कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संजय गांधी अस्पताल बंद करने को लेकर किया सत्याग्रह प्रदर्शन
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AMETHI NEWS ।
जनपद के मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित संजय गांधी अस्पताल में 22 वर्षीय विवाहित महिला दिव्या शुक्ला की ऑपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया दिए जाने के बाद बिगड़ी हालत और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। जिसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमेठी डाक्टर अंशुमान सिंह ने पहले स्पष्टीकरण देने हेतु अस्पताल को नोटिस जारी किया।
लेकिन उसी के अगले दिन अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया। अस्पताल को सेल करते हुए उसकी ओपीडी आईपीडी सहित तमाम सेवाएं बंद कर दी गई। यह जिले का सबसे बड़ा निजी अस्पताल है जहां पर साढे 300 बेड मौजूद है यही नहीं इस अस्पताल में वेंटिलेटर ऑक्सीजन के साथ-साथ तमाम अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधा मौजूद है।
बताते चलें कि यह अस्पताल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा संचालित किया जाता है। इस ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी और सदस्य राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी हैं। संजय गांधी अस्पताल पर इस तरह की गई कार्यवाही को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि तमाम आम जनमानस और किसान संगठनों के द्वारा लगातार विरोध दर्ज कराया जा रहा है और अस्पताल को खोलने की मांग की जा रही है।
अस्पताल में कार्यरत लगभग 450 कर्मचारी अचानक सड़क पर आ गए हैं। वह बेरोजगार हो गए हैं । लोगों के द्वारा धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को ज्ञापन दिया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के द्वारा आज से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय गौरीगंज के सामने सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया गया है।
यह सत्याग्रह आंदोलन कांग्रेस पार्टी के पूर्व एमएलसी एवं नेता दीपक सिंह तथा जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनमानस का भी सहयोग प्राप्त है। बड़ी संख्या में लोग जनपद मुख्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सामने टेंट लगाकर जमीन पर बैठ कर बापू का प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन, सीताराम” सुन रहे हैं।
इन लोगों का कहना है कि जब तक संजय गांधी अस्पताल को बहाल नहीं किया जाता है । तब तक हम लोग इसी तरह शांतिपूर्ण तरीके से सत्याग्रह आंदोलन करते रहेंगे। यही नहीं संजय गांधी अस्पताल के सस्पेंड लाइसेंस को बहाल करने के साथ-साथ इन लोगों की यह भी मांग है कि जिले की तमाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर समुचित व्यवस्थाएं और डॉक्टर की नियुक्ति की जाए।
जिससे अमेठी की जनता को चिकित्सकीय सुविधा का सामना न करना पड़े। लोगों का यह भी कहना है कि जांच के बाद जो भी दोषी डॉक्टर हो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाए।