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Book Fair : पुस्तकें जीवन बदलने का सशक्त माध्यम – अतुल भार्गव 

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REPORT BY GAURAV AWASTHI 

RAEBARELI NEWS।

आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति न्यास के तत्वाधान में जिले में पहली बार आयोजित नौ दिवसीय पुस्तक मेला के दूसरे दिन शहर के फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज सभागार प्रांगण में परिचर्चा में विभिन्न विषयों के विद्वानों ने प्रतिभाग किया। विद्वानों ने कहा कि किताबें जीवन बदलने का आधार हैं।

कालेज के प्रबंध मंत्री इंजीनियर अतुल भार्गव ने कहा कि पुस्तकें हमारे ज्ञान का भंडार हैं। पुस्तक पढ़ने से सोच का विस्तार होता है। लोग डिजिटल से हटकर किताबों की तरफ रुझान करना चाहिए।

पुस्तक मात्र खरीद फरोख्त का माध्यम नहीं हैं बल्कि अध्ययन अध्ययन और अध्ययन जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि किताबों से बौद्धिक ज्ञान मिलता है और किताबों को पढ़ने से मन को शांति मिलती है।

कालेज के प्राचार्य मनोज कुमार त्रिपाठी ने लक्ष्य गिरी का उदाहरण देते हुए बताया कि पुस्तकों के बीच पढ़े और बैठे हैं। पुस्तकों के जरिए दूसरों के अनुभव के माध्यम से सब कुछ जाना जा सकता है।

किताबों में मिलती है सभी जानकारियां : चंपा श्रीवास्तव 

हिंदी की पूर्व प्रवक्ता डॉक्टर चंपा श्रीवास्तव ने कहा कि खड़ी बोली के जनक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के सर्वांगीण स्वरूप को जन-जन तक पहुंचाने के लिए न्यास का प्रयास आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि लोग को किताबों की ओर आकर्षित होना चाहिए किताबों में सभी जानकारियां मिलती हैं।

रामा कृष्णा स्कूल के निदेशक जेपी त्रिपाठी ने कहा कि गुरु भगवान होता है। शिक्षा हमारी कुंजी है, जिसमें बड़ा परिवर्तन हो गया है। शिक्षा व्यावसायिक हो गई है। दुनिया में जो कुछ भी विकास हुआ है वह पुस्तकों के माध्यम से हुआ है। पुस्तकों को पढ़कर आज वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं। साधन और साध्य दोनों पवित्र होने चाहिए।

नई पीढ़ी को किताबों की ओर आकर्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी: डाॅ मनीष चौहान

सिमहेंस हास्पिटल के निदेशक डॉ मनीष चौहान ने कहा कि जीवन में सबसे अच्छा साथी किताब है।किताब पढ़ कर डॉक्टर बना हूं। पुस्तकों के माध्यम से उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई किया। देश दुनिया में आज भी पुस्तकों का बड़ा महत्व है।

पुस्तकों से हमें सर्वांगीण जानकारी मिलती है। किताबों से विचारों का आदान प्रदान होता है मोबाइल से दूर रहकर किताबों से ही अध्ययन करना चाहिए। डिजिटल पढ़ाई से नई जेनरेशन भटक रही है।

सहसंयोजक करुणा शंकर मिश्र ने स्वागत और घनश्याम मिश्र ने संचालन किया। इस मौके पर विनोद शुक्ला, अनिल मिश्रा, क्षमता मिश्रा, दीपमाला तिवारी , महेंद्र अग्रवाल, सुनील ओझा, रघुनाथ द्विवेदी, मनोज मिश्र, राम बाबू मिश्र, राजेंद्र सिंह राजन, ब्रजेश नाथ त्रिपाठी, सर्वेश त्रिपाठी, केशवानंद शुक्ला, दुर्गेश सिंह, दुर्गेश पांडेय, अमित सिंह, विक्रांत गुप्ता, वरुण देव, अमन देवानंद उपस्थित रहे।

पुस्तक मेले में पाठक उमड़े, बढ़ी पुस्तकों की बिक्री

पहले दिन विभिन्न स्कूलों और कॉलेज के छात्र-छात्राएं ने पुस्तक मेला देखने के लिए उत्सुक रहे। पुस्तक मेले में दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा, प्रयागराज, कानपुर के प्रकाशन और डिस्ट्रीब्यूटर ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं।

इनमें राष्ट्रीय प्रख्यात लेखकों की पुस्तकें धार्मिक ग्रंथ, वेद पुराण आदि के अलावा बच्चों की पुस्तकें, उपन्यास कविता संग्रह, आत्मकथाएं ज्ञानवर्धक पुस्तकें बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं।

जिले में पहली बार आयोजित पुस्तक मेला अनोखी और अमिट छाप छोड़ रहा है। लगातार प्रतिदिन पाठकों की संख्या बढ़ रही है। तीन दिन में हजारों की संख्या में दर्शकों ने आकर पुस्तक मेले का भ्रमण किया और पुस्तकें खरीदीं।

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