Lunar Eclipse : चंद्रग्रहण की वजह से अयोध्या के मंदिर दोपहर बाद हुए बंद, 8 सितंबर की सुबह से फिर खुलेंगे पट
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विशेष रिपोर्ट – रवि नाथ दीक्षित
अयोध्या उप्र।
7 सितंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण के कारण आज दोपहर से अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन पर अस्थायी रोक लग जाएगी। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा। इसी वजह से रामलला दरबार, हनुमानगढ़ी, कनक भवन समेत अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
ग्रहण की अवधि में मंदिरों में न तो आरती होगी, न ही भोग या अन्य धार्मिक कार्यक्रम। परंपरा के अनुरूप, भक्तों को इस समय घर पर रहकर मंत्र-जप, भजन और शास्त्र पाठ करने की सलाह दी गई है।
ग्रहण उपरांत शुद्धिकरण अनुष्ठान
ग्रहण समाप्त होने के बाद परंपरागत विधियों से मंदिरों का शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके बाद 8 सितंबर की सुबह से रामलला और अन्य मंदिरों में नियमित रूप से दर्शन-पूजन प्रारंभ हो जाएगा।
चक्रवर्ती राजा दशरथ महल के महंत एवं बिंदुभावधारा आचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य ने कहा कि सूतक काल में मंदिर खोलना शास्त्रों के विपरीत है। इसलिए आज दोपहर से सभी मंदिरों के पट बंद रहेंगे और कल प्रातः पुनः खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि सूतक अवधि में सांसारिक कार्यों से दूरी रखनी चाहिए और भगवान की प्रतिमा को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान किया गया नाम-स्मरण व भजन-कीर्तन विशेष फल प्रदान करता है।
ग्रहण की समय-सारणी
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्किराम के अनुसार यह चंद्रग्रहण भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा तिथि, कुंभ राशि तथा पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा।
ग्रहण स्पर्श : रात 9:57 बजे
मध्य काल : रात 11:42 बजे
मोक्ष (समापन) : रात 1:27 बजे (8 सितंबर)
यह खगोलीय घटना पूरे भारतवर्ष से दिखाई देगी और इसका सूतक काल नौ घंटे पूर्व से, यानी दोपहर 12:57 बजे से प्रभावी है।

