International Issue : पीएम मोदी–मैक्रों के बीच यूक्रेन संकट के समाधान के प्रयासों पर विस्तार से हुई टेलीफोनिक चर्चा
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रिपोर्ट- लोकदस्तक विशेष संवाददाता
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच हुई इस वार्ता में यूक्रेन संकट के समाधान के प्रयासों और भारत–फ्रांस द्विपक्षीय रिश्तों पर विस्तार से चर्चा हुई।
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात पर भी विचार साझा किए। भारत की ओर से इसे सकारात्मक और रचनात्मक संवाद बताया गया। यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका की मध्यस्थता के बावजूद यूक्रेन युद्ध का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आ पाया है।
पीएम मोदी का X पर बयान
वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा—
“राष्ट्रपति मैक्रों के साथ महत्वपूर्ण विषयों पर अच्छी बातचीत हुई। द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति पर समीक्षा की और इसे सकारात्मक रूप से आंका। यूक्रेन संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के प्रयासों सहित कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
भारत–फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता में अहम भूमिका निभाएगी।”हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि वार्ता में अमेरिका की टैरिफ नीति से जुड़े मसलों पर कोई चर्चा हुई या नहीं।
यूरोपीय संघ से भी मोदी का संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से भी टेलीफोन पर वार्ता की थी। उस दौरान दोनों पक्षों ने भारत–ईयू मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को जल्द अंतिम रूप देने की आवश्यकता पर बल दिया। जानकारों का मानना है कि फ्रांस यूरोपीय संघ का अहम सदस्य होने के कारण यह संवाद भारत–फ्रांस रिश्तों को भी नई दिशा देता है।
रणनीतिक साझेदारी के नए आयाम
भारत और फ्रांस की साझेदारी लगातार मजबूत होती जा रही है। रक्षा, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच गहन सहयोग जारी है। हाल ही में फ्रांस ने भारत के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे और पनडुब्बी निर्माण परियोजना से जुड़े नए प्रस्तावों की घोषणा की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वार्ता न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और स्थिरता कायम करने की दिशा में भी अहम कदम साबित हो सकती है।

