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BOLLYWOOD NEWS : बॉलीवुड की कुछ नई हलचलों के किस्से….

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REPORT BY  KALI DAS PANDEY

MUMBAI NEWS।

साउथ स्टार नागा चैतन्य ने राजनीतिक वेब सीरीज ‘मायासभा’ से लिंक होने से किया इनकार …….!

निर्माता बीवीएसएन प्रसाद द्वारा सुकुमार के साथ मिलकर एसवीसीसी और सुकुमार राइटिंग्स के बैनर तले बनाई जा रही रहस्यमय थ्रिलर फिल्म ‘एनसी24’ का दिलचस्प पोस्टर साउथ स्टार नागा चैतन्य के जन्मदिन के अवसर पर जारी होते ही अटकलों का बाजार गर्म हुआ कि नागा चैतन्य डायरेक्टर देव कट्टा की राजनीतिक वेब सीरीज ‘मायासभा’ का हिस्सा होंगे ।

परन्तु नागा चैतन्य ने राजनीतिक वेब सीरीज ‘मायासभा’ से लिंक होने से इनकार कर दिया है। फिल्म ‘एनसी24’ के मेकर्स ने भी दावा किया है कि नागा चैतन्य और उस प्रोजेक्ट के बीच कोई संबंध नहीं है। मेकर्स द्वारा जारी पोस्टर में पौराणिक कथाओं के साथ एक साहसिक और बीहड़ चरित्र की ओर इशारा किया गया है।

कार्तिक वर्मा दांडू द्वारा निर्देशित और अजनीश लोकनाथ के संगीत से सजी फिल्म ‘एनसी24’ में अभिनेता नागा चैतन्य एक नए अंदाज में और शक्तिशाली अवतार में नजर आएंगे। नागा चैतन्य की इस 24 वीं फिल्म में उभरते हुए कलाकार स्पर्श श्रीवास्तव भी हैं, जिन्हें लापता लेडीज़ के लिए जाना जाता है और मीनाक्षी चौधरी को मुख्य भूमिका में शामिल किए जाने की भी खबर है।

155वीं जन्म जयंती के अवसर पर याद किये गए भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के

गोरेगाँव (मुम्बई) स्थित दादा साहेब फाल्के चित्रनगरी, फिल्म सिटी स्टूडियो में भारतीय सिनेमा के पितामह दादा साहेब फाल्के की 155वीं जन्म जयंती के अवसर पर फिल्मसिटी स्टूडियो प्रबंधन द्वारा आयोजित समारोह में दादा साहेब फाल्के के ग्रैंडसन चंद्रशेखर पुसलकर, उनकी पत्नी मृदुला पुसलकर और दत्तक पुत्री नेहा बंदोपाध्याय भी अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और सभी ने दादा साहेब फाल्के की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

इस समारोह में भारतीय फिल्म जगत से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, बॉलीवुड के नामचीन शख्सियतों व महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनिक पदाधिकारियों के अलावा देश के अन्य राज्यों से आये लोगों ने दादा साहेब फाल्के की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। भारतीय सिनेमा के जन्मदाता दादा साहब ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 19 साल के करियर में दादा साहब ने 121 फिल्में बनाई, जिसमें 26 शॉर्ट फिल्में शामिल हैं।

दादा साहेब सिर्फ एक निर्देशक ही नहीं बल्कि एक मशहूर निर्माता और स्क्रीन राइटर भी थे। उनकी आखिरी मूक फिल्म ‘सेतुबंधन’ थी और आखिरी फीचर फिल्म ‘गंगावतरण’ थी। विदित हो कि दादासाहब फाल्के का असल नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के था। उनका जन्म 30 अप्रैल, 1870 को महाराष्ट्र के त्रिम्बक (नासिक) में एक मराठी परिवार में हुआ था। दादा साहब फाल्के ने ना सिर्फ हिंदी सिनेमा की नींव रखी बल्कि बॉलीवुड को पहली हिंदी फिल्म भी दी।

उनके सम्मान में भारत सरकार ने 1969 में ‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ देना शुरू किया। यह भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। सबसे पहले यह पुरस्कार पाने वाली देविका रानी चौधरी थीं। 1971 में भारतीय डाक विभाग ने दादा साहेब फाल्के के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया। उनका निधन 16 फरवरी 1944 को नासिक में हुआ था।

भारतीय सिनेमा का वार्षिक कारोबार आज लगभग दो अरब का हो चला है और हजारों लोग इस उद्योग में लगे हुए हैं लेकिन दादा साहब फाल्के ने महज 20-25 हजार की लागत से इसकी शुरुआत की थी। आज भले ही दादा साहेब फाल्के हमारे बीच नहीं हैं ।

लेकिन आज भी उनका संदेश व उनके संघर्षों को बयां करते पदचिन्ह, भारतीय फिल्म जगत के फिल्मकारों को कर्मपथ पर धैर्य के साथ अग्रसर रहने के लिए सदैव प्रेरित करता है और युगों युगों तक करता रहेगा।

मानवीय संवेदनाओं को उजागर करती फिल्म भोजपुरी फिल्म ‘सजनवां गंगा पार के

एस के मांझी प्रोडक्शन के बैनर तले फिल्म निर्माता संतोष कुमार द्वारा निर्मित भोजपुरी फिल्म ‘सजनवां गंगा पार के’ बहुत जल्द ही सिनेदर्शकों तक पहुंचने वाली है मानवीय संवेदनाओं को उजागर करती फिल्म ‘सजनवां गंगा पार के’ एक आकर्षक और मनोरंजक सिनेमाई अनुभव देने के लिए तैयार है।

सिनेदर्शकों के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए इस भोजपुरी फिल्म की कथावस्तु में रोमांस, एक्शन, कॉमेडी व ट्रेजेडी का भी समावेश किया गया है। आर रामजीत द्वारा निर्देशित बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सजनवां गंगा पार के’ के लेखक संदीप श्रवण व अनिल कुसुम, पटकथा लेखक कुंदन कुमार, गीतकार अशोक शिवपुरी व अनिल कुसुम, संगीतकार मधुकर आनंद व दीपक दिलकश, सिनेमेटोग्राफर सोमियो और प्रोडक्शन डिजाइनर अशोक कश्यप हैं।

इस भोजपुरी फिल्म के हृदयस्पर्शी कर्णप्रिय गीतों को स्वर दिया है सिंगर इंदु सोनाली, मधुकर आनंद,अरविंद लाल यादव और आद्याशक्ति ने। इस फिल्म में गौरव झा और श्रुति रॉय के अलावा मोहन जोशी, अली खान, लवली, रवि साहू, प्रदीप काबरा और अजय पटेल की भी अहम भूमिका है।

‘बांदी’ का लोकार्पण संपन्न

एस जी एस एच पब्लिकेशंस (मुंबई) द्वारा प्रकाशित उपन्यास ‘बांदी-द केयर टेकर’ का लोकार्पण फिल्म जगत के चर्चित शख्सियत चंद्रशेखर पुसालकर द्वारा गोरेगांव (मुंबई) स्थित दादा साहेब फाल्के चित्र नगरी परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान फिल्म निर्माता ललित आर्या और फिल्म पत्रकार काली दास पाण्डेय की उपस्थिति में किया गया।

इस उपन्यास के लेखक रांची ( झारखंड ) के वरिष्ठ अधिवक्ता कफ़ीलूर रहमान हैं जिन्होंने इस उपन्यास के पूर्व ‘अर्धनारी – द पेन ऑफ ट्रांस वुमन’ को लिखा है। इस उपन्यास में लेखक ने संस्कारी पत्नी की खोज में भटक रहे पति की व्यथा और इसी क्रम में उसके जीवन में एक बांदी/ दासी आ जाने के बाद, जीवन में आए उतार चढ़ाव को बड़े ही कलात्मक ढंग से चित्रित किया है।

इसी वजह से रोमांस, रोमांच, थ्रिल और सस्पेंस से भरपूर इस उपन्यास का पन्ना दर पन्ना पाठकों के जिज्ञासा को आगे बढ़ाता है। बकौल लेखक कफ़ीलूर रहमान इस उपन्यास पर आधारित एक फीचर फिल्म के निर्माण की घोषणा बहुत जल्द ही की जाएगी।

सिने फलक पर उभरती अदाकारा दिव्या प्रधान

‘हुक्का’, ‘बारिश की बूंदे’, ‘लबों पे तेरा नाम’ जैसी कई म्यूजिक वीडियो में अपनी आवाज और अभिनय का जलवा बिखेर चुकी सिंगर और अदाकारा दिव्या प्रधान इन दिनों बॉलीवुड में चर्चा का विषय बनी हुई हैं।

400 से अधिक बार लाइव सिंगिंग परफॉर्मेंस देने वाली और देश सहित विदेशों में सफलता पूर्वक सिंगिंग शो करने वाली सिंगर और अदाकारा दिव्या प्रधान साउथ की फिल्म ‘रंगा भाई रेड्डी’ में तांत्रिक की भूमिका निभाने के बाद अब बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम कर रही है। दिव्या को मॉडलिंग करना अच्छा लगता है जिसके लिए वह एड फिल्म, रैम्प वॉक और फैशन शो करती रहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर (बनारस) की मूल निवासी

दिव्या प्रधान कहती है कि सिंगिग उनका जुनून है, वह अपने जीवन में गायन को पहला दर्जा देती है। पंडित रमाकांत तिवारी के मार्गदर्शन में उन्होंने सेमी क्लासिकल गीत गायन की शिक्षा ली है। हिंदी, हरयाणवी और भोजपुरी में उन्होंने ढेरों गीत गाये हैं। दिव्या ने कई भोजपुरी के मशहूर कलाकारों और गायकों जैसे मनोज तिवारी, रवि किशन आदि के साथ गाना गाया है।

वह भजन, लोकगीत, फिल्मी गीत और प्लेबैक गाने गाती रहती हैं और लाइव परफॉर्मेंस भी देती है। ‘मेरे प्रभु श्री राम’ और ‘ये दिल सूफियान’ म्यूजिक वीडियो की सफलता के बाद दिव्या ने अपने प्रोडक्शन हाउस ‘हैप्पी राय प्रोडक्शन’ के बैनर तले शॉर्ट फिल्म और वेब सीरीज का निर्माण कार्य भी शुरू किया है। इसके अंतर्गत वह नवोदित प्रतिभाओं को मौका देती हैं।

एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टीवी/ एड प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स का स्वर्ण जयंती समारोह संपन्न 

एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टीवी/एड प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स, जो प्रोडक्शन प्रोफेशनल्स के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक अग्रणी निकाय है, ने अपने 12वें वार्षिक पुरस्कार समारोह के साथ-साथ अपने शानदार स्वर्ण जयंती वर्ष का भी जश्न मनाया। जुहू, मुंबई स्थित इस्कॉन प्रेक्षागृह में 1 मई को आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह के मुख्य अतिथि  रामदास आठवले राज्य मंत्री,सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय (भारत सरकार) थे।

इस कार्यक्रम में महाभारत के प्रसिद्ध अर्जुन ( फिरोज खान ), गजेंद्र चौहान, सुश्री आभा परमार, अशोक पंडित,  अशोक दुबे, साजिद खान, प्रशांत वीरेंद्र शर्मा, राजीव निगम, एलेक्स ओनेल, विक्रम और कई अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी शानदार बना दिया।

इस समारोह में प्रसिद्ध शुजात अली खान द्वारा एक शानदार संगीतमय प्रस्तुति और मिमिक्री आर्टिस्ट नित्यानंद आनंद द्वारा एक मनोरंजक स्टैंड-अप कॉमेडी एक्ट ने प्रेरणा दायक उत्सव, पुरानी यादों और प्रेरणा का माहौल बनाया। इस 12वें पुरस्कार समारोह (2025) में फीचर फिल्म, टीवी सीरियल और एड फिल्मों के प्रोडक्शन से जुड़े प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स, मैनेजर, कंट्रोलर और लाइन प्रोड्यूसर्स को अवार्ड के साथ सम्मान पत्र दे कर सम्मानित किया गया।

एसोसिएशन ऑफ सिने टीवी एड प्रोडक्शन एक्जीक्यूटिव एक संगठन है जो फिल्म और टीवी उद्योग में काम करने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विदित हो कि फिल्म उद्योग के उत्पादन क्षेत्र में कार्यरत उत्पादन नियंत्रकों और उत्पादन प्रबंधकों के व्यावसायिक हितों की रक्षा करने के उद्वेश्य से 1975 में स्वर्गीय आर.के. हांडा, राम मिलन वर्मा, माणिक गुप्ता,  वी.के. माथुर,  गंगाधरम, हरिंगटन बर्नार्ड ने ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 के अंतर्गत एसोसिएशन ऑफ सिने प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स के नाम से इस एसोसिएशन की स्थापना और पंजीकरण कराया था।

स्वर्गीय माणिक गुप्ता,  मोहम्मद शफी,  भूषण बर्मा और स्वर्गीय ज्ञान सचदेव के कुशल और निपुण योगदान ने एसोसिएशन को मजबूती से स्थापित करने में काफी मदद की। बाद में, कवरेज का विस्तार करने और सदस्यों की संख्या में वृद्धि करने के लिए, टेलीविजन और विज्ञापन फिल्म क्षेत्र को इस एसोसिएशन में शामिल किया गया और एसोसिएशन का नाम बदलकर ‘एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टीवी/ एड प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स’ कर दिया गया।

एसोसिएशन के उपरोक्त सदस्यों की कड़ी मेहनत और प्रयासों के कारण, इस एसोसिएशन को फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज द्वारा मान्यता दी जा चुकी है। इस एसोसिएशन की यात्रा खार से लेकर नटराज स्टूडियो तक कई अस्थायी कार्यालयों से शुरू हुई थी, लेकिन जब तक कि बहुत प्रयास और समर्पण के साथ, अंधेरी पश्चिम के आदर्श नगर में आर्ट डायरेक्टर्स एसोसिएशन के साथ संयुक्त रूप से एक स्थायी कार्यालय का अधिग्रहण नहीं किया गया।

बाद में, 2004 में, एसोसिएशन गर्व से परिसर का एकमात्र मालिक बन गया। 21वीं सदी की शुरुआत ने एक नए युग की शुरुआत की, जब एसोसिएशन ने 2001 में अपने वार्षिक पुरस्कार समारोह की शुरुआत की, जिसमें पहली बार प्रोडक्शन इंडस्ट्री के गुमनाम नायकों को ट्रॉफी और सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा अपने सदस्यों को चिकित्सा सहायता, छात्रवृत्ति और संकट के दौरान वित्तीय सहायता और कार्य संपादन के बाद उचित पारिश्रमिक और कार्य स्थितियों के अनुरूप सुविधा उपलब्ध कराना ही इस एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य रहा है।

यहां उल्लेखनीय है कि बाद के दिनों में सुरेंद्र श्रीवास्तव, राधेश्याम गुप्ता, प्रकाश उपाध्याय,  शैलेश पंड्या,  दीपक कुमार चौधरी,  संजय शर्मा,  इमरान मर्चेंट, भावेश पंचमतिया,  रवि चतुर्वेदी,  संतोष जाधव,  ​​जैसे नए दूरदर्शी लोगों के गतिशील नेतृत्व में, एसोसिएशन ने आधुनिकीकरण को अपनाया और अपने सदस्यों से बेहतर तरीके से जुड़ने और उनकी सेवा करने के लिए अपनी खुद की वेबसाइट लॉन्च की।

पीएमसी बैंक संकट और विनाशकारी कोविड-19 महामारी के बीच भी, एसोसिएशन अडिग रही। इसने अपने कल्याणकारी कार्यक्रम जारी रखे, 2020 में सदस्य सदस्यता शुल्क माफ किया, राशन किट वितरित किए और फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज के सहयोग से प्रत्यक्ष रूप से अपने सदस्यों को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान की। 50 वर्षों का यह ऐतिहासिक मील का पत्थर बन कर खड़ा एसोसिएशन ऑफ सिने एंड टीवी/एड प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव्स न केवल समय बीतने का प्रतीक है, बल्कि अथक दृढ़ता, एकता और प्रगतिशील दृष्टि का प्रमाण भी है।

‘आंखों की गुस्ताखियां’ 11जुलाई को रिलीज होगी……! 

ज़ी स्टूडियोज़ और मिनी फ़िल्म्स की नवीनतम प्रस्तुति ‘आंखों की गुस्ताखियां’ 11 जुलाई को होगी। विक्रांत मैसी और शनाया कपूर स्टारर इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है मानसी बागला और वरुण बागला ने, और फिल्म को संतोष सिंह ने डायरेक्ट किया है और इसकी कहानी निरंजन अय्यंगर और मानसी बगला ने लिखा है। इसका म्यूजिक विशाल मिश्रा ने दिया है।

बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आंखों की गुस्तखियां’ सिर्फ एक प्यार की कहानी नहीं है। इसमें दिल को छू जाने वाले इमोशन्स भी हैं। इस फिल्म को लेकर सिनेप्रेमियों के बीच काफी एक्साइटमेंट है, जिसका एक कारण नवोदित अदाकारा शनाया कपूर भी हैं।

दरअसल शनाया, अभिनेता संजय कपूर और महीप कपूर की बेटी हैं और इस फिल्म के साथ अपना मच अवेटेड बॉलीवुड डेब्यू कर रही हैं और फिल्म में वो बेहद प्रतिभाशाली अभिनेता विक्रांत मैसी के अपोजिट हैं, जिनकी परफॉर्मेंस हमेशा नेचुरल और दिल से जुड़ी होती हैं।

तमिल स्पोर्ट्स ड्रामा ‘बाइसन कालामादन’ 17 अक्टूबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी……!

अप्लॉज एंटरटेनमेंट और नीलम स्टूडियोज़ द्वारा निर्मित और साउथ के प्रसिद्ध निर्देशक मारी सेल्वाराज द्वारा निर्देशित बहुप्रतीक्षित तमिल स्पोर्ट्स ड्रामा ‘बाइसन कालामादन’ 17 अक्टूबर को सिनेमाघरों में दस्तक देगी, और इस साल की सबसे बड़ी दिवाली रिलीज़ के तौर पर सामने आएगी।

इस फिल्म में ध्रुव विक्रम एक दमदार और अलग अवतार में नजर आएंगे। उनके साथ अनुपमा परमेश्वरन, डायरेक्टर आमिर, डायरेक्टर लाल, पसुपति और रजिशा विजयन जैसे शानदार कलाकारों की टीम भी शामिल है।

पीरियड एक्शन फिल्म ‘केसरी वीर : लेजेंड्स ऑफ सोमनाथ’ 16 मई को रिलीज होगी…..!

चौहान स्टूडियोज के बैनर तले कनु चौहान द्वारा निर्मित और प्रिंस धिमान द्वारा निर्देशित पीरियड एक्शन फिल्म ‘केसरी वीर : लेजेंड्स ऑफ सोमनाथ’ में अभिनेता सुनील शेट्टी एक निडर योद्धा, वेगड़ा जी की भूमिका में नजर आएंगे। इस महाकाव्य ड्रामा में वह पहली बार विवेक ओबेरॉय, सूरज पंचोली और नवोदित आकांक्षा शर्मा के साथ स्क्रीन स्पेस साझा करते हुए दिखाई देंगे।

हाल ही में आयोजित ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, दिग्गज अभिनेता ने इस फिल्म के मेकिंग की विस्तृत चर्चा करते हुए भारत के ऐतिहासिक योद्धा के बारे में एक कहानी बताने के बारे में बात की और कहा कि भारतीय योद्धाओं से जुड़ी जकारियां हमारे देश के प्रचलित पाठ्यक्रमों में शामिल नहीं की गई है जबकि औरंगजेब, अकबर और अन्य के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है।

मुझे लगता है कि अब उन अनकही कहानियों को बताने का समय आ गया है। दर्शक बदल गए हैं। ऐसे कई माध्यम हैं जिनके माध्यम से ये कहानियाँ उन तक पहुँच सकती हैं। केसरी वीर में हमीरजी गोहिल की कहानी की ओर उन्हें आकर्षित करने वाली बात का खुलासा करते हुएअभिनेता सुनील शेट्टी ने कहा, ‘हमारे पास 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं और प्रत्येक राज्य और प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश की अपनी कहानी है।

भारतीय योद्धाओं के जीवन गाथा पर आधारित फिल्मों का निर्माण होना चाहिए ताकि भारतीय जन मानस भारतीय योद्धाओं के बारे में जान सके। पीरियड एक्शन फिल्म ‘केसरी वीर : लेजेंड्स ऑफ सोमनाथ’ 16 मई को पैनोरमा स्टूडियोज द्वारा वर्ल्डवाइड रिलीज़ की जाने वाली है।

 

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