स्वयं में अनूठा है इन्हौना मेला
1 min readअमेठी I दशहरे के बाद लगने वाला इन्हौना दशहरा मेला अपने में अनूठा है I इस मेले का आयोजन मुस्लिम चौधरी घराना करता आया है I इसमें हिंदू एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं I रामलीला मंचन का आयोजन किया जाता है एक दूसरे से मिलजुल कर कार्यक्रम को सफल बनाते हैं I
इन्हौना कस्बे में दो दिवसीय दशहरा मेला का शुभारंभ हुआ।पहले दिन रामलीला के अंतर्गत लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध,राम रावण युद्ध का सजीव मंचन किया गया।इसके पश्चात पुतला दहन का कार्यक्रम सपन्न हुआ। आपसी सद्भाव की मिसाल इस मेले की अपनी अलग पहचान है। दूर दराज से बड़ी संख्या में महिला,पुरुष और बच्चे मेले का आनन्द उठाने पहुंचे।कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक चौधरी वहाज अख्तर ने किया।रामलीला का मंचन सीता हरण से शुरू होकर रावण वध के बाद समाप्त हुई। मारीच की मृग लीला,सीता हरण ,अशोक वाटिका और महाबली हनुमान द्वारा लंका दहन का मंचन देख जनसमूह भावविभोर हो उठा।। जटायु और हनुमान के पात्रों ने सजीव मंचन से दर्शकों का मन मोह लिया। बड़ी संख्या में लोगों ने घूम घूमकर मेले का लुत्फ उठाया।दशहरा मेले में हवाई झूला,ट्रेन की सवारी और मौत का कुंआ मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। बच्चों ने मेले में चाट,पकौड़ा,जलेबी सहित तमाम लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया।वहीं महिलाओं ने भी जमकर खरीदारी की। सुरक्षा व्यवस्था के तहत शिवरतनगंज थानाध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह, चौकी प्रभारी देवेंद्र सिंह सहित पुलिस व पीएसी के जवान मुश्तैद रहे। इस मौके पर कांग्रेस नेता मो लतीफ,आशीष त्रिवेदी,कमलेश अग्निहोत्री,बब्बन त्रिपाठी, सुंदर लाल जायसवाल,दिलीप कौशल,तनवीर अहमद,श्रीराम क्रांतिकारी, चौधरी वहाज अख्तर,चौधरी सऊद, चंद्र मोहन तिवारी आदि मौजूद रहे।
चौधरी घराना कराता है मेले का आयोजन
इन्हौना में प्रत्येक वर्ष लगने वाला यह मेला अपने आप में अनूठा है।साल भर लोग इस मेले का इंतजार करते है। दशहरा मेले का आयोजन कस्बे के ही मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाला चौधरी परिवार करता है। पीढ़ियों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे चौधरी घराने के वारिस वहाज अख्तर के हांथो मेले की कमान है। यहां दोनों समुदायों की जुगलबंदी अपने आप मे एक मिसाल है।