धान बेचने के लिए भटक रहे किसान……
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अमेठी।
किसानों के घर धान की उपज तो आ गई लेकिन अब उसे बेचने के लिए किसानों को दर दर भटकना पड़ रहा है सरकारी धान खरीद केंद्रों पर सिर्फ मंसूरी धान की खरीद हो रही है।वह भी चुनिंदा किसानों की आम किसान अपनी उपज बेचने के लिए एडिया रगड़ने को मजबूर है।कहने को तो सिंहपुर क्षेत्र में तीन क्रय केंद्र खुले हैं परंतु विपणन विभाग के क्रय केंद्र पर ही ठीक ठाक खरीद हुई है जबकि साधन सहकारी समिति धीरापुर और फूला में नाम मात्र की खरीद हुई है।किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या मंसूरी छोड़कर अन्य सफेद भूसी धान बेचने की है।मंसूरी तो फेरी वाले भी अपनी सेटिंग क्रय केंद्रों या मिलरों से रखते हैं और वे सरकारी केंद्रों पर धान बेंच लेते है I किसानों से मंसूरी धान 1500 से 1600 रुपए प्रति कुंतल के भाव से खरीद लेते हैं।लेकिन सफेद भूसी का धान यदि मोटा है तो 1300 से 1400 रुपए प्रति कुंतल और यदि महीन धान है तो वह भी 1500 से1600 रुपए प्रति कुंतल अर्थात मंसूरी के भाव में ही खरीद ले रहे हैं। किसानों की मजबूरी यह है कि उन्हें जल्दी फसल की बुवाई करनी है उसके लिए खाद बीज,जुताई इत्यादि के लिए पैसा चाहिए साथ ही सहालग के चलते अतिरिक्त खर्च भी मुंह बाए खड़े हैं।मजबूरी में किसान अपनी हाड़ तोड़ मेहनत की कमाई को औने पौने दाम में बेंच रहे हैं।
बीते साल सिंहपुर में सात धान क्रय केंद्र थे जिन्हे घटाकर इस बार तीन कर दिया गया है।बड़ी मांग के बाद टेढ़ई में पीसीएफ का एक खरीद केंद्र बढ़ाया गया है। धान क्रय केंद्र घटने की आवाज भी किसानो ने उठाई कि पूर्ववत क्रय केंद्र खोले जाएं लेकिन किसानो की आवाज को प्रशासन द्वारा अनसुना कर दिया गया और इस समय किसान उसी का खामियाजा भुगत रहे हैं। और भोले भाले किसान औने-पौने दाम में अपनी उपज बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हैं।
हाड़तोड़ मेहनत के बाद किसानों ने धान की फसल तैयार की। अब जब फसल तैयार हो गई है, लेकिन किसानों से धान खरीद नहीं हो रही है। फसल बुवाई की जल्दबाजी में बेचारे किसान औने-पौने दाम में बिचौलियों को अपनी धान की उपज बेचने को मजबूर हैं। इस बार भी किसानों से धान खरीदने के लिए सरकार ने 2040 रू प्रति कुंतल समर्थन मूल्य की घोषणा भी कर रखी है।लेकिन किसानो का धान सरकारी खरीद से औसत 500 रुपए प्रति कुंतल सस्ता खरीदा जा रहा है।सरकार की घोषणा है कि किसानों की आय दूनी हो रही है लेकिन विपरीत परिस्थितियों में किसान द्वारा उगाई गई फसल घाटे का सौदा साबित हो रही है।
मंसूरी धान अतिरिक्त अन्य प्रजातियों के धानों की नहीं हो रही खरीद
धान की सरकारी खरीद पर गौर करें तो एक माह बीतने को है विपणन विभाग के सर्वजीत बाजार स्थित क्रय केंद्र पर 3700 कुंतल से अधिक धान की खरीद हुई है जबकि साधन सहकारी समिति फूला में लगे क्रय केंद्र पर मात्र 375 कुंतल धान की खरीद हुई है वहीं साधन सहकारी समिति धीरापुर में 600 कुंतल के आसपास खरीद हो सकी है। किसानो की सबसे बड़ी समस्या है कि क्रय केंद्रों पर मंसूरी धान के अतिरिक्त अन्य धान की खरीद न होना।अस्सी प्रतिशत किसानों के पास अन्य धान है जबकि 20% किसानो के पास ही मंसूरी धान है ऐसे में बहुतायत किसान अपनी धान की उपज औने पौने दाम में बेचने को मजबूर है।
नहीं मिल रहा सरकारी खरीद केंद्रों का किसानो को लाभ
बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसानों ने धान बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा दिया है।लेकिन अब क्रय केंद्रों पर मिली तारीख इतनी लंबी है कि वे इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते मजबूरी में उन्हें फेरी वालों का सहारा लेना पड़ेगा। 2040 रुपए प्रति कुंतल सरकारी धान खरीद मूल्य है इसलिए हर किसान अपनी उपज सरकारी क्रय केंद्र पर बेचना चाहता है लेकिन क्रय केंद्रों के अभाव और इन सरकारी क्रय केंद्रों पर सिर्फ मंसूरी धान खरीद की ही खरीद हो रही है ऐसे में छोटे किसानों को सरकारी खरीद का लाभ मिलना दूर की कौड़ी है।
जिलाधिकारी ने 14 नये धान क्रय केन्द्र स्वीकृत,जिले धान क्रय केन्द्रों की संख्या हुई 68
जिला खाद्य विपणन अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी ने अवगत कराया है कि मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत खरीद विपणन वर्ष 2022-23 में जिलाधिकारी के अनुमोदन के उपरान्त जनपद में क्रय एजेन्सी पी0सी0एफ0 संस्था की 08 क्रय केन्द्र सिरखिरी, सिंदुरवा, जमुवारी, गोडहरी, मंगौली, टेढंई, सैम्बसी व ओदारी, यू0पी0एस0एस0 संस्था के 02 क्रय केन्द्र बरसण्डा व ढ़ोढनपुर, पी0सी0यू0 के 02 क्रय केन्द्र महाराजपुर एवं आशीषपुर, भा0खा0नि0 का क्रय केन्द्र ऐंधी एवं मण्डी परिषद के 02 क्रय केन्द्र जायस मण्डी एवं जाफरगंज मण्डी नये धान क्रय केन्द्र स्वीकृत किये गये है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार जनपद में कुल धान क्रय केन्द्रों की संख्या 68 हो गयी है, जिससे कि सभी किसान अपना धान उपरोक्त क्रय केन्द्रों पर विक्रय कर सकते है तथा धान विक्रय के लिए किसानों को अपना रजिस्ट्रेशन खाद्य एवं रसद विभाग के विभागीय पोर्टल fcs.up.gov.in पर कराना अनिवार्य होगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने से पूर्व पंजीयन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी जो पोर्टल पर उपलब्ध करायी गया है, उसका अध्ययन किसानों द्वारा कर लिया जाय, जिससे कि उन्हें पंजीयन करते समय किसी प्रकार की कठिनाई न हो और उनका पंजीकरण सफलतापूर्वक हो जाए साथ ही यह भी बताया कि पंजीकरण करते समय किसानों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि मोबाइल नम्बर उनके आधार व बैंक खाते से लिंक हो एवं उसी मोबाइल नम्बर का प्रयोग पंजीकरण में किया जाय, जिससे कि भुगतान में कोई भी समस्या न हो। इस हेतु उन्होंने बताया कि आधार से बैंक खाता लिंक है अथवा नही, इसकी जॉच करने हेतु स्टेप-1 में बॉयी ओर दिये गये लिंक (आधार से लिंक बैंक खाता जॉचने हेतु यहॉ क्लिक करें) पर क्लिक करके खाते की सक्रियता की पुष्टि की जा सकती है तथा धान खरीद से सम्बन्धित किसी भी सहायता हेतु किसान जिला खाद्य विपणन अधिकारी कार्यालय के दूरभाष नम्बर 8528126280 पर प्रातः 10 बजे से सायं 05 बजे तक सम्पर्क कर सकते है।