ग्राम पंचायत की जांच में–आ बैल मुझे मार की कहावत चरितार्थ हुई
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अमेठी ।
ग्राम पंचायत स्तर के विकास और भ्रष्टाचार का चोली दामन का साथ रहा है ,ये बात जगजाहिर है I अक्सर ही ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की जांच में ग्राम प्रधान भ्रष्टाचार में फंसने के मामले आते रहते हैं I लेकिन जिले के शुकुल बाजार विकासखंड में भ्रष्टाचार अनूठा मामला प्रकाश में आया है I ग्राम पंचायत इक्काताजपुर पूर्व प्रधान द्वारा वर्तमान प्रधान
खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया, जिससे वर्तमान प्रधान की वित्तीय अधिकार जिलाधिकारी ने सीज कर दिया और जांच के आदेश दिए गए I लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी पूर्व प्रधान जी की आ बैल मुझे मार की स्थिति बन गई I पूर्व प्रधान कहां शिकायतकर्ता थे अब खुद कराए कार्यों में ही गबन आरोपी बन गए और रिकवरी के आदेश जारी हो गए I जिलाधिकारी के आदेश जारी होने के साथ ही पूर्व प्रधान के चेहरे पर मायूसी छाई I
शुकुल बाजार विकासखंड में भ्रष्टाचार की फाइलों की जांच करना जिले के अधिकारियों के गले से उतर नहीं रहा है । आपको बता दें कि कुछ महीने पूर्व ग्राम पंचायत इक्काताजपुर में निर्वाचित प्रधान विमला देवी को पूर्व प्रधान की शिकायत पर वित्तीय अनियमितताओं का दोषी मानते हुए प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार छीन लिए गए थे। और जिलाधिकारी द्वारा अंतिम जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी। प्रधान का दोष इतना था कि कार्य में लगे मजदूरों को काफी दिन तक सरकारी धन खाते में ना होने पर प्रधान द्वारा नगद भुगतान कर दिया गया था। और उसका पैसा प्रधान जी अपने खाते में ले लिए थे वह भी जानकारी के अभाव में इतनी सी मात्र भूल पर जिलाधिकारी द्वारा इतना बड़ा एक्शन लेना समझ के परे था, जबकि ऐसी अनियमितताएं जिले की सैकड़ों ग्राम पंचायतों में मिल जाएंगी इसी से नाराज सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार सुरजीत यादव द्वारा पूर्व प्रधान की भी कार्यों की अनियमितता का काला चिट्ठा जिला अधिकारी अमेठी को सौंपा गया। जिस पर जिले के अधिकारियों ने तत्काल जांच कर कार्यवाही करने का निर्णय लिया ग्राम पंचायत इक्काताजपुर की पूर्व ग्राम प्रधान मंजू देवी व इनके सहयोगी रविशंकर तथाकथित प्रधान प्रतिनिधि अपने ही बुने में फंस गए।
आपको बता दें कि इक्काताजपुर निवासी पत्रकार सुरजीत यादव द्वारा उनके कार्यकाल में कराए गए कार्यों में अनियमितता एवं गबन की शिकायत पर प्रशासन द्वारा जांच कराई गई तो हैंडपंप मरम्मत व रिबोर के साथ खड़ंजा आदि के कार्य में सरकारी धन के 1 लाख 59 हजार 532 रुपये की अनियमितता प्रकाश में आया। जिस पर जिला पंचायतराज अधिकारी एसके यादव ने पूर्व प्रधान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा । जबाव संतोषजनक नहीं दें पाए। बल्कि मनगढ़ंत कहानी जिला पंचायतराज अधिकारी के सामने पेश किए। जिसमें सरकारी धन की अनियमितता में पूर्व प्रधान व सचिव दोनों बराबर के दोषी सिद्ध पाए गए हैं।
जिला अधिकारी अमेठी ने हैंडपंप मरम्मत व रिबोर के साथ खड़ंजा आदि के कार्य में सरकारी धन के 1 लाख 59 हजार 532 रुपये की वसूली का आदेश दिया है। साथ ही नोटिस में कहा गया है कि 1 पक्ष में ग्राम पंचायत की प्रथम निधि में पूर्व प्रधान द्वारा पैसे जमा न करने की स्थिति में भू राजस्व की भांति एक मुश्त वसूली का आदेश पारित किया जायेगा। उधर सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार सुरजीत यादव का कहना कि मेरे द्वारा 20 बिंदु की शिकायत किया गया था यह मात्र 6 बिंदुओं पर वसूली का आदेश जारी हुआ है। शेष 14 बिंदु पर भी जांच होगी तो पूर्व प्रधान व तथाकथित प्रधान प्रतिनिधि रविशंकर से लगभग 10 लाख की वसूली होगी।
फाइल फोटो- भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठे हुए सुरजीत यादव
हाल में ही जिले में कई सारे गबन एवं भ्रष्टाचार के मामले ग्राम पंचायतों के प्रकाश में आये हैं I जिले के जामों विकासखंड में 9 ग्राम पंचायत में साढ़े छः करोड़ रुपये के कार्यों में जिलाधिकारी ने नोटिस जारी किया है और सही ब्यौरा देने की रिकवरी के आदेश दिए हैं I इसी प्रकार विकासखंड अमेठी में भी 20 ग्राम पंचायत में 6.50 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है I ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जिले में अलख जगाने वाले एक्का ताजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार सुरजीत यादव का विशेष योगदान रहा है I