पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं- संयुक्त मोर्चा
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अमेठी। पुरानी पेंशन बहाली के लिए शिक्षक और कर्मचारी संगठनों का आन्दोलन जारी है। बुधवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने 22सूत्री मांगों को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी संगीता सिंह को ज्ञापन सौंपा। निजीकरण भारत छोड़ो रथयात्रा 26जून को समाप्त होगी।अटेवियन्स ने आन्दोलन के दूसरे और तीसरे चरण की तैयारी शुरू कर दी है। एक अक्टूबर को देश की राजधानी में प्रस्तावित पेंशन शंखनाद रैली में जाने के लिए टिकटों की बुकिंग शुरू हो गई है।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा और एन ओ पी एस के नेतृत्व में पिछले एक दशक से चल रहे आंदोलन का लाभ कर्मचारियों को मिलने लगा है। विपक्षी दल और कांग्रेस शासित कई राज्यों ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है। पुरानी पेंशन की मांग के मामले में अब तक पूरी तरह नकारात्मक रवैया अपना रही केन्द्र की सरकार दबाव में है।
सरकार ने एन पी एस के बदले सुनिश्चित पेंशन योजना लागू करने और अंतिम वेतन का अधिक तम 45फीसदी न्यूनतम पेंशन देने पर विचार किया है। एन पी एस कर्मी और अटेवियन्स इस प्रस्ताव को पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में एक कदम मान रहे हैं।
पूर्व मा शि संघ के अध्यक्ष अब्दुल रसीद ने कहा कि सरकार एक बार फिर आंदोलन को डायवर्ट और कमजोर करने की साज़िश कर रही है।
शिक्षक और कर्मचारी संगठनों को एकजुटता के साथ आन्दोलन जारी रखना है। विजय कुमार बंधु और अटेवा का संघर्ष निर्णायक दौर में है। पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई अटेवा के नेतृत्व में ही जीती जायेगी। बहुत संभावना है नमो सरकार एक अक्टूबर के पहले ओ पी एस बहाल करने की घोषणा कर दे।
पुरानी पेंशन हमारी बुढ़ापे की लाठी है-मंजीत
हर कर्मचारी को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देती है।एन पी एस को खत्म करके कोई अन्य पेंशन स्कीम/सुनिश्चित पेंशन योजना आदि सम्बन्धित वित्त मंत्री और केन्द्र सरकार के प्रस्ताव सरकार की अपनी कार्ययोजना है। अटेवियन्स को पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं।एक देश में पेंशन के दो विधान नहीं होने चाहिए।
सांसदों को घेरेंगे अटेवियंस
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर चल रहे आंदोलन के क्रम में शिक्षक और कर्मचारी जुलाई, अगस्त और सितम्बर के महीने में अपने अपने सांसदों को घेरेंगे। उनके घर घंटी बजाएंगे और ओ पी एस लागू करने के लिए समर्थन की मांग करेंगे।