नव वर्ष जो तुम अबकी आना, घर-घर में खुशियां बरसाना
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नये वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में जिया साहित्य मंच की ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का शानदार आयोजन 31 दिसम्बर 2022 अपराह्न 3-30 बजे से 6 बजे तक हुआ | इसमें भारत के साथ साथ विदेशों से भी सुप्रसिद्ध कविगण जुड़े थे | मुख्य अतिथि के रूप में बेंगलुरु की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मंजु गुप्ता “लता” की उपस्थिति ने काव्य गोष्ठी की शान बढ़ाई | उन्होंने अपनी मधुर आवाज में “नव वर्ष जो तुम अबकी आना, घर-घर में खुशियां बरसाना |” सुन्दर गीत से काव्य गोष्ठी में चार चाँद लगाए | डॉ मंजू गुप्ता सेवा निवृत शिक्षिका हैं और निरंतर साहित्य सेवा कर रही हैं | बचपन से ही उनको रंगमंच, नाटक अभिनय एवं संगीत व कला से जुड़ाव रहा, साथ ही काव्य लेखन कहानियों और संस्मरण आदि लिखने में रुचि रही I
साहित्य की हर विधा में वह लिखती हैं | एक काव्य संग्रह *अंतर्मन के मोती* और *भोर का प्रणाम* प्रकाशित हो चुके हैं। एवं एक गीत संग्रह, कथा कहानियाँ प्रकाशन के लिए अग्रसर हैं
सबसे पहले बेंगलुरु से रीता सिंह ने स्वागत उद्बोधन किया | उधमपुर उत्तराखंड से सुबोध कुमार शर्मा ने माँ सरस्वती वंदना से काव्य गोष्ठी का शुभारम्भ किया व एक कविता प्रस्तुत की | बैंगलोर से उषा कंसल ने “समर्पित मेरा सर्वश्रेष्ठ इस देश के लिए “, गुना मध्य प्रदेश से विजय गोडसेले ने “तेरी पलकों से पी है बेखुदी मैंने आंखों में ना रखे ” औरया से रचना शर्मा ने ” बढ़कर स्वागत करते हैं हम साल के आखिरी दिन पर नव वर्ष का ” कोटा राजस्थान से विष्णु शंकर मीणा ने “कृष्ण तुझसे कुछ प्रश्न पूछ रही हूं,” मधुबनी बिहार से रंजन लाल ने “चला हूं सजाने जरा मौसिक़ी को, दिलों में बसाने मेरी शायरी को ” गाजियाबाद से संजीव निगम “अनाम” ने “सारे ही इस्ति’आरे किए बे नक़ाब पर, कोई तेरे मुक़ाबिले पाया नहीं गया ” जौनपुर से सागर सिंह, मोही ने “मौसम को चल हवा दें, कुछ खा़स किस्म की, दोहा कतर से एम डी रामालक्ष्मी ने “हस मृदु अर्ध विकसित कली की तरह बोलनी श्याम की बांसुरी की तरह ” हरियाणा से राजश्री गौड़ ने “विगत वर्ष ने दीं ख़ुशी थोड़ी मगर ज़्यादा रुलाया है।कि अब स्वागत करो नवहर्ष से नववर्ष आया है।” आदि सुन्दर प्रस्तुति दी |
” मुश्किलों से न डर पथिक,सफर रूहानी कर पथिक ” उज्जैन से उषा सोलंकी ने, हरियाणा दिवस पर निधि शर्मा ने, “मैं हूँ वो पागल पुरवाइया पवन जो सबका दिल के उड़ी है “मणिमाला ने प्रस्तुत की | बेंगलुरु से रीता सिंह ने मंच संचालन किया व नव वर्ष का संकल्प कविता प्रस्तुत की | मणिमाला ने काव्य गोष्ठी की समीक्षा की |.ओटावा कनाडा से रश्मि सिन्हा, राखी सरोज, शिमला से पवन भारद्वाज, आबू रोड राजस्थान से शिवा सिंहल, नवादा बिहार से पीयूष राजा, भोपाल से सुनीता तिवारी, कानपुर से नीलम खेमका, गोण्डा से सुधीर श्रीवास्तव, मुंबई से चंद्रमोहन नीले, आदि सभी कवियों ने अपनी सुन्दर रचनाओं से 31दिसम्बर 2022 की शाम को यादगार बना दिया |