बुझ गया घर का चिराग
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रायबरेली।
एक और युवा होनहार एक्सीडेंट का शिकार हो गया। यद्यपि मार्गों पर अतिक्रमण तो आम बात है, कहीं मार्गो के किनारे दुकानदार गिट्टी मोरंग सरिया रखे पड़े है तो कहीं बास बल्ली लगाकर, बोरी बोरिया रखकर अतिक्रमण किए है I ग्रामीण मार्ग की बात अलग मुख्य मार्गो पर विलायती बबूल की झाड़ लगी है। पीडब्ल्यूडी कर्मचारियो की हालत तो आदमी मरे तो मरे उन्हें क्या हर्ज है । प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक युवा की मौत हुई । छतोह के निकट गांधीनगर मुख्य मार्ग पर ग्राम पंचायत गढ़ा में सुजवरिया मोड़ से फकीर का पुरवा या यूं कहें कि जूनियर हाईस्कूल गढ़ा तक अतिक्रमण का बोलबाला है । इसी हालत में आधी से अधिक मार्ग पर ट्रक खड़ी है । मोटरसाइकिल से जा रहे ग्रामसभा भेलिया थाना नसीराबाद जनपद रायबरेली के निवासी सचिन तिवारी 25 पुत्र राजकुमार तिवारी के सामने अचानक चारपहिया वाहन आ गया। बचने के चक्कर में खड़ी ट्रक में ही भिड़ गया। सचिन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई I घर का अकेला वारिस था, साथ में बैठा लड़का जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है। सवाल यह है कि रोड साइड पर ही गिट्टी मोरंग क्यों रखा जाता है। प्रशासन का अंकुश क्यों नहीं है। दूसरी बात मार्ग के किनारे ट्रक तथा अन्य भारी वाहन खड़े करने पर रोक क्यों नही है। तीसरी बात हर मार्ग की झाड़ियां साफ करने के लिए कर्मचारी होने के बाद भी मार्गों के किनारे झाड़ी क्यों है। इन तीनों ही कारको से आए दिन एक्सीडेंट होते है। लोग मरते है। प्रशासन लीपा पोती करने में लगा रहता है। सवाल ये है कि राजकुमार के कुल के लिए क्या प्रशासन कुछ कर सकता है। क्या प्रशासन सचिन को कोई वापस कर सकता है यदि नही तो मार्गों पर अतिक्रमण और नित नई हो रही मौतों का जिम्मेदार किसको ठहराया जाएगा। विधायक सांसद को भी ऐसी मौतों पर चिंता नहीं। भला कितनी मौतों का प्रशासन इंतजार करेगा ।
परिवार का इकलौती संतान था सचिन
सचिन तिवारी पुत्र राजकुमार तिवारी थे। इनकी एक्सीडेंटल मृत्यु से राजकुमार तिवारी का कोई वारिश नही बचा। वर्तमान में राजकुमार का अकेला कुलदीपक था I सड़कों के किनारे फैले अतिक्रमण का शिकार हो गया I इस तरह की घटनाओं का जिम्मेदार कौन है I इसे प्रशासनिक लापरवाही से जोड़ा जाए शायद गलत नहीं होगा I प्रशासन को अतिक्रमण को लेकर व्यापक चिंतन की जरूरत है।