बदहाली पर आंसू बहाता राजीव गांधी स्टेडियम
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अमेठी।
केंद्र की नरेंद्र मोदी व प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक तरफ जहां युवाओं के सपनो को पंख देने के लिए लगातार तमाम योजनाओं के साथ ही जरूरी संसाधन देने का हर संभव कोशिश कर रही है I वही स्थानीय कस्बे के समीप बने वर्षो पुराने एएच इन्टर कॉलेज के खेल मैदान राजीव गांधी स्टेडियम ग्राउंड अपने बुरे दौर से गुज़र रहा है।स्टेडियम की बदहाली को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कई बार ज्ञापन व पत्र भेजकर समुचित व्यवस्था कराने की मांग कर चुके हैं किंतु अब तक नतीजा ही सिफर रहा है।
करीब 80 के दशक में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी व उनके छोटे भाई संजय गांधी के कार्यकाल में अपने स्वर्णिम इतिहास को समेटे वीवीआइपी संसदीय संसदीय क्षेत्र अमेठी ने नित नए नए आयाम देख चुकी है।स्वर्णिम काल के दौरान ही ग्रामीण अंचलों में युवा प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा को निखारने के साथ ही उनके सपनों को सजाने संवारने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री व स्थानीय सांसद राजीव गांधी ने शारदा सहायक नहर से सटी वेश कीमती भूमि पर लाखों की लागत से एएच इन्टर कॉलेज मुसाफिरखाना के खेल मैदान को स्टेडियम का स्वरूप देते हुए निर्माण कराया गया था।मई 1991 के लोक सभा के आम चुनावों के दौरान राजीव गांधी की आकस्मिक निधन के बाद हुए उपचुनाव में अमेठी से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होकर केंद्र की पीवी नरसिंहा राव सरकार में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री बने उनके सखा कैप्टन सतीश शर्मा ने स्टेडियम का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर ही करवाया ।कई एकड़ भूमि पर निर्मित राजीव गांधी स्टेडियम में जरूरी सुविधाओ के साथ अत्याधुनिक स्वरूप देने का हर संभव कोशिश भी हुई ।जिसके चलते जिला मंडल व राज्य स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिताएं भी आयोजित होने लगी थी।1998 के लोक सभा चुनाव में कैप्टन सतीश शर्मा की पराजय के साथ ही उन्होंने अमेठी की तरफ शायद ही कभी नजरे इनायत की हो ।हालांकि 1999 से सक्रिय राजनीति में आई पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी अमेठी लोक सभा क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल कर सांसद बनी थी ।2004 , 2009 व 2014 में उनके पुत्र व तत्कालीन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने अमेठी का प्रतिनिधित्व करते रहे ।किंतु स्टेडियम का ही दुर्भाग्य रहा कि राहुल गांधी की नजरे कभी अपने पिता के नाम पर बने इस स्टेडियम पर नहीं पड़ी ।शायद उनके पास अपने पिता के संजोए सपनो को साकार करने का समय ही नही मिल पाया ।2004 से 2014 तक केंद्र की सत्ता पर काबिज कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के कार्यकाल में लोग इंतजार करते रह गए और यूपीए सरकार के दो कार्यकाल समाप्त हो गए ।स्टेडियम की हालत यह हो गई कि मुख्य गेट पर ही जंगली कांटेदार वृक्ष शोभायमान हो गए हैं।परिसर की बाउंड्री वॉल भी जीर्ण शीर्ण स्थिति में पहुंच चुकी है।पूरा मैदान बारिश के महीनों में तालाब सरीखा हो जाता है।अंदर घासें उग आई हैं ।अलबत्ता स्टेडियम में करीब डेढ़ दशक से शायद ही कोई कार्यक्रम आयोजित हुआ हो । बीएसपी सरकार के कार्यकाल में भोजपुरी अभिनेता रविकिशन व गायक मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम जरूर हुआ था। सीढ़ी नुमा बने स्टेडियम की बदहाली को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने जिले के आला अधिकारियों के साथ ही स्थानीय भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र व ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराते हुए पुनर्निर्माण की मांग कर चुके हैं।