Communicable Diseases : प्रदेश सरकार के कुशल प्रबन्धन से संचारी रोग हुआ नियंत्रित
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REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व एवं प्रबन्धन का ही परिणाम है कि प्रदेश के पूर्वांचल के जनपदों में गत चार-पांच दशकों से बच्चों में फैली जानलेवा जापानी बुखार व दिमागी बुखार जैसे संचारी रोग को नियंत्रित कर लिया गया है। प्रदेश के पूर्वी जनपदों में संचारी रोग दशकों से आमजन के स्वास्थ्य को प्रभावित करता रहा है, यह रोग विशेषकर 15 वर्ष से नीचे की आयु के बच्चों को प्रभावित करता रहा है, इस रोग से सैकड़ों बच्चों की जान चली जाती थी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वर्ष 2017 में सरकार गठन के उपरान्त लगातार व्यापक जनसहभागिता के माध्यम से बचाव के लिए साफ-सफाई, टीकाकरण, जांच, दवाओं का वितरण, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था कर दिमागी बुखार रोग पर प्रभावी नियंत्रण किया है। प्रदेश सरकार द्वारा संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान लगातार चलाकर समाज के अन्तिम व्यक्ति तक कार्यक्रम का सन्देश पहुंचाकर रोग से बचाव के उपायों पर बल देते हुए इस रोग को नियंत्रित किया है।
प्रदेश में संचारी रोगों पर नियंत्रण हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय एवं जनसहभागिता से चलाया जा रहा यह अभियान आज एक सशक्त मॉडल बन चुका है, जिसकी देश और विदेशों में चर्चा हो रही है। अन्तर्विभागीय समन्वय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के साथ बेसिक शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, पुष्टाहार, नगर विकास, कृषि, पशुपालन, उद्यान, जल निगम, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, चिकित्सा शिक्षा आदि है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान में 12 विभागों द्वारा समन्वय बनाकर कार्य किया जाता है, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोषाहार देते हैं।
ग्रामीण ग्राम्य विकास व पंचायतीराज विभाग ग्राम स्तर पर नालियों, जल निकासी, गांवों की नियमित सफाई व मच्छर मारने की दवाओं का छिड़काव/फागिंग कराते है। नगर विकास विभाग गलियों मुहल्लों की सफाई, खुली नालियों को ढकने, कूड़ा उठान, दवाओं का छिड़काव, फागिंग आदि करते है। उथले हैंडपम्पों को चिन्हित करते हैं। कृषि विभाग किसानों को वैकल्पिक सिंचाई की जानकारी, उद्यान विभाग मच्छररोधी पौधों को उगाने, पशुपालन विभाग सुअरों के बाड़ों को आबादी से दूर रखने, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग एईएस व जेई रोग के उपरान्त यदि कोई बच्चा दिव्यांग हुआ है तो उसे चिन्हित कर इलाज व उपकरण दिलाये जाने का कार्य किया जाता है।
चिकित्सा विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग जांच, दवाओं का वितरण, इलाज आदि समस्त स्वास्थ्य संबंधी कार्यों का दायित्व निभाते हैं। सरकार ने प्रदेश में लगातार चलाये जा रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के माध्यम से समाज और सरकार के बीच संवाद, सहयोग और विश्वास को मजबूत कर संचारी रोगों के विरुद्ध एक निर्णायक लडाई छेड़ रखी है। सरकार के अनवरत प्रयास और समाज के स्वैच्छिक सहभागिता का परिणाम है कि इस रोग के विरुद्ध अभूतपूर्व सफलता मिली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने चिकित्सालयों में संचारी रोग के रोकथाम के लिए विशेष व्यवस्थायें की है।
दिमागी बुखार के उपचार हेतु पूर्ण रूप से सुसज्जित 16 पी0आई0सी0यू0 15 मिनी पी0आई0सी0यू0 117 ई0टी0सी0 तथा 19 सेन्टीनल लैब संचालित है। प्रदेश सरकार संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु प्रतिवर्ष 3 चरणों में दस्तक एवं संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर इस रोग पर पूर्ण नियंत्रण पाया है। प्रदेश के निष्क्रिय पड़े चिकित्सा केन्द्रों को उपकरण, दवायें तथा मानव संसाधन उपलब्ध कराते हुए इस अभियान को सक्रिय किया गया तथा आम जनता को उनके घर के निकट ही जांच, उपचार आदि समस्त स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराकर संचारी रोग को नियंत्रित किया है।
प्रदेश के जनपदों में आशा कार्यकत्री हर घर में जाकर लोगों को दिमागी बुखार, डेगू, चिकनगुनिया, जापानी इन्फ्लाइटिस आदि रोगों से बचाव, लक्षणों एवं उपचार हेतु चिकित्सालयों पर मौजूद इलाज़ के सभी सुविधाओं के विषय में जानकारी देती है और आम जनता को जागरूक करती है। प्रदेश सरकार के समन्वय के अन्तर्विभागों द्वारा भी अपनी जिम्मेदारी निभाई जा रही है। सरकार द्वारा चलाये गये विशेष अभियानो का ही परिणाम है कि संचारी रोग नियंत्रित हो गया है। ए0ई0एस0 76 प्रतिशत नियन्त्रण करते हुए मृत्यु संख्या में 98 प्रतिशत की कमी लाई गई है, उसी तरह जे0ई0 रोगियों की संख्या में 87 प्रतिशत नियन्त्रण करने से मृत्यु दर में 97 प्रतिशत की कमी आई है।