेढ़ वर्षों से हत्याकांड की जांच सीबीआई कर रही है। लेकिन वह भी अभय के हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी। मासूम के हत्यारों को सजा दिलाने के इंतजार में परिजनों की आंखें पथरा गई हैं।

13 जनवरी 2018 की रात जवाहर नवोदय विद्यालय गौरीगंज में कक्षा 11 में पढ़ने वाले 17 वर्षीय छात्र अभय सिंह पुत्र अजय सिंह की निर्मम हत्या कर हत्यारों ने शव को गौरीगंज रेलवे स्टेशन से कुछ दूर रेलवे ट्रैक के किनारे डाल दिया था। 14 जनवरी की सुबह छात्र का शव मिलने पर पुलिस का रवैया बेहद संवेदनहीन नजर आया। मीडिया के बड़े विरोध के बाद शाम को पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन डेढ़ वर्षों तक विवेचना के बावजूद पुलिस घटना का खुलासा नहीं कर सकी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर 26 जुलाई 2019 से मामले की विवेचना सीबीसीआईडी प्रयागराज ने शुरू की। 24 नवम्बर 2020 को सीबीसीआईडी ने विवेचना बंद कर दिया। इसके बाद आठ माह तक विवेचना बंद रही। फिर 26 जुलाई 2021 से सीबीआई लखनऊ ने अभय हत्याकांड की विवेचना शुरू की। सीबीआई को भी विवेचना करते लगभग डेढ़ वर्ष होने को हैं। लेकिन अभी तक सीबीआई भी हत्यारों को नहीं पकड़ सकी है।

मृतक की मां का छलका दर्द

मृतक छात्र अभय की मां सरला सिंह ने सीबीआई निदेशक नई दिल्ली, डीजीपी लखनऊ, एसपी सीबीआई लखनऊ और इंस्पेक्टर सीबीआई लखनऊ को पत्र भेजकर अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने पुलिस और सीबीसीआईडी पर हत्यारों को पकड़ने के बजाय उन्हें बचाने व साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पांच वर्षों से उनका परिवार अपने इकलौते बेटे की याद में घुट-घुटकर मर रहा है। अब उनके बच्चे को जिंदा तो नहीं किया जा सकता लेकिन हत्यारों को पकड़कर उन्हें सजा तो दिलाई ही जा सकती है।

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