जिलाधिकारी ने संचारी रोगों से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी
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वाराणसी । वर्तमान में संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया आदि के प्रसार की संभावना को देखते हुए इन बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मच्छरों के प्रजनन के संभावित स्रोतों को ख़त्म करना बहुत जरूरी है।
पहली अक्टूबर से शुरू होने वाले संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान के संदर्भ में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने एडवाइजरी जारी की है | इसके अनुसार सभी सरकारी व निजी कार्यालयों को निर्देशित है कि वह अपने कार्यालयों व संस्थानों में संचारी रोगों के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए स्रोतों को नष्ट करने के लिए अपने कार्यालय व संस्थान के किसी एक अधिकारी व कर्मचारी को नोडल अधिकारी नामित करते हुए उनका नाम, पदनाम एवं मोबाइल नंबर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को तत्काल प्रेषित करें। इसके साथ ही अपने कार्यालय में पानी इकट्ठा होने वाले स्थलों व सामानों का निरीक्षण करते हुए प्रतिदिन साफ-सफाई कराना सुनिश्चित करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से गठित सर्विलांस टीम कार्यालयों का निरीक्षण एवं आवश्यक सुझाव प्रदान करने में मदद करे। किसी वेक्टर जनित रोगों के फैलने की संभावना पाये जाने पर कार्यालयाध्यक्ष व नामित नोडल अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
*डीएम* ने निर्देशित किया है कि नगर निगम क्षेत्र, समस्त नगर पालिका, नगर पंचायतों एवं सभी ग्रामों में फागिंग एवं ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जाए। निगरानी समितियों के माध्यम से संचारी रोग एवं दस्तक अभियान का प्रचार-प्रसार कराया जाए। इस समय बरसात के मौसम में प्राय: शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नालियां जाम हो जा रही हैं , इसके लिए नालियों की साफ-सफाई प्रतिदिन कराते रहें। आशा एवं एएनएम के माध्यम से जनपद में बुखार के मरीजों को चिन्हित कर उनकी जांच डेंगू, मलेरिया के लिए अवश्य कराएं ताकि डेंगू एवं मलेरिया के मरीजों का पता लगाया जा सके और उनका उचित उपचार किया जा सके । स्कूलों में बच्चों को साफ-सफाई एवं वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करें तथा स्कूली बच्चों को बतायें कि अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें। रोगों से बचाव के लिए घर-घर सप्लाई होने वाले पानी की भी जांच कराई जाए।
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि शासन के निर्देश के क्रम में अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए विभाग तैयारियों में जुटा है। संचारी रोगों का प्रसार अधिक न हो इसके लिए ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में फागिंग, एंटी लार्वा छिड़काव, ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव का कार्य लगातार किया जा रहा है।
रोकथाम और नियंत्रण के लिए बरतें यह सावधानी –
– साप्ताहिक आधार पर घरेलू जल भंडारण कंटेनरों को ढंकना, खाली करना और साफ करना।
– घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य बर्तनों, नारियल के खोल, टायरों में पानी जमा न होने देना।
– पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना।
– बरसात के मौसम के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हों।
– सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
– मच्छरों के काटने से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय जैसे कीटनाशक से उपचारित बेडनेट, कॉइल और वेपोराइज़र का उपयोग किया जा सकता है।
– मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
– निरंतर वेक्टर नियंत्रण के लिए सामुदायिक भागीदारी और गतिशीलता में सुधार लाना।