सड़क ऐसी बनी कि उसे छोड़ पगडण्डी पर चलने को मजबूर
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अमेठी। सड़क की हालत इस कदर खराब है कि तारकोल लेपित गिट्टी उधड गयी। लोग बोल्डर पर चलने के बजाय सड़क से कन्नी काट रहे है। और सड़क छोड़कर पगडण्डी से लोगो का आवागमन कर रहे है।
जिले के विकास खण्ड भेटुआ की ग्राम पंचायत भरेथा है। ग्राम पंचायत का चयन वर्ष 2016-2017 मे कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना मे किया गया। सम्पर्क मार्ग अमेठी-दुर्गापुर रोड से पूरे मोतीराम का पुरवा तक योजना से सड़क काली हुई। लेकिन पांच साल मे सड़क जर्जर हो चली। बोल्डर उधड आए। राहगीर अब सड़क छोड़कर पगडण्डी से आना जाना शुरु कर दिए हैं ।
ग्रामीण बिहारी लाल,श्याम नारायण,सालिक राम,रोशनी,अर्चना,दशरथ का कहना है कि सरकार अपनी जेब भरने मे लगी है,जनता की परवाह नही है। सड़क मार्ग योजना को लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड ने जमकर लूट लिया। पांच वर्ष मे सड़क खस्ताहाल हो चली है, गढ्ढा मुक्त सिर्फ दिखावा है।
बीडीसी धर्मेश कुमार ने सड़क की जांच करवाने की मांग किए है। सड़क बनाने वाली निर्माण एजेंसी सड़क कोडिंग क्यों नही किया। इससे जाहिर है कि जान बूझकर ऐसा किया जा रहा है। सरकार का अभियन्ताओ के ऊपर कोई दबाव नही है। भ्रष्टाचार की पूरी छूट दे रखी है।
जिला पंचायत सदस्य जगन्नाथ पाण्डेय ने सड़क निर्माण कार्य की जांच की मांग उठाई। सडक के कोडिंग ना होने पर अभियन्ताओ को दोषी करार दिया है। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद से सड़क के कोडिंग करने,दोषी अभियन्ताओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग किया है।
ब्लाक प्रमुख भेटुआ आकर्ष शुक्ल का कहना है कि भेटुआ ब्लाक की डेढ दर्जन सड़क कोडिंग नम्बर न होने की ख़बर ग्रामीण बता रहे है, प्रधान और बीडीसी ने शिकायत की है। प्रशासन और शासन सड़क की कोडिंग करने का काम किया जाए। अन्यथा कार्यवाही के अपने अधिकार का प्रयोग करेेंगे। धरना-प्रदर्शन करके हक की मांग करेेंगे।
लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड अमेठी अधिशाषी अभियन्ता से बात करने का प्रयास किए। लेकिन बात नही हो सकी। जबकि अभियन्ता का कहना है कि सडक का कोडिंग नही है। इस नाते सडक का पुनर्निर्माण कार्य नही हो पा रहा है। मरम्मत कार्य नही हो सकता है। क्योंकि सडक टूट चुकी है।