पियक्कड़ों पर चढ़ा होली का सबाब , ढ़ाई करोड़ की पी डाली शराब
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अमेठी। होली के गीत संगीत सुनते ही लोगो के मिजाज बदल जाते है। गीत गुनगुनाना शुरु हो जाता है। होली शब्द निकलते ही हिन्दुस्तानी हुड़दंग से रिश्ता जोड़ देते हैं। “खाने को भंग,नहाने को गंग,चढ़ाई का तुरंग, उढय का दुशाला ,कि दय मृग नयनी का दैय मृगशाला” के बोल के बीच फाग गीत का गायन होता रहा। लेकिन सभ्यता के बदलाव की बयार चल रही है।
होली आई रे,रंग,गुलाल के खेल अब मस्ती मे बदल रहा है। नशे में होली पर्व की डोली चल पड़ी है। झूमते हुए लोग अब स्मैक,भांग, गांजा,देशी,चरस,कोकीन,अफीम, देशी मदिरा और बिदेशी मदिरा मे तल्लीन हो चले। नशे में टल्ली लोगो ने चिन्ता से मुक्ति,खुशी को गले लगाने में ढ़ाई करोड़ की मदिरा होली को रंगीन करने में पी डाली।
इस नशे ने कल्लू सोनी को अमेठी शहर में मौत के घाट उतार दिये । परिवार शोक में है, बेटी के हाथ पीले होना भी अधूरा रह गया। भाजपा की उत्तर प्रदेश मे सरकार है, ढ़ाई करोड़ की मदिरा के बिक्री से मिलने वाले टैक्स से खुश हैं I लेकिन कितनो के घर कंगाली आ गई। लोग गरीबी की कोढ में लिपट जायेंगे । इसका खमियाजा समाज भुगतेगा। विश्व गुरु का तमगा कैसे लेंगे।
यह मदिरा से मिलने वाले टैक्स ही बीबीआईपी अमेठी की गरीब बस्ती का जीवन तय करेगी। अभी शनिवार को अमेठी जिले की दिशा की समीक्षा बैठक हुई। जिसमे जनप्रतिनिधियों की बात सुनकर लोग आवाक रह गये। एक नेता ने अपने भतीजे से रिश्वत की उल्टी करवायी। सर्व शिक्षा अभियान की मुखिया और जनता को छत देने वाले जनप्रतिनिधियों की बात को अनसुनी करना। ये सवाल उठता है कि कही ना कही प्रशासन -शासन ने क्यों छूट दे रखी है।
यह सरकार के प्रमुख सचिव ही जबाब दे सकते है। सरकार ने जरूर अधिकारी के पर काटे है। जितनी देशी मदिरा और बिदेशी मदिरा से लोगो ने होली मे गला तर किया। उससे कम अप मिश्रित मदिरा का पान भी लोगो ने किया तो ये अतिशयोक्तिपूर्ण नही है। क्योकि कम रकम में कैसे होली रंगीन हो।
यह शराब माफियाओ को रेट का भेंट भी तय करना पडता है। तो भी कुछ लेकिन केमिकल ने सब आसान कर दिया। नागरिक सुरक्षा थोडी ढ़ीली हुई। होली को रंगीन बना दिया। ऐसे टैक्स वाली रकम से जिला कितना तरक्की करेगा। यह तो सरकार के आंकड़े ही बता पाएंगे।