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राज्य वित्त का 15% गोशाला को देंगी ग्राम पंचायतें

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अमेठी I
ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त का 15% गो आश्रय स्थलों को देना होगा।जिलाधिकारी के इस फरमान से पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रही छोटी ग्राम पंचायतों के सामने लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है।पहले से ही विकास कार्यों में आर्थिक देनदारियों के बोझ तले दबी इन ग्राम पंचायतों के लिए यह फरमान कोढ़ में खाज की तरह है।
बीते माह जिलाधिकारी द्वारा जारी पत्र में विकास क्षेत्र में संचालित सभी गोवंश आश्रय स्थल के लिए एक अधिकारी को नोडल नामित किया गया है और उसे यह निर्देश दिए गए हैं कि जिन ग्राम पंचायतों में गो आश्रय स्थल हैं और उनमें गो वंश संरक्षित हैं उनकी मदद के लिए राज्य वित्त से 15% धनराशि देने के लिए जिन ग्राम पंचायतों को संबद्ध किया गया है उनसे बात कर समन्वय स्थापित करते हुए ग्राम प्रधान सचिव और खंड विकास अधिकारी के साथ बैठक कर उन ग्राम पंचायतों के राज्य वित्त आयोग के खाते से 15%धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से गो आश्रय स्थल के खातों में अंतरित कराएं।
सिंहपुर क्षेत्र में छह गो आश्रय स्थल संचालित हैं और दो और निर्माणाधीन हैं जो छः संचालित हैं उनमें खारा,जैतपुर, लौली, रस्तामऊ, दांदूपर,फूला गांव में गो आश्रय स्थल संचालित हैं जबकि सिंहपुर में पशुपालन विभाग से एक करोड़ बीस लाख की लागत से डेढ़ वर्ष से बृहद गो आश्रय स्थल निर्माणाधीन है और महिया सिंदुरिया ग्राम पंचायत में गो आश्रय बनकर तैयार है।
गौर तलब है कि गो आश्रय स्थलों को उनमें पल रहे गोवंश के सापेक्ष पशुपालन विभाग से 30 रुपए प्रति पशु खर्च उपलब्ध कराया जाता है।जो परियाप्त नहीं है इसलिए जिलाधिकारी द्वारा मिल रहे खर्च और हो रहे वास्तविक खर्च के गैप को पूरा करने के लिए ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सरकार द्वारा भेजे जा रहे राज्य वित्त की कुल वार्षिक धनराशि का 15% गो आश्रय स्थल को देने का निर्देश जारी किया है। जिलाधिकारी द्वारा 15% राज्य वित्त की धनराशि उपलब्ध किए जाने के लिए संबद्ध किए गए गांवो पर गौर करें तो खारा गो आश्रय स्थल को खारा, जेहटा उसरहा, सातन पुरवा,खरगपुर, अहोरवा भवानी,भानीपुर,धीरापुर,रामगंज,डांगी बरवलिया,गढ़ी महाबल,भवानीपुर ग्राम पंचायतें राज्य वित्त की धनराशि का 15% पीएफएमएस के माध्यम से अंतरित करेंगी। लौली गो आश्रय स्थल को लौली,हथरोहना,कोटवा,जगतपुर,चिलौली, खरांवा ग्राम पंचायतें राज्य वित्त का 15% पीएफएमएस से पशु आश्रय स्थल के खाते में अंतरित करेंगी।जैतपुर गो आश्रय स्थल को जैतपुर, टेढ़ई, मेहमानपुर,टिकरी,अंगुरी नौखेड़ा, कुकहा रामपुर, महिया सिंदुरिया, पेडरिया ग्राम पंचायत द्वारा 15% राज्य वित्त की धन राशि से सहयोग किया जाएगा। गो आश्रय स्थल फूला को ग्राम पंचायत फूला और चिलूली ग्राम पंचायत द्वारा राज्य वित्त का 15% धन अंतरित कराया जाएगा। गो आश्रय स्थल रस्तामऊ को रस्तामऊ, कोंची,युसुफनगर, भीखीपुर ग्राम पंचायतें अपने राज्य वित्त का 15% धन अंतरित करेंगी। गो आश्रय स्थल दांदूपुर को दांदूपुर,जुगराजपुर, जयनगरा,अहमदाबाद पिपरी, शेखनगांव, जियापुर, वतिया, जिजौली, फत्तेपुर,राजापुर ग्राम पंचायतों को अपने राज्य वित्त का 15% धन गो आश्रय स्थल को पीएफएमएस के माध्यम से अंतरित करने करने का निर्देश हुआ है।

राज्य वित्त के 15%अंश गो आश्रय स्थल को देने के फरमान से नाराज प्रधान संघ

प्रधान संघ जिलाध्यक्ष वीरेंद्र त्रिपाठी की अध्यक्षता एवं प्रमुख प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के मुख्य अतिथि में तिलोई ब्लाक के राजा बहादुर मोहनसिंह सभागार में तिलोई प्रधान संघ की बैठक आयोजित हुई।बैठक में ग्राम पंचायतों द्वारा गो आश्रय स्थलों को राज्य वित्त की धनराशि से 15% देने के जिलाधिकारी के मनमाना फरमान पर नाराजगी व्यक्त की गई है।और बैठक को संबोधित करते हुए प्रधान संघ अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि 15% राज्य वित्त का धन गो आश्रय स्थल को देने का फरमान ग्राम पंचायतों के साथ घोर अन्याय वाला है और विकास में बाधा उत्पन्न करने वाला कदम है।जिलाधिकारी के इस कदम से आर्थिक तंगी से जूझ रही छोटी ग्राम पंचायतों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। 1000 से 3000 की आबादी वाली ग्राम पंचायतों के पास मानदेय का खर्च ही एक साल का दो लाख से ऊपर है ऐसे में 15% की और वृद्धि विना सोचे समझे लिया गया फैसला है। ऐसे में यदि 15% का भार और लाद दिया जाता है तो इन गांवों के प्रधान गांव वालों को क्या जवाब देंगे।छोटी ग्राम पंचायतों में 15% देने के बाद विकास के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। बड़ी ग्राम पंचायतों पर भी राज्य वित्त के धन पर 15% का भार बढ़ने से ग्राम पंचायतों के विकास कार्य निश्चित रूप से बाधित होंगे।

प्रधान संघ ने बैठक कर विरोध में प्रस्ताव किया पारित

प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि प्रधान सरकार के इस कदम से कतई सहमत नहीं हैं और प्रधान संघ जिलाधिकारी के इस फरमान से सहमत नहीं है।जिलाध्यक्ष ने बताया कि तिलोई में रजनपुर और संग्राम पुर ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जिनकी देनदारी पहले से ही आय से अधिक है और अब 15% गो आश्रय को देने के लिए कहां से कर्ज लेंगी।प्रधान संघ की बैठक में मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे प्रमुख प्रतिनिधि कृष्ण कुमार सिंह मुन्ना सिंह ने कहा कि छोटी ग्राम पंचायतों की परिस्थितियां ऐसी नहीं हैं कि 15% का अतिरिक्त खर्च वहन कर सकें।इसलिए सरकार को चाहिए कि राज्य वित्त के धन में बढ़ोत्तरी करे तभी छोटी ग्राम पंचायतें राज्य वित्त का 15% गो आश्रय स्थल को देने की स्थिति में होंगी।बैठक में अमिता गौतम प्रधान तिलोई,मोनू जायसवाल प्रधान चेतरा,अशरफ प्रधान भिलाई,दिनेश सिंह आदि बड़ी संख्या में प्रधान मौजूद रहे I

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