US deported 104 indians : अमेरिका द्वारा किया गया अमानवीय व्यवहार
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Report By – Aditya Singh
US deported 104 indians
हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है। इन सभी को एक अमेरिकी सैन्य विमान द्वारा भारत लाया गया, जो अमृतसर में उतरा। यह पहली बार है जब अमेरिका ने भारत के लिए सैन्य विमान का उपयोग करके निर्वासन किया है।
निर्वासित व्यक्तियों में से 33 हरियाणा, 33 गुजरात, 30 पंजाब, 3 महाराष्ट्र, 3 उत्तर प्रदेश, और 2 चंडीगढ़ से हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उड़ान के दौरान इन व्यक्तियों को हथकड़ी और बेड़ियों में बांधा गया था, जिसके कारण भारत में विरोध और आलोचना हो रही है।
यह अवैध भारतीय अप्रवासियों का पहला जत्था है जिसे अमेरिकी सरकार ने निर्वासित किया है। बता दें कि बीते दो हफ्ते की अवधि में भारत के अलावा भी कई देशों के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निर्वासित किया जा चुका है। सी-17 सैन्य विमान से भारत लौटाए जा रहे प्रवासियों के बारे में समाचार एजेंसी पीटीआई पर आई रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों पर अमल करते हुए अमेरिका आव्रजन कानूनों को कड़ा कर रहा है।
पहले 15 दिन में इन देशों के लोगों को भी डिपोर्ट किया जा चुका है।
बता दें कि ट्रंप प्रशासन बीते दो हफ्ते में सैन्य विमानों का उपयोग कर ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास में कई अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया है। अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के लिए सैन्य विमान भेजने वाले गंतव्यों में भारत अब तक का सबसे दूरस्थ स्थान है।
भारतीय संसद में विपक्षी सांसदों ने इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है और विदेश मंत्री से बयान देने की अपील की है।
विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया स्पष्टीकरण
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में अमेरिकी डिपोर्टेशन पर बयान दिया. एस जयशंकर ने कहा, ‘अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया कोई नई नहीं है. पहले भी अवैध प्रवासी भारतीयों को अमेरिका भेजता रहा है. अमेरिकी नियमों के मुताबिक यह कार्रवाई हुई है. अवैध इमिग्रेशन पर अमेरिका ऐसे ही कार्रवाई करता है. पहले भी इस तरह से ही अमेरिका से लोग वापस भेजे गए हैं. अवैध इमिग्रेशन पर अमेरिका ने यह कार्रवाई की है. वापसी की यह प्रक्रिया कोई नई प्रक्रिया नहीं है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर राज्यसभा में यूएस से डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह वैध माइग्रेशन को सपोर्ट करने और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करने लिए है. अवैध अप्रवासी वहां अमानवीय हालात में फंसे थे. अवैध रूप से विदेश में रहने वाले नागरिकों को वापस लेना सभी देशों का दायित्व है. उन्होंने आगे कहा कि कानूनी तरीके से आने-जाने को बढ़ावा देना और गैरकानूनी तरीके से रोकना, हमारे सबके हित में है. अमेरिका हर साल अवैध प्रवासियों को भेजता रहा है.
यह घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले हुई है, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से होने वाली है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि यह कदम अवैध प्रवास को रोकने के लिए आवश्यक है, जबकि भारत ने अवैध प्रवास के खिलाफ अपने रुख को दोहराया है और कहा है कि वह ऐसे मामलों में अमेरिका के साथ सहयोग करेगा।
अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (USBP) ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें निर्वासित भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में दिखाया गया है। USBP प्रमुख माइकल डब्ल्यू. बैंक्स ने कहा, “यदि आप अवैध रूप से पार करते हैं, तो आपको हटा दिया जाएगा।”
अमेरिकी सरकार ने हाल ही में 5,000 से अधिक प्रवासियों को निर्वासित करने की योजना बनाई है, जिसमें सैन्य विमानों का उपयोग किया जा रहा है। इस घटना ने भारत और अमेरिका के बीच प्रवासन नीतियों और मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दिया है।