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बड़ा ही मनमोहक है सातनपुरवा का “कमलाकर शिव मंदिर”

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अमेठी।
क्षेत्र के सातन पुरवा गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर जो कमल की आकृति में बना है और इसे कमलाकार शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है।जो अपने खूबसूरत रूप के चलते भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है I  महा शिवरात्रि के अवसर पर आयोजित होने वाले उत्सव में बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां भक्ति भाव में एकत्रित होकर जलाभिषेक करते हैं।शारदीय नवरात्रि में इसी परिसर में दुर्गा पूजा का आयोजन होता है।सावन मास और मलमास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पर रुद्राभिषेक भी कराते हैं।

सिंहपुर ब्लाक मुख्यालय और प्रसिद्ध मां अहोरवा देवी के स्थान से ठीक पांच किमी पर अहोरव भवानी हैदरगढ़ मार्ग स्थित सातन पुरवा गांव में यह शिव मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए भी विख्यात है।ग्राम प्रधान अनिल कुमार पांडेय का कहना है कि इस मन्दिर का निर्माण कब हुआ यह बता पाना मुश्किल है परंतु किमदंती है कि यह मंदिर पांडवकालीन है और महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान मां अहोरवा देवी और उसरहा स्थित मां मोक्षेश्वरी की खोज कर पूजा अर्चना की थी उसी समय सातनपुरवा स्थित भगवान शिव के कमलाकार शिव मंदिर में पूजा अर्चना की थी, यह प्राचीन शिव मंदिर गांव के पूर्वी छोर पर बना हुआ है I

1997 में दक्षिण भारत से कुछ लोग इस प्राचीन शिव मन्दिर की जानकारी करने के लिये आए थे तो गांव के ही विजय कुमार पांडेय जी ने उन लोगो को मंदिर के बारे में जानकारी दी थी।स्वास्थ्य विभाग से सेवा निवृत्त विजय कुमार पांडेय ने बताया कि “जहाँ तक मुझे पता है कि मन्दिर की देखभाल करने वालों मे सबसे पहले बूढे बाबा का नाम आता है , बाबा जी का वास्तविक नाम क्या था यह मेरे लिए बता पाना मुश्किल है जैसे जैसे हम लोग बड़े हुये तब उस समय मन्दिर की देखभाल और पूजा पाठ का काम देबऊ बाबा करते थे ।

बूढे बाबा की समाधि के चारों ओर एक मनमोहक फुलवारी थी।उसी फुलवारी के फूलों से देबऊ बाबा नित्य पूजा करते थे ।धीरे धीरे समय बीतता गया गांव का माहौल बदला और देबऊ बाबा नही रहे और ना उनकी फुलवारी रही अभी मन्दिर के सामने पीपल का वृक्ष है और दाहिनी तरफ बरगद का प्राचीन पेड़ और इसी मन्दिर के पास गांव की प्राचीन बाजार लगती है जो सप्ताह मे दो दिन ,मंगलवार और शुक्रवार ” को लगती है।

प्रत्येक सुबह भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने वाले भक्तों की भारी भीड़ जुटती है और संध्या वंदन के लिए भी भक्त जुटते हैं।महाशिवरात्रि को रतजगा में ऊं नमः शिवाय का जाप होता है।इसके अलावा भी भक्त अपनी श्रद्धानुसार मंदिर पर ऊं नमः शिवाय का आयोजन करते रहते हैं।

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