National Seminar : योग की शक्ति से ही स्वस्थ भारत का होगा निर्माण -डॉ.संजय सिंह
1 min read

REPORT BY LOK REPORTER
AMETHI NEWS ।
उच्च शिक्षा विभाग (उ.प्र.) द्वारा प्रायोजित एवं संस्कृत विभाग, आर.आर.पी.जी. कॉलेज द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार, विषय ‘योग की आवश्यकता: वर्तमान शिक्षा पद्धति के परिप्रेक्ष्य में’ पर आयोजित किया जा रहा है।
संगोष्ठी के प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.संजय सिंह,अध्यक्ष प्रबन्ध परिषद सेमिनार में शामिल हुए। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि योग की शक्ति से ही स्वस्थ भारत का निर्माण हो सकता है। संगोष्ठी का शीर्षक वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बिल्कुल फिट बैठता है।
संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.उमाकांत यादव ने किया और योग की उपादेयता पर विस्तृत प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि प्रो.शिवराम यादव,प्राचार्य डी.आर.पी.जी. सेवरा अयोध्या ने कहा कि योग एक अनुशासन है जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक अभ्यासों का मिश्रण है।
यह मन, शरीर, और आत्मा के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है। प्रो.मंशाराम वर्मा विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग, लालबहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोण्डा ने बताया कि योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। योग के कई फ़ायदे हैं।
साकेत पी.जी. कॉलेज,अयोध्या के प्राचार्य प्रो.दानपति तिवारी ने अपने व्याख्यान में कहा कि योग से तनाव,चिंता, और अवसाद कम होता है मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है।
डॉ.विनोद सिंह ने बताया कि योग और चिकित्सा का संयोजन अपने आप में अनूठा है योग से शरीर और व्यवहार में लचीलापन बढ़ता है, मुद्रा में सुधार होता है,ताकत बढ़ती है,प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है,मोटापा कम होता है,आत्मा शुद्ध होती है और जीवन शक्ति बढ़ती है।
सभी अतिथियों और वक्ताओं का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि योग के फ़ायदे असीमित हैं। संगोष्ठी में देश के कोने-कोने से शोधार्थी एवं प्राध्यापक लोगों ने प्रतिभाग किया और तकनीकी सत्र में अपने -अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।