फसल की समस्या के समाधान के लिए निदान प्रणाली पर करें पंजीकरण
1 min readकिसान अपनी फसल की समस्या के निदान हेतु सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली पर पंजीकरण करें । धान की फसल में साउदर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड Dwarf वायरस के प्रकोप के दृष्टिगत पहचान एवं उनके प्रबंधन, परीक्षण एवं शोध के उपरांत उक्त वायरस के प्रकोप की आशंका के दृष्टिगत सघन निगरानी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस रोग की पहचान के लक्षण परिलक्षित होने पर तत्काल पौधों की प्रारंभिक अवस्था में अत्यधिक प्रकोप की संभावना होती है, प्रकोपित पौधे बौने हो जाते हैं, पौधों की पत्तियां गहरे हरे रंग की होती हैं, कल्ले मुरझाने लगते हैं, जड़ों का विकास रुक जाता है व धीरे-धीरे भूरे रंग में बदल जाती है जिससे प्रभावित कल्ले खींचने पर आसानी से उखड़ जाते हैं, पौधे की शीथ पर काली धारियां बनती हैं, बालियों में दाने कम बनते हैं अथवा नहीं बनते हैं, इसका प्रकोप एकल अथवा 4 से 8 पौधों के समूह में होता है, इस वायरस का वाहक कीट सफेद पीठ वाला फुदका होता है। इस वायरस का प्रकोप धान की 12 विभिन्न प्रजातियां में पीवी 1962, 1718, 1121, 1509, 1847, पीआर 114, 136, 130,131 एवं पायनियर् हाइब्रिड स्विफ्ट गोल्ड और सीएसआर 30 में देखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके उपचार हेतु नर्सरी के प्रकोपित पौधे रोपित नहीं करना चाहिए, पौधे को उखाड़कर दूर मिट्टी में गहरा दबा दें, खेत के चारों ओर मेड़ों के खरपतवारों को निकालकर सफाई करें, जमीन के पास सफेद पीठवाला फुदका के प्रकोप दिखाई देने वाले खेतों की सप्ताहिक रूप से गहन निगरानी करें, खेतों में 3-20% प्रकोपित पौध दिखाई देने पर उसे उखाड़ कर उसके स्थान पर स्वस्थ पौधों का रोपड़ करें, प्रकोप से बचाव हेतु सफेद पीठ वाला फुदका के नियंत्रण हेतु बुप्रोफेजीन् 25%, एसपी की 800 मिलीलीटर मात्रा अथवा एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एस.पी. की 100 ग्राम मात्रा अथवा डिनोटेफ्यूरान् 20 प्रतिशत मात्रा, एसजी 150 से 200 ग्राम मात्रा अथवा फ्लोनिकामिड 50%, डब्लू जी की 150 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसल की समस्या के निदान हेतु सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के मोबाइल नंबर 9452247111 एवं 9452257111 पर अपना पंजीकरण अथवा अपना नाम, ग्राम का नाम, विकासखंड का नाम, जनपद का नाम लिखते हुए एसएमएस अथवा व्हाट्सएप पर भेजें। किसान घर पर रहते हुए संबंधित समस्या के निदान की सूचना 48 घंटे के अंदर मोबाइल पर होगी।