फसलों की सुरक्षा के लिए किसान परेशान
1 min readउत्तर प्रदेश में अब किसानो को कटीले तार की बाड़ से फसल बचाने का तरीका छोड़ना होगा। जानवरों से फसल बचाने के लिए खेत में जानलेवा ब्लेड वाला या कटीला तार लगाने वालों को जेल भी जाना पड़ सकता है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। सभी जिला अधिकारियों को इस आदेश का पालन करवाने का सख्त निर्देश दिया गया है।इसका उल्लंघन करने वालों पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
यूपी में अब फसल बचाने के लिए ब्लेड वाली बाड़ लगाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।ऐसा करने पर अब जेल भी जाना पड़ सकता है।उत्तर प्रदेश शासन ने इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश का पालन करवाने की बात कही है।
सरकार के आदेश के मुताबिक, इस प्रतिबंध के बाद जानवरों को खेत में घुसने से रोकने के लिए किसान साधारण रस्सी का प्रयोग करें। खेत में ब्लेड या कटीले तारों का प्रयोग करने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई की जाएगी
गौरतलब है कि फसल को बचाने के लिए लगाए जाने वाले कटीले तारों की वजह से अक्सर जानवर घायल और अपंग हो जाते हैं।कई बार तो जानवरों की मौत तक हो जाती है।
फसल बचाने के लिए किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मौसम की मार से लेकर फसलों में रोग लग जाने जैसी कई समस्याएं किसानों के सामने आती रहती हैं। इसके साथ ही किसानों को खेतों में आवारा पशुओं के घुस जाने से कई बार खड़ी फसलों को बहुत नुकसान होता है।
इससे किसानों को आर्थिक तौर पर काफी घाटा होता है।आवारा पशुओं से किसानों की फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसान अक्सर कटीले तार लगाते हैं।मगर, यूपी सरकार के इस फैसले के बाद किसान अब खेतों में कटीले तार नहीं लगाए जा सकते।
सरकार के इस फरमान से किसानों के सामने आवारा पशुओं ,नीलगाय जैसे जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए भारी संकट उत्पन्न हो जाएगा। किसानों के लिए योगी सरकारी नया आदेश किसी वज्रपात से कम नहीं है I एक किसानों पर मौसम की बेरूखी ने काफी परेशान कर रखा था I और नए आदेश फसल को बचाने का संकट बढ़ गया है I
आवारा पशुओं की व्यवस्था करने की कोशिशें फेल हो चुकी हैं I उस इस आदेश से किसानों को अपनी फसलों को बचाने के लिए एक बार फिर खेतों में रात गुजारनी होगी I किसानों का मानना है कि जेल से अच्छा खेतों में रात गुजारना ठीक रहेगा I लेकिन जानकारों का मानना है कि प्रदेश का किसान पहले से ही परेशान है, कहीं ये आदेश सरकार को भारी न पड़े I इससे आग में घी पड़ने के समान होगा I यही नाराजगी आने वाले समय में सरकार को नुकसान उठाना पड़ सकता है I फिलहाल सरकारी आदेश का अनुपालन करना है I किसानों आने वाले समय में नील गाय, आवारा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए दो-चार होना पड़ेगा I यूपी में अब फसल बचाने के लिए ब्लेड वाली बाड़ लगाने पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई होना तय है I