मनरेगा में अब नहीं हो पाएगी मजदूरों से वसूली ..
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अर्जुन सिंह भदौरिया
लखनऊ I
अब मनरेगा मजदूरों की हाजिरी के लिए एनएमएमएस एप को अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अब कार्यस्थल पर आए मजदूरों की फोटो खींचकर अपलोड करनी होगी। इस योजना को जिले के सभी ब्लाकों में लागू किया जाएगा।
मनरेगा में उपस्थिति के नाम पर होने वाली मनमानी पर लगाम लगाने की कवायद शुरू हो गई है। 20 या इससे अधिक मजदूरों के होने की दशा में एनएमएमएस ऐप से हाजिरी अनिवार्य थी और 20 श्रमिक से कम होने की दशा में मन्युवल मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज करने की छूट थी।अब उपस्थिति तक उपस्थिति दर्ज नहीं होगी, जब तक सभी मजदूर कार्यस्थल पर नहीं जाएंगे। इसके लिए नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) एप को एक जनवरी से अनिवार्य कर दिया गया है। सभी ब्लाकों में धीरे-धीरे इसे लागू किया जा रहा है। इस सुविधा के बाद मस्टररोल तैयार करने में होने वाले भ्रष्टाचार के खेल को लेकर किया जाने वाला खेल रुक सकेगा?
जॉब कार्ड बनाकर दी जाती है मजदूरी
मनरेगा का जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी शासन द्वारा उनके खाते में दी जाती है। इस तरह की शिकायतें अक्सर आती हैं कि जो लोग गांव में नहीं हैं, उनका नाम भी मस्टररोल में शामिल कर लिया जाता है जो गांव में नहीं हैं या प्रधान और रोजगार सेवक अपने जेबी ऐसे लोगों के नाम मस्टररोल तैयार करते समय दर्ज कर लेते हैं जो कभी काम करने नहीं जाते हैं और उनसे बाद में कुछ पैसे देकर रुपए वापस ले लेते हैं। इन अनियमितताओं को खत्म करने के लिए एनएमएमएस एप को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। जिलों में जिला विकास अधिकारियों की निगरानी से ब्लाकों में तेजी यह व्यवस्था लागू हो रही है।और 01 जनवरी से अब कोई भी मस्टररोल एनएमएमएस ऐप के जरिए ही फीड होगा।सिर्फ प्रधान मंत्री आवास और व्यक्तिगत कार्यों में एनएमएमएस ऐप से छूट रहेगी।
ऐसे दर्ज होगी उपस्थिति-
एनएमएमएस एप के जरिए रोजगार सेवक या सचिव कार्यस्थल पर जाएंगे। इस एप में लोकेशन स्वत: अपलोड हो जाएगा। वहीं सभी मजदूरों को बुलाया जाएगा और एक साथ फोटो लेकर अपलोड करनी होगी। फोटो अपलोड करने के बाद मस्टररोल खुलेगा और उसे भरकर उपस्थिति दर्ज की जाएगी। मैनुअल मस्टररोल तुरंत नहीं तैयार किया जाता है, जिससे लगातार भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती है। हर सप्ताह ब्लाक के अधिकारियों की बैठक कर एनएमएमएस एप से उपस्थिति दर्ज करने की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी।
अचानक मनरेगा साइट से गायब हुए सैकड़ों मस्टररोल
यूपी के अमेठी जनपद के सिंहपुर विकास क्षेत्र की लगभग 40 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के सौ से अधिक मस्टररोल रन कर रहे थे लेकिन एनएमएमएस के अनिवार्य होते ही सभी रन कर रहे मस्टररोल ही लापता हो गए हैं।अब ताज्जुब इस बात का है कि या तो रन कर रहे मास्टररोलों द्वारा चल रहे कार्य फर्जी थे।या मस्टररोल पर चढ़े श्रमिक ही फर्जी चढ़ाए गए थे। अब यदि ऐसे मजदूर उन मास्टर रोल पर दर्ज थे जिन्होंने वास्तव में मजदूरी की है तो उन श्रमिकों को मजदूरी कैसे मिलेगी ?