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आध्यात्म, विज्ञान का योग सर्वोदय को जन्मदाता-रमेश चन्द्र शर्मा

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रविवार को प्रसिद्ध गांधीवादी नेता ,महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर आचार्य विनोबा भावे एवं भूदान आंदोलन विषय पर वेबीनार आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि‌ गांधी शांति प्रतिष्ठान के पूर्व निदेशक गांधीवादी चिंतक रमेश चंद शर्मा ने कहा कि अध्यात्म एवं विज्ञान का योग सर्वोदय को जन्म देता है, वहीं राजनीति एवं विज्ञान का योग सर्वनाश की स्थिति पैदा करता है। आचार्य विनोबा भावे की गांधी जी से 7 जून, 1916 को मुलाकात हुई और अपना जीवन सदैव के लिए गांधी जी को समर्पित कर दिया। विनोबा भावे जी तर्क पर आधारित सामाजिक व्यवस्था बनाने के पक्षधर थे।
विशिष्ट अतिथि एस डी कालेज मुजफ्फरनगर इतिहास विभाग के प्रोफेसर अशोक त्रिपाठी ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे ऐसे संत थे जिन्होंने अपने साधन के साथ ही साध्य से कभी समझौता नहीं किया जिससे भूदान आंदोलन सफल रहा। जमींदारो से कहा कि आप हमें एक पुत्र मानकर भूदान यज्ञ में सम्मिलित हो। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में ग्राम दान की अवधारणा को वास्तविक धरातल पर लाया।

प्राचार्य प्रोफेसर पी के श्रीवास्तव ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे ने सिद्ध किया कि अगर हमारे अंदर इच्छा शक्ति है तो कोई भी सामाजिक परिवर्तन कर सकते हैं।आज सबसे अधिक मुकदमे भूमि को लेकर है उसी देश में लाखों एकड़ भूमि भूदान यज्ञ में पर्याप्त किया।

अतिथियों का स्वागत करते हुए वेबीनार के संयोजक डॉ धनन्जय सिंह ने कहा कि भूदान आंदोलन में आचार्य विनोबा भावे ने गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांत को साधन बनाया।वे अहिंसा की उपासना में अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया। उनका कहना था कि अहिंसा में दुनिया के सभी समस्याओं को हल करने की ताकत है।

अवधी साहित्य संस्थान अमेठी अध्यक्ष डॉ अर्जुन पांडेय ने कहा कि आचार्य विनोबा भावे वास्तविक भारत रत्न थे। उन्होंने गांधी जी के विचारों को आगे बढ़ाते हुए समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी भूमि दिलाने में महती भूमिका निभाई। सभी के प्रति आभार डॉ अजय कुमार सिंह ने व्यक्त किया। वेबीनार में डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ दिनेश बहादुर सिंह, डॉ विनोद कुमार मिश्रा, श्रीमती श्वेता द्विवेदी, डॉ देवेन्द्र कुमार मिश्रा, डॉ ज्योति सिंह, डॉ सीमा सिंह, डॉ मनीषा सिंह , शिक्षक छात्र छात्राएं प्रतिभाग किया।

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