Lok Dastak

Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi.Lok Dastak

Organizing Meetings : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की बैठक

1 min read
Spread the love

 

REPORT BY LOK REPORTER

AMETHI NEWS।

जल संकट की समस्या से निपटने और भूगर्भ जल स्तर को बेहतर बनाने के लिए अमेठी प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। इसी क्रम में आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी संजय चौहान की अध्यक्षता में जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भूगर्भ जल के संरक्षण, पुनर्भरण (रिचार्ज), रेन वाटर हार्वेस्टिंग, चेक डैम निर्माण और ग्राउंडवाटर डेवलपमेंट पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में जिलाधिकारी ने लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता को निर्देश दिए कि जिले में एक व्यापक सर्वेक्षण कराया जाए, जिससे उन क्षेत्रों की पहचान की जा सके जहां भूगर्भ जल स्तर अत्यंत नीचे पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसे चिन्हित क्षेत्रों में मनरेगा के तहत तालाब खुदवाए जाएं ताकि वर्षा काल में उन तालाबों में जल संग्रह कर भूगर्भ जल स्तर को पुनः संतुलित किया जा सके। इसके अलावा जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि जनपद में बनने वाली नई इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए और लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाए।

उनका कहना था कि वर्षा जल को रोकने और उसका उपयोग करने से भूजल स्तर में सुधार संभव है। उन्होंने नई तकनीकों के प्रयोग द्वारा जल संरक्षण के उपायों को अपनाने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में सहायक अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि भूगर्भ जल दोहन के लिए ग्राउंडवाटर डेवलपमेंट पोर्टल पर तीन श्रेणियों के आवेदन प्राप्त होते हैं—कृषि कार्य, ड्रिलिंग एजेंसी और व्यावसायिक उपयोग हेतु। वर्तमान में कृषि हेतु तीन, व्यावसायिक कार्य हेतु तीन और ड्रिलिंग एजेंसी हेतु दो आवेदन लंबित हैं, जिन्हें जिला भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की संस्तुति के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी किया जाना है।

इस संबंध में जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अर्पित गुप्ता और जिला विकास अधिकारी वीरभानु सिंह की दो सदस्यीय समिति गठित कर आवेदन पत्रों की जांच कर शीघ्र आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए। बैठक में भूगर्भ जल प्रबंधन समिति के सदस्य व पर्यावरणविद् डॉ. अर्जुन पांडे ने भी जल संकट के समाधान हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए। उन्होंने जल संचयन की परंपरागत पद्धतियों के साथ-साथ वैज्ञानिक उपायों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अर्पित गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी रणवीर मिश्र, जिला विकास अधिकारी वीरभानु सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

बाढ़ /अतिवृष्टि/सूखा से बचाव और राहत की तैयारी को लेकर जिलाधिकारी ने की बैठक

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आज कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़/अतिवृष्ट/सूखा से बचाव व राहत की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी संजय चौहान ने की। बैठक में बाढ़/अतिवृष्टि/सूखा से बचाव व राहत को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई एवं जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अर्पित गुप्ता ने बताया कि अमेठी जनपद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है तहसील मुसाफिरखाना क्षेत्र के कुछ गांव गोमती नदी के किनारे आते हैं वहां पर भी बाढ़ की समस्या नहीं है अपितु कहीं-कहीं तेज बहाव के कारण कटान की समस्या आती है जिसको लेकर हमारी तैयारी पूर्ण है। उन्होंने बताया कि जनपद में वर्षा को नापने के लिए 25 ऑटोमेटिक रेन गेज एवं चार ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन रहे राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा स्थापित किए गए हैं जो पूर्णतया संचालित हैं।

इसके अतिरिक्त अमेठी ब्लाक में मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा पूर्व में एक ऑटोमेटिक रेन गेज स्थापित है। बैठक में डीएम ने सभी अधिशासी अधिकारियों को नगर निकायों के अंतर्गत पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ सभी नालों/नालियों की सफाई मानसून से पहले पूर्ण कराने के निर्देश दिए जिससे कहीं पर भी जल भराव की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। ग्रामीण क्षेत्रों में नालों/नालियों की सफाई के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया।

विद्युत विभाग को ढीले तारों तथा जर्जर खभों की मरम्मत कराने को कहा ताकि आंधी, तूफान के कारण पेड़ की डाल गिरने से खंभे एवं तारों के टूटने की घटनाएं ना हो, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को बाढ़ संभावित ग्रामों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाओं, 5 साल से छोटे बच्चों एवं दिव्यांगों की गणना करते हुए ग्रामवार सूची तैयार करने के निर्देश दिए जिससे प्राथमिकता के आधार पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जीवन रक्षक दावों, एंटी स्नेक वेनम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा।

सिंचाई विभाग को नियमित रूप से गोमती नदी के जल स्तर की सूचना आपदा प्रबंधन कार्यालय तथा तहसील को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। खाद एवं रसद विभाग को सूखे के संभावित आशंका के दृष्टिगत समस्त पेट्रोल पंप पर डीजल की आपूर्ति का भंडारण सुनिश्चित करने को कहा जिससे निजी नलकूप से सिंचाई करने वाले कृषकों को समस्या का सामना न करना पड़े, बाढ़ की तैयारियों के दृष्टिगत प्रभावित क्षेत्रों में वितरण हेतु खाद्यान्न की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

अधिशासी अभियंता नलकूप को सभी सरकारी नलकूप सक्रिय रखने के निर्देश दिए जिससे कृषकों को सूखे के दौरान समस्या का सामना न करना पड़े, कृषि विभाग को कम पानी में तैयार होने वाली फसलों की जानकारी किसानों को देने को कहा तथा ऐसे बीजों को कृषि क्रय केंद्रों पर उपलब्ध कराना करने के भी निर्देश दिए।

इसके साथ ही उन्होंने सूखे के दौरान पशुओं/गोवंशों के बचाव हेतु यथासंभव सभी गौशालाओं में हर चार, भूसा तथा स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के संबंध में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया साथ ही सभी सरकारी भवनों, विद्यालयों, पंचायत भवनों, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन द्वारा स्थापित पानी की टंकियों पर लाइटिंग अरेस्टर अनिवार्य रूप से लगाया जाए जिससे उसके आसपास के नागरिकों एवं पशुओं को होने वाली जनहानि से बचाया जा सके।

इसके साथ ही बैठक में जिलाधिकारी ने गोमती नदी के किनारे बाढ़ चौकियों को संचालित करने के निर्देश दिए तथा नाव/नाविकों की लिस्ट भी तैयार कर उसका वेरिफिकेशन कराने को कहा। बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अर्पित गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अंशुमान सिंह, जिला विकास अधिकारी वीर भानु सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी रणवीर मिश्र, डीपीआरओ मनोज त्यागी, बीएसए संजय तिवारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022 All rights reserved | For Website Designing and Development call Us:-8920664806
Translate »